Total Leukocyte Count (TLC)
टोटल ल्यूकोसाइट काउंट (TLC – Total Leukocyte Count)
टोटल ल्यूकोसाइट काउंट (TLC) टेस्ट क्या है और यह कैसे किया जाता है?
टोटल ल्यूकोसाइट काउंट (TLC) टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है, जो रक्त में मौजूद श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC – White Blood Cells) की कुल संख्या को मापने के लिए किया जाता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) को समझने और संक्रमण या किसी अन्य बीमारी का पता लगाने में मदद करता है।
TLC की जांच कम्पलीट ब्लड काउंट (CBC) टेस्ट के तहत की जाती है। इस जांच के दौरान रक्त में मौजूद WBC की कुल संख्या को प्रति माइक्रोलिटर (µL) रक्त में मापा जाता है।
टेस्ट करने की प्रक्रिया:
- ब्लड सैंपल कलेक्शन:
- मरीज की हाथ या कोहनी की नस से रक्त का नमूना लिया जाता है।
- इस सैंपल को एंटीकोआगुलेंट युक्त ट्यूब (EDTA Tube) में रखा जाता है ताकि खून जमने न पाए।
- ब्लड सैंपल की जांच:
- यह सैंपल हेमेटोलॉजी एनालाइजर (Hematology Analyzer) नामक मशीन में डाला जाता है।
- मशीन ब्लड के सभी कोशिकाओं की संख्या मापती है और रिपोर्ट तैयार करती है।
TLC टेस्ट क्यों किया जाता है?
यह टेस्ट शरीर में संक्रमण (Infection), सूजन (Inflammation), इम्यून सिस्टम की समस्याओं और रक्त संबंधी बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है।
मुख्य कारण:
- बैक्टीरियल, वायरल, या फंगल संक्रमण का पता लगाने के लिए।
- रक्त कैंसर (Leukemia) या बोन मैरो डिसऑर्डर की पहचान के लिए।
- इम्यून सिस्टम की गड़बड़ियों को समझने के लिए।
- सूजन संबंधी बीमारियों (Inflammatory Disorders) की जांच के लिए।
- एंटीबायोटिक या कीमोथेरेपी के प्रभाव को मॉनिटर करने के लिए।
TLC टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?
- इन्फेक्शन (Infection):
- यदि TLC का स्तर बढ़ा हुआ है, तो यह दर्शाता है कि शरीर किसी संक्रमण से लड़ रहा है।
- बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन, फंगल इंफेक्शन, ट्यूबरकुलोसिस (TB) आदि में TLC बढ़ जाता है।
- ब्लड कैंसर (Leukemia या Lymphoma):
- यदि TLC बहुत अधिक बढ़ा हुआ है, तो यह ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) या बोन मैरो डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है।
- इस स्थिति में WBC की संख्या असामान्य रूप से अधिक हो जाती है।
- एलर्जी और ऑटोइम्यून बीमारियाँ:
- कुछ ऑटोइम्यून बीमारियाँ जैसे रूमेटॉयड आर्थराइटिस, ल्यूपस (SLE) में भी TLC बढ़ सकता है।
- एलर्जी या अस्थमा के मरीजों में भी WBC की संख्या बढ़ सकती है।
- इम्यून सिस्टम की कमजोरी (Immunodeficiency Disorders):
- यदि TLC बहुत कम है, तो यह HIV/AIDS, बोन मैरो की समस्या, या कीमोथेरेपी के प्रभाव को दर्शा सकता है।
TLC टेस्ट कैसे किया जाता है?
- ऑटोमेटेड हेमेटोलॉजी एनालाइजर द्वारा (Automated Hematology Analyzer):
- इस मशीन का उपयोग करके ब्लड सैंपल का विश्लेषण किया जाता है और सभी प्रकार के WBC की गणना की जाती है।
- मशीन जल्दी और सटीक परिणाम देती है।
- मैनुअल माइक्रोस्कोप विधि:
- कुछ मामलों में ब्लड स्मीयर को माइक्रोस्कोप से देखा जाता है।
- इसमें रक्त की एक छोटी बूंद को काँच की स्लाइड पर फैलाया जाता है और विशेष द्रव्य (Wright’s Stain, Leishman Stain) से रंगा जाता है।
- माइक्रोस्कोप के माध्यम से WBC की संख्या की गणना की जाती है।
TLC टेस्ट करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें
- Hematology Analyzer (CBC Analyzer Machine) – स्वचालित रूप से TLC और अन्य रक्त कोशिकाओं की गणना करता है।
- Automated Flow Cytometry – अधिक विस्तृत और सटीक गणना के लिए।
- Microscope – मैनुअल ब्लड स्मीयर जांच के लिए।
TLC टेस्ट करने के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायन (Reagents)
- EDTA (Ethylenediaminetetraacetic Acid): खून को जमने से रोकने के लिए।
- Diluting Fluids (Acetic Acid या Türk’s Fluid): WBC को अलग करने के लिए।
- Staining Reagents (Wright’s Stain, Leishman’s Stain): माइक्रोस्कोप जांच के लिए।
TLC टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझें? (उदाहरण सहित)
उदाहरण रिपोर्ट:
- TLC: 15,000/µL (बढ़ा हुआ)
- न्यूट्रोफिल्स: 80% (सामान्य से अधिक)
- लिम्फोसाइट्स: 15% (सामान्य)
रिपोर्ट की व्याख्या:
- यदि TLC 15,000/µL से अधिक है और न्यूट्रोफिल्स की संख्या बढ़ी हुई है, तो यह बैक्टीरियल संक्रमण को दर्शाता है।
- यदि लिम्फोसाइट्स की संख्या अधिक होती, तो यह वायरल संक्रमण या ऑटोइम्यून बीमारी का संकेत हो सकता था।
निष्कर्ष: इस रिपोर्ट के आधार पर मरीज को बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जिसके लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएँ लिख सकते हैं।
बीमारी का उपचार और सुझाव
- यदि TLC बढ़ा हुआ है (संक्रमण या सूजन के कारण):
- बैक्टीरियल संक्रमण हो तो एंटीबायोटिक्स लें (डॉक्टर की सलाह से)।
- वायरल संक्रमण हो तो आराम करें, हाइड्रेटेड रहें और पोषण लें।
- सूजन हो तो डॉक्टर के निर्देशानुसार एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएँ लें।
- यदि TLC बहुत अधिक है (ल्यूकेमिया या कैंसर की आशंका हो):
- स्पेशलिस्ट डॉक्टर से बोन मैरो टेस्ट और अन्य जांच कराएँ।
- कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी की जरूरत हो सकती है।
- यदि TLC बहुत कम है (इम्यून सिस्टम कमजोर हो):
- संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- पौष्टिक भोजन करें और डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाएँ लें।
- यदि कोई गंभीर कारण हो तो बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत हो सकती है।
निष्कर्ष:
TLC टेस्ट शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC) की कुल संख्या की जांच करता है, जिससे संक्रमण, कैंसर, एलर्जी और इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी का पता चलता है। यदि रिपोर्ट में कोई असमानता हो, तो डॉक्टर की सलाह लेकर उचित उपचार किया जाना चाहिए। यह टेस्ट शरीर की इम्यूनिटी का महत्वपूर्ण संकेतक है और इसे समय-समय पर करवाना फायदेमंद हो सकता है।