Tissue biopsy and PAS staining: To confirm the presence of fungus in the tissue sample.
टिशू बायोप्सी और PAS स्टेनिंग: फंगल संक्रमण की पुष्टि के लिए
1. यह टेस्ट क्यों किया जाता है?
Tissue Biopsy और Periodic Acid-Schiff (PAS) Staining का उपयोग ऊतकों (Tissues) में फंगस की मौजूदगी की पुष्टि करने के लिए किया जाता है।
मुख्य उद्देश्य:
- फंगल संक्रमण की सटीक माइक्रोस्कोपिक जांच करना।
- Histoplasmosis, Aspergillosis, Candidiasis, Mucormycosis जैसी गंभीर फंगल बीमारियों की पहचान करना।
- Invasive Fungal Infection (IFI) और Chronic Granulomatous Diseases की पुष्टि करना।
2. इस टेस्ट से किन बीमारियों का पता चलता है?
3. यह टेस्ट कैसे किया जाता है?
(A) बायोप्सी सैंपल लेने की प्रक्रिया
- Biopsy Site Selection: डॉक्टर संक्रमण प्रभावित ऊतक (त्वचा, फेफड़े, लिवर, अस्थि-मज्जा) से नमूना लेते हैं।
- Local Anesthesia: मरीज को दर्द न हो, इसके लिए लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है।
- Tissue Extraction: बायोप्सी सुई या स्केलपल की मदद से ऊतक निकाला जाता है।
- Fixation in Formalin: ऊतक को 10% Neutral Buffered Formalin में संरक्षित किया जाता है।
- Processing for Staining: ऊतक को Paraffin Wax Block में डाला जाता है और माइक्रो-सेक्शन बनाए जाते हैं।
(B) PAS स्टेनिंग की प्रक्रिया
- Dewaxing & Hydration: ऊतक को Xylene और Alcohol Series से साफ किया जाता है।
- Periodic Acid Treatment: ऊतक में मौजूद Polysaccharides को ऑक्सीडाइज़ किया जाता है।
- Schiff Reagent Application: अगर ऊतक में Fungal Cell Wall (Glycogen, Mannan, Chitin) मौजूद है, तो गहरा गुलाबी (Magenta) रंग आ जाता है।
- Microscopic Examination: माइक्रोस्कोप के नीचे फंगल संरचना की पहचान की जाती है।
4. इस टेस्ट के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें
5. उपयोग किए जाने वाले रसायन (Reagents)
6. रिपोर्ट कैसे पढ़ें और समझें?
(A) सामान्य रिपोर्ट (Negative Result)
- यदि PAS Staining के तहत कोई गुलाबी (Magenta) रंग की संरचना नहीं दिखती, तो फंगल संक्रमण नहीं पाया जाता।
(B) असामान्य रिपोर्ट (Positive Result)
- यदि फंगल तत्व गहरे गुलाबी या मैजेंटा रंग में दिखते हैं, तो संक्रमण मौजूद है।
- माइक्रोस्कोपिक रूप में हाइफ़े (Hyphae), यिस्ट (Yeast), स्पोर (Spores) की पहचान की जाती है।
Case Study Example:
एक 45 वर्षीय डायबिटिक मरीज को चेहरे पर सूजन और आंखों के पास दर्द की शिकायत थी।
Biopsy और PAS Staining में Mucormycosis (Black Fungus) के चौड़े, नॉन-सेप्टेट हाइफ़े (Broad, Non-septate Hyphae) दिखे।
डॉक्टर ने Liposomal Amphotericin B इंजेक्शन और सर्जरी की सलाह दी।
7. बीमारी का उपचार (Treatment Options)
(A) फंगल संक्रमण के लिए एंटीफंगल दवाएं
(B) सर्जिकल उपचार (Surgical Debridement)
- अगर संक्रमण बहुत गहरा फैल चुका हो, तो संक्रमित ऊतक को सर्जरी से हटाया जाता है।
- म्यूकरमायकोसिस (Mucormycosis) में सर्जरी बहुत जरूरी होती है।
8. निष्कर्ष
✅ Tissue Biopsy और PAS Staining एक सटीक टेस्ट है, जो गंभीर फंगल संक्रमणों की पहचान करने में मदद करता है।
✅ यह टेस्ट उन मरीजों के लिए जरूरी होता है, जिनमें इम्यूनो-सप्रेसन (Immunosuppression), डायबिटीज, ऑर्गन ट्रांसप्लांट या कैंसर जैसी स्थितियां हों।
✅ यदि PAS स्टेनिंग में फंगल हाइफ़े या यीस्ट तत्व दिखते हैं, तो तुरंत एंटीफंगल ट्रीटमेंट शुरू करना चाहिए।
अगर किसी मरीज को लंबे समय तक चलने वाला बुखार, वजन कम होना, त्वचा पर घाव या सांस लेने में दिक्कत हो, तो फंगल इंफेक्शन की पुष्टि के लिए टिशू बायोप्सी और PAS स्टेनिंग टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है।