Western Blot Test – To confirm HIV infection.
Western Blot टेस्ट – एचआईवी संक्रमण की पुष्टि के लिए
यह टेस्ट क्यों किया जाता है?
Western Blot टेस्ट HIV संक्रमण की पुष्टि (Confirmation Test) के लिए किया जाता है। जब HIV ELISA टेस्ट पॉजिटिव आता है, तब इसकी पुष्टि करने के लिए Western Blot टेस्ट किया जाता है। यह परीक्षण HIV-1 और HIV-2 वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी की उपस्थिति की पहचान करता है।
क्योंकि ELISA टेस्ट कभी-कभी झूठे पॉजिटिव (False Positive) हो सकते हैं, इसलिए यह टेस्ट आवश्यक होता है। यह उन मामलों में भी किया जाता है जहां मरीज की HIV स्थिति संदिग्ध (Indeterminate) हो।
Western Blot टेस्ट से किन बीमारियों का पता चलता है?
- HIV संक्रमण (Human Immunodeficiency Virus Infection) – यह संक्रमण प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है और शरीर को विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों के प्रति संवेदनशील बना देता है।
- AIDS (Acquired Immunodeficiency Syndrome) – HIV संक्रमण का उन्नत चरण, जहां प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से प्रभावित होती है।
- HIV-1 और HIV-2 भेदभाव (Differentiation of HIV-1 and HIV-2) – यह परीक्षण यह भी निर्धारित कर सकता है कि व्यक्ति HIV-1 से संक्रमित है या HIV-2 से।
Western Blot टेस्ट कैसे किया जाता है?
1. ब्लड सैंपल लिया जाता है
- मरीज की नस से ब्लड लिया जाता है, जिसे सीरम या प्लाज्मा में अलग किया जाता है।
- सीरम को स्टोर करके Western Blot टेस्ट के लिए प्रयोग किया जाता है।
2. प्रोटीन का पृथक्करण (Protein Separation by Electrophoresis)
- सैंपल को SDS-PAGE (Sodium Dodecyl Sulfate-Polyacrylamide Gel Electrophoresis) नामक तकनीक से जांचा जाता है।
- HIV वायरस के प्रोटीन (p24, gp41, gp120, gp160) एक जेल (Gel) में अलग किए जाते हैं।
3. नाइट्रोसेल्यूलोज मेम्ब्रेन पर स्थानांतरण (Protein Transfer to Nitrocellulose Membrane)
- इन प्रोटीन को जेल से निकालकर नाइट्रोसेल्यूलोज मेम्ब्रेन पर स्थानांतरित किया जाता है।
- यदि मरीज के रक्त में HIV एंटीबॉडी मौजूद हैं, तो वे इन प्रोटीन से चिपक जाते हैं।
4. एंटीबॉडी का पता लगाना (Detection of Antibodies)
- HIV संक्रमित व्यक्ति के सीरम को इस मेम्ब्रेन पर डाला जाता है।
- यदि व्यक्ति संक्रमित है, तो एंटीबॉडी HIV प्रोटीन से जुड़ जाती हैं।
- इसके बाद एंजाइम-लिंक्ड सेकेंडरी एंटीबॉडी और सब्सट्रेट मिलाया जाता है, जिससे बैंड्स (Bands) विकसित होते हैं।
5. रिजल्ट की व्याख्या (Interpretation of Results)
- Western Blot टेस्ट HIV के विभिन्न प्रोटीन बैंड्स को दिखाता है।
- इन बैंड्स को देखकर डॉक्टर निर्णय लेते हैं कि मरीज HIV पॉजिटिव, निगेटिव या संदिग्ध है।
इस टेस्ट को करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें
- Electrophoresis Apparatus – प्रोटीन को अलग करने के लिए।
- Blotting System – प्रोटीन को मेम्ब्रेन पर ट्रांसफर करने के लिए।
- ELISA Reader या Chemiluminescence Reader – एंटीबॉडी बैंड्स को देखने के लिए।
- Automated Western Blot Analyzer – बड़े पैमाने पर परीक्षण के लिए स्वचालित मशीन।
Western Blot टेस्ट के लिए आवश्यक रसायन (Reagents and Chemicals)
- HIV प्रोटीन से कोटेड नाइट्रोसेल्यूलोज मेम्ब्रेन
- SDS-PAGE (Sodium Dodecyl Sulfate-Polyacrylamide Gel Electrophoresis) Reagents
- Blocking Buffer – नॉन-स्पेसिफिक बाइंडिंग रोकने के लिए।
- Primary Antibody (Patient’s Serum) – मरीज का ब्लड सैंपल।
- Secondary Antibody Conjugated with HRP (Horseradish Peroxidase) – डिटेक्शन के लिए।
- TMB या ECL Substrate – रंग विकसित करने के लिए।
- Washing Buffers (PBS, Tween-20) – अतिरिक्त रसायनों को हटाने के लिए।
Western Blot रिपोर्ट को कैसे समझें?
1. पॉजिटिव रिपोर्ट (Positive Result)
- यदि HIV के महत्वपूर्ण प्रोटीन (gp41, gp120/gp160, p24) के स्पष्ट बैंड्स दिखाई देते हैं, तो रिपोर्ट पॉजिटिव मानी जाती है।
- इसका मतलब है कि मरीज HIV संक्रमित है और उसे इलाज की जरूरत है।
2. निगेटिव रिपोर्ट (Negative Result)
- यदि कोई बैंड नहीं दिखता है, तो रिपोर्ट निगेटिव होती है, यानी व्यक्ति को HIV संक्रमण नहीं है।
3. अनिर्णायक रिपोर्ट (Indeterminate Result)
- यदि केवल एक या दो बैंड दिखते हैं और पूर्ण HIV पैटर्न नहीं बनता, तो रिपोर्ट संदिग्ध (Indeterminate) होती है।
- ऐसे मामलों में 3-6 महीने बाद पुनः परीक्षण करने की सलाह दी जाती है।
उदाहरण द्वारा रिपोर्ट को समझना
केस 1: 30 वर्षीय पुरुष, जिसे ELISA टेस्ट में HIV पॉजिटिव आया था।
- Western Blot में gp41, gp120, p24 बैंड्स दिखाई दिए।
- इसका मतलब है कि व्यक्ति HIV पॉजिटिव है।
केस 2: 25 वर्षीय महिला, जिसे HIV संक्रमण का संदेह था।
- ELISA टेस्ट पॉजिटिव आया, लेकिन Western Blot में कोई स्पष्ट बैंड नहीं मिला।
- इसका मतलब है कि ELISA ने झूठा पॉजिटिव दिया था और महिला HIV निगेटिव है।
केस 3: 40 वर्षीय पुरुष, जो हाल ही में संभावित संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया था।
- ELISA टेस्ट पॉजिटिव, लेकिन Western Blot में केवल p24 बैंड दिखा।
- इसे Indeterminate रिपोर्ट माना जाता है, और 3 महीने बाद पुनः परीक्षण की सलाह दी जाती है।
HIV संक्रमण के उपचार के लिए सुझाव
1. एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) शुरू करना
- यदि HIV पुष्टि हो जाती है, तो Tenofovir, Lamivudine, Dolutegravir, Efavirenz जैसी दवाएं दी जाती हैं।
- ART लेने से वायरल लोड घटता है और मरीज सामान्य जीवन जी सकता है।
2. नियमित परीक्षण और मॉनिटरिंग
- हर 3-6 महीने में CD4 काउंट और वायरल लोड टेस्ट कराना जरूरी होता है।
3. सुरक्षित जीवनशैली अपनाना
- स्वस्थ आहार, व्यायाम और संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षित यौन संबंध और नियमित डॉक्टर परामर्श जरूरी होता है।
निष्कर्ष
Western Blot टेस्ट HIV संक्रमण की पुष्टि करने के लिए सबसे विश्वसनीय परीक्षणों में से एक है। यदि ELISA पॉजिटिव आता है, तो इस टेस्ट से यह तय किया जाता है कि व्यक्ति वास्तव में HIV पॉजिटिव है या नहीं। यदि समय पर HIV संक्रमण का पता चल जाए और उचित इलाज शुरू किया जाए, तो व्यक्ति स्वस्थ जीवन जी सकता है।