यूरिन कल्चर टेस्ट एक प्रयोगशाला जांच (Lab Test) है, जो यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि मूत्र (Urine) में बैक्टीरिया या फंगस मौजूद हैं या नहीं। यह टेस्ट आमतौर पर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का सही इलाज करने के लिए किया जाता है।
1. यूरिन कल्चर टेस्ट क्यों किया जाता है?
यदि किसी व्यक्ति को बार-बार यूरिन इन्फेक्शन (UTI) के लक्षण हो रहे हैं, तो डॉक्टर यह टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।
UTI के लक्षण:
- पेशाब करने पर जलन या दर्द
- बार-बार पेशाब आने की इच्छा
- पेशाब में बदबू या गाढ़ा रंग
- पेट के निचले हिस्से या पीठ में दर्द
- बुखार और ठंड लगना (गंभीर मामलों में)
अगर डॉक्टर को संदेह हो कि सामान्य एंटीबायोटिक से UTI ठीक नहीं हो रहा है या संक्रमण गंभीर है, तो यह टेस्ट किया जाता है।
2. यूरिन कल्चर टेस्ट कैसे किया जाता है?
(A) सैंपल कलेक्शन:
- मरीज को मिड-स्ट्रीम यूरिन सैंपल (Mid-stream Urine Sample) देने के लिए कहा जाता है।
- पेशाब करने से पहले प्राइवेट पार्ट को साफ करना ज़रूरी होता है, ताकि बाहरी बैक्टीरिया सैंपल में न आएं।
- यूरिन का पहला हिस्सा टॉयलेट में बहा दिया जाता है, और फिर बीच का हिस्सा साफ कंटेनर में इकट्ठा किया जाता है।
(B) कल्चर प्रोसेस:
- यूरिन को लैब में विशेष कल्चर मीडियम (Culture Medium) में डाला जाता है।
- 24 से 48 घंटे तक इसे गर्म तापमान (37°C) पर रखा जाता है।
- अगर बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, तो वे इस माध्यम में बढ़ने लगते हैं।
(C) बैक्टीरिया की पहचान और एंटीबायोटिक टेस्ट:
- अगर बैक्टीरिया बढ़ते हैं, तो माइक्रोस्कोप से उनकी पहचान की जाती है।
- एंटीबायोटिक सेंसिटिविटी टेस्ट किया जाता है, जिससे डॉक्टर को पता चले कि कौन-सी दवा सबसे असरदार होगी।
3. यूरिन कल्चर टेस्ट की रिपोर्ट कैसे समझें?
🔹 नेगेटिव रिपोर्ट (-) [No Growth]
- इसका मतलब है कि यूरिन में कोई बैक्टीरिया या फंगस नहीं मिला।
- इस स्थिति में UTI की संभावना कम होती है।
🔹 पॉजिटिव रिपोर्ट (+) [Bacterial Growth]
- इसका मतलब है कि यूरिन में बैक्टीरिया मिले हैं।
- रिपोर्ट में बैक्टीरिया का नाम दिया जाएगा, जैसे:
- Escherichia coli (E. coli) – सबसे आम कारण
- Klebsiella pneumoniae
- Pseudomonas aeruginosa
- Enterococcus faecalis
- एंटीबायोटिक सेंसिटिविटी रिपोर्ट:
- यह दिखाती है कि कौन-सी एंटीबायोटिक दवा संक्रमण को खत्म करने में असरदार होगी।
- डॉक्टर इसी के आधार पर दवा लिखते हैं।
4. यूरिन कल्चर टेस्ट से जुड़ी ज़रूरी बातें:
✔ टेस्ट के दौरान कोई एंटीबायोटिक न लें, क्योंकि यह रिपोर्ट को प्रभावित कर सकता है।
✔ यूरिन सैंपल को साफ कंटेनर में देना जरूरी है, ताकि रिपोर्ट सही आए।
✔ टेस्ट का नतीजा आमतौर पर 2-3 दिन में मिलता है।
✔ बार-बार यूरिन इन्फेक्शन होने पर डॉक्टर UTI का कारण जानने के लिए और जांचें (जैसे अल्ट्रासाउंड या ब्लड टेस्ट) कर सकते हैं।
अगर डॉक्टर ने यह टेस्ट करवाने के लिए कहा है, तो इसे समय पर कराना ज़रूरी है ताकि सही इलाज हो सके और संक्रमण न बढ़े।
यूटीआई (UTI) क्या होता है?यूटीआई (Urinary Tract Infection) यानी मूत्र मार्ग संक्रमण एक ऐसी स्थिति है, जिसमें बैक्टीरिया या फंगस यूरिनरी सिस्टम (मूत्र प्रणाली) में संक्रमण पैदा कर देते हैं। यह संक्रमण किडनी (गुर्दे), यूरिनरी ब्लैडर (मूत्राशय), यूरिनरी ट्यूब (यूरेथ्रा), और यूरिन पाइप (यूरेटर) को प्रभावित कर सकता है।—1. यूटीआई के प्रकारसंक्रमण जहां होता है, उसके आधार पर UTI को तीन प्रकारों में बांटा जाता है:1. सिस्टाइटिस (Cystitis) – मूत्राशय संक्रमणसबसे आम प्रकार का UTIयह संक्रमण तब होता है जब बैक्टीरिया मूत्राशय में बढ़ने लगते हैं।लक्षण:बार-बार पेशाब आनापेशाब करते समय जलन या दर्दपेशाब में खून आनापेट के निचले हिस्से में दर्द2. यूरिथ्राइटिस (Urethritis) – यूरिन ट्यूब संक्रमणजब बैक्टीरिया या वायरस यूरेथ्रा (Urethra) यानी पेशाब की नली को संक्रमित कर देते हैं।लक्षण:पेशाब करते समय तेज जलनसफेद या बदबूदार डिस्चार्ज (पुरुषों में अधिक आम)खुजली या असहज महसूस होना3. पाइलोनेफ्राइटिस (Pyelonephritis) – किडनी संक्रमणजब UTI का संक्रमण बढ़कर गुर्दों (Kidneys) तक पहुंच जाता है, तो यह गंभीर हो सकता है।लक्षण:तेज़ बुखार और ठंड लगनाकमर या पीठ में तेज दर्दमिचली (Nausea) या उल्टीपेशाब में खून या बदबू—2. यूटीआई के कारणयूटीआई का मुख्य कारण बैक्टीरिया (Bacteria) होते हैं, खासकर E. coli (Escherichia coli), जो आमतौर पर पेट में पाए जाते हैं और कभी-कभी पेशाब की नली में चले जाते हैं।अन्य कारण:✔ साफ-सफाई की कमी – गंदे टॉयलेट का इस्तेमाल या गलत तरीके से साफ करना✔ कम पानी पीना – यूरिन में बैक्टीरिया ज्यादा समय तक रहने से संक्रमण बढ़ सकता है✔ बाथरूम रोककर रखना – पेशाब को ज्यादा समय तक रोकने से बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं✔ गर्भावस्था (Pregnancy) – शरीर में बदलाव के कारण यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है✔ डायबिटीज (Diabetes) – हाई शुगर लेवल से बैक्टीरिया ज्यादा बढ़ सकते हैं✔ इम्यून सिस्टम कमजोर होना – किसी बीमारी या दवा के कारण—3. यूटीआई के लक्षणअगर आपको निम्न लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो यह UTI का संकेत हो सकता है:✅ बार-बार पेशाब आना✅ पेशाब करने में जलन या दर्द✅ पेशाब में बदबू या गाढ़ा रंग✅ पेट के निचले हिस्से या कमर में दर्द✅ बुखार, ठंड लगना (गंभीर मामलों में)✅ उल्टी या मिचली (अगर किडनी इंफेक्शन हो)—4. यूटीआई की जांच कैसे की जाती है?✅ यूरिन रूटीन टेस्ट (Urine Routine Test) – यूरिन में बैक्टीरिया, सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC), और अन्य तत्वों की जांच करता है।✅ यूरिन कल्चर टेस्ट (Urine Culture Test) – यह टेस्ट बैक्टीरिया की पहचान करता है और बताता है कि कौन-सी एंटीबायोटिक दवा सबसे असरदार होगी।✅ ब्लड टेस्ट (Blood Test) – गंभीर संक्रमण के मामलों में किया जाता है।✅ अल्ट्रासाउंड या सिटी स्कैन (Ultrasound/CT Scan) – अगर संक्रमण बार-बार हो रहा है या किडनी में समस्या हो।—5. यूटीआई का इलाज(A) एंटीबायोटिक दवाएं (Antibiotics):डॉक्टर यूरिन कल्चर रिपोर्ट के आधार पर सही एंटीबायोटिक दवा लिखते हैं।आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली दवाएं:Nitrofurantoin (नाइट्रोफ्यूरेंटोइन)Ciprofloxacin (सिप्रोफ्लोक्सासिन)Trimethoprim-Sulfamethoxazole (TMP-SMX)Amoxicillin-Clavulanate (अमोक्षिसिलिन-क्लैवुलेनेट)(B) घरेलू उपाय:✔ ज्यादा पानी पिएं – इससे बैक्टीरिया यूरिन के जरिए बाहर निकलते हैं।✔ क्रैनबेरी जूस (Cranberry Juice) – इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, लेकिन सिर्फ जूस से UTI ठीक नहीं होता।✔ पेशाब रोककर न रखें – जितना जल्दी हो सके, पेशाब करें।✔ साफ-सफाई का ध्यान रखें – प्राइवेट पार्ट को साफ और सूखा रखें।✔ गर्म पानी की सिकाई करें – पेट या कमर में दर्द हो तो हल्की गरम सिकाई करें।—6. यूटीआई से बचाव कैसे करें?✔ हर दिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।✔ टॉयलेट करने के बाद अच्छे से सफाई करें (महिलाओं को आगे से पीछे की ओर साफ करना चाहिए)।✔ बहुत ज्यादा कैफीन (चाय-कॉफी) और शराब पीने से बचें, क्योंकि ये यूरिनरी ट्रैक्ट को नुकसान पहुंचा सकते हैं।✔ संभोग (Intercourse) के बाद यूरिन करना जरूरी है, ताकि बैक्टीरिया बाहर निकल जाएं।✔ कॉटन के अंडरवियर पहनें और टाइट कपड़े न पहनें, ताकि हवा पास हो सके।—7. कब डॉक्टर से संपर्क करें?अगर आपको बार-बार UTI हो रहा है या लक्षण गंभीर हैं (जैसे तेज़ बुखार, पीठ में दर्द, खून वाला पेशाब), तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।अगर इलाज समय पर न किया जाए, तो UTI किडनी तक फैल सकता है और गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए इसे नज़रअंदाज़ न करें।
मिडस्ट्रीम यूरिन सैंपल क्या होता है?मिडस्ट्रीम यूरिन सैंपल (Midstream Urine Sample) वह पेशाब का नमूना (Sample) होता है, जो बीच के हिस्से का यूरिन होता है। इसका मतलब यह है कि जब आप पेशाब करते हैं, तो शुरुआती कुछ बूंदों को टॉयलेट में बहा देना होता है, और फिर बीच के भाग का यूरिन टेस्ट के लिए कंटेनर में इकट्ठा किया जाता है।—मिडस्ट्रीम यूरिन सैंपल क्यों लिया जाता है?✔️ सही और शुद्ध (Contamination-free) सैंपल पाने के लिए✔️ यूरिन कल्चर टेस्ट (Urine Culture Test) के लिए सबसे सटीक तरीका✔️ बाहरी बैक्टीरिया या अशुद्धियों से बचने के लिएअगर पेशाब के पहले हिस्से को इकट्ठा किया जाए, तो इसमें प्राइवेट पार्ट (गुप्तांग) पर मौजूद बैक्टीरिया या गंदगी मिल सकती है, जिससे रिपोर्ट गलत आ सकती है।—कैसे दें मिडस्ट्रीम यूरिन सैंपल?1️⃣ हाथ और प्राइवेट पार्ट को साफ करेंटॉयलेट जाने से पहले अपने हाथ साबुन से धो लें।महिलाओं को योनि क्षेत्र और पुरुषों को लिंग के सिरे को पानी से साफ करना चाहिए।2️⃣ पहले कुछ बूंदें टॉयलेट में छोड़ देंजब पेशाब करने लगें, तो शुरुआती 1-2 सेकंड का यूरिन टॉयलेट में बहा दें।3️⃣ बीच का यूरिन इकट्ठा करेंमूत्र का मिड-स्ट्रीम हिस्सा (यानी बीच का भाग) साफ कंटेनर में लें।4️⃣ बचे हुए पेशाब को टॉयलेट में बहा देंपूरा यूरिन कंटेनर में इकट्ठा करने की जरूरत नहीं है।5️⃣ कंटेनर को बंद करके तुरंत लैब में जमा करेंयूरिन सैंपल को 1 घंटे के भीतर लैब में पहुंचाना ज़रूरी है।अगर तुरंत नहीं भेज सकते, तो इसे फ्रिज में रखें (4°C पर 12 घंटे तक सुरक्षित रह सकता है)।—किन टेस्ट के लिए मिडस्ट्रीम यूरिन सैंपल ज़रूरी होता है?✅ यूरिन रूटीन टेस्ट (Urine Routine & Microscopy) – यूरिन में प्रोटीन, शुगर, ब्लड सेल्स आदि की जांच✅ यूरिन कल्चर टेस्ट (Urine Culture Test) – बैक्टीरिया की पहचान और सही एंटीबायोटिक चुनने के लिए✅ यूरिन ड्रग टेस्ट – शरीर में नशीले पदार्थों की जांच के लिए✅ प्रेग्नेंसी टेस्ट (Pregnancy Test) – यूरिन में hCG हार्मोन की जांच—सही सैंपल देने के लिए ज़रूरी बातें:✔ टेस्ट से पहले ज्यादा पानी न पिएं, वरना यूरिन पतला हो सकता है और रिपोर्ट गलत आ सकती है।✔ टॉयलेट में टच न करें – कंटेनर को शरीर या टॉयलेट सीट से न छुएं।✔ अगर आप एंटीबायोटिक ले रहे हैं, तो डॉक्टर को बताएं, क्योंकि इससे यूरिन कल्चर की रिपोर्ट प्रभावित हो सकती है।अगर डॉक्टर ने यूरिन कल्चर टेस्ट के लिए कहा है, तो मिडस्ट्रीम सैंपल देना बेहद ज़रूरी है, ताकि सही रिपोर्ट मिले और सही इलाज हो सके।