Widal Test

वाइडल टेस्ट (Widal Test) क्या है?

वाइडल टेस्ट एक सीरोलॉजिकल टेस्ट है, जिसका उपयोग टाइफाइड बुखार (Typhoid Fever) के निदान के लिए किया जाता है। यह टेस्ट शरीर में Salmonella Typhi और Salmonella Paratyphi बैक्टीरिया के खिलाफ उत्पन्न एंटीबॉडी की उपस्थिति का पता लगाता है।

टाइफाइड संक्रमण आमतौर पर संक्रमित पानी और भोजन से फैलता है और इसमें बुखार, कमजोरी, पेट दर्द और अपच जैसे लक्षण होते हैं।


वाइडल टेस्ट के लिए आवश्यक मशीनें

  1. इनक्यूबेटर (Incubator)
    • ब्लड सैंपल को सही तापमान (37°C) पर रखने के लिए उपयोग किया जाता है।
  2. सेंट्रीफ्यूज मशीन (Centrifuge Machine)
    • रक्त को सीरम और कोशिकाओं में अलग करने के लिए उपयोग की जाती है।
  3. लाइट माइक्रोस्कोप (Light Microscope) (यदि स्लाइड टेस्ट हो)
    • कभी-कभी एंटीजन-एंटीबॉडी रिएक्शन का निरीक्षण करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  4. शेकिंग मशीन (Rotator/Shaker Machine)
    • एंटीजन और एंटीबॉडी के अच्छे मिश्रण के लिए ब्लड सैंपल को हिलाने के लिए उपयोग होता है।

वाइडल टेस्ट के लिए आवश्यक रसायन

  1. वाइडल एंटीजन किट (Widal Antigen Kit)
    • इसमें Salmonella Typhi और Paratyphi के O और H एंटीजन होते हैं।
    • यह एंटीजन ब्लड सैंपल में मौजूद एंटीबॉडी के साथ प्रतिक्रिया करके एग्लूटिनेशन (Agglutination) यानी कणों के गुच्छे बनाने की क्रिया करता है।
  2. फिजियोलॉजिकल सलाइन (Physiological Saline)
    • यह ब्लड सैंपल को पतला करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  3. नॉर्मल सालिन (Normal Saline) या डिस्टिल्ड वॉटर
    • एक्स्ट्रा एंटीजन को हटाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

वाइडल टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे पढ़ें और समझें?

1. रिपोर्ट में “टाइटर वैल्यू” का महत्व

वाइडल टेस्ट रिपोर्ट टाइटर (Titer) वैल्यू के रूप में दी जाती है, जो यह बताती है कि सीरम को कितने बार पतला करने के बाद भी एंटीजन-एंटीबॉडी की प्रतिक्रिया दिखाई देती है।

  • टाइटर वैल्यू 1:80 से कम → सामान्य या नेगेटिव परिणाम (संक्रमण की संभावना नहीं)।
  • टाइटर वैल्यू 1:160 या अधिक → पॉजिटिव परिणाम (टाइफाइड होने की संभावना)।
  • टाइटर वैल्यू 1:320 या अधिक → सक्रिय संक्रमण की संभावना (गंभीर टाइफाइड)।

2. O और H एंटीजन का महत्व

  • O एंटीजन (Somatic Antigen) → सक्रिय संक्रमण दर्शाता है।
  • H एंटीजन (Flagellar Antigen) → पुराना या पहले का संक्रमण दर्शाता है।

उदाहरण सहित रिपोर्ट की व्याख्या

उदाहरण 1 (नेगेटिव रिपोर्ट)

अगर किसी मरीज की रिपोर्ट में:

  • O एंटीजन टाइटर = 1:40
  • H एंटीजन टाइटर = 1:40

इसका मतलब है कि टाइफाइड संक्रमण की संभावना कम है, क्योंकि टाइटर वैल्यू बहुत कम है।

उदाहरण 2 (संदिग्ध केस)

अगर किसी मरीज की रिपोर्ट में:

  • O एंटीजन टाइटर = 1:160
  • H एंटीजन टाइटर = 1:80

इसका मतलब है कि संक्रमण हो सकता है, लेकिन डॉक्टर इसे कंफर्म करने के लिए ब्लड कल्चर टेस्ट या पुनः वाइडल टेस्ट (चार दिन बाद) करने की सलाह देंगे।

उदाहरण 3 (पॉजिटिव केस – टाइफाइड संक्रमण)

अगर किसी मरीज की रिपोर्ट में:

  • O एंटीजन टाइटर = 1:320
  • H एंटीजन टाइटर = 1:160

इसका मतलब है कि मरीज को सक्रिय टाइफाइड संक्रमण है और उसे तुरंत इलाज की जरूरत है


निष्कर्ष

  • वाइडल टेस्ट टाइफाइड संक्रमण की पहचान करने में मदद करता है, लेकिन इसे अकेले अंतिम निर्णय के रूप में नहीं लिया जाता।
  • रिपोर्ट में टाइटर वैल्यू 1:160 या अधिक होने पर टाइफाइड संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
  • अगर रिपोर्ट संदिग्ध है, तो डॉक्टर दोबारा टेस्ट करवाने या ब्लड कल्चर टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।
  • टेस्ट पॉजिटिव आने पर डॉक्टर एंटीबायोटिक थेरेपी शुरू कर सकते हैं।
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