Serum Iron

आयरन प्रोफाइल (Iron Profile) टेस्ट की विस्तृत जानकारी

1. आयरन प्रोफाइल (Iron Profile) टेस्ट क्या है और क्यों किया जाता है?

आयरन प्रोफाइल टेस्ट एक रक्त परीक्षण है, जिसका उपयोग शरीर में आयरन (लौह) के स्तर को मापने के लिए किया जाता है। आयरन शरीर के लिए एक आवश्यक खनिज है, जो हीमोग्लोबिन के निर्माण में मदद करता है। यह ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस टेस्ट को मुख्य रूप से आयरन की कमी (Iron Deficiency) या अधिकता (Iron Overload) का पता लगाने के लिए किया जाता है।

2. इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

आयरन प्रोफाइल टेस्ट निम्नलिखित बीमारियों और स्थितियों का पता लगाने में सहायक होता है:

  • एनीमिया (Anemia) – शरीर में आयरन की कमी से खून में हीमोग्लोबिन का स्तर गिर जाता है, जिससे थकान, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ होती है।
  • हीमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis) – यह एक आनुवंशिक विकार है, जिसमें शरीर में अत्यधिक आयरन जमा हो जाता है, जिससे अंगों को नुकसान हो सकता है।
  • क्रोनिक डिजीज एनीमिया (Anemia of Chronic Disease) – दीर्घकालिक बीमारियों के कारण शरीर में आयरन का असंतुलन हो सकता है।
  • थैलेसीमिया (Thalassemia) – यह एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसमें शरीर पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बना पाता।
  • लिवर डिजीज (Liver Disease) – आयरन का स्तर असामान्य होने से लिवर की बीमारियाँ हो सकती हैं।
  • किडनी डिजीज (Kidney Disease) – गुर्दों की समस्याओं से खून में आयरन का स्तर प्रभावित हो सकता है।

3. यह टेस्ट कैसे किया जाता है?

  • डॉक्टर या लैब तकनीशियन रोगी की कोहनी या हाथ की नस से रक्त का नमूना लेता है।
  • इस नमूने को विशेष परीक्षण मशीनों में प्रोसेस किया जाता है।
  • रिपोर्ट आमतौर पर 24 घंटे के भीतर उपलब्ध हो जाती है।

4. इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  • ऑटोमेटेड बायोकेमिस्ट्री एनालाइज़र (Automated Biochemistry Analyzer)
  • स्पेक्ट्रोफोटोमीटर (Spectrophotometer)
  • इलेक्ट्रोकेमिकल एनालाइजर (Electrochemical Analyzer)

5. इस टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  • फेरोजिनस सल्फेट (Ferrous Sulfate)
  • फेरिक क्लोराइड (Ferric Chloride)
  • बफर सॉल्यूशन (Buffer Solution)
  • कैलिब्रेशन स्टैंडर्ड (Calibration Standard)

6. टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझा जाता है?

आयरन प्रोफाइल टेस्ट में विभिन्न घटकों की जाँच की जाती है:

  • सीरम आयरन (Serum Iron) – यह रक्त में आयरन की कुल मात्रा को दर्शाता है। सामान्य सीमा पुरुषों में 65-176 µg/dL और महिलाओं में 50-170 µg/dL होती है।
  • ट्रांसफेरिन सैचुरेशन (Transferrin Saturation) – यह बताता है कि शरीर में कुल ट्रांसफेरिन में से कितना आयरन मौजूद है। सामान्य सीमा 20-50% होती है।
  • फेरिटिन (Ferritin) – यह शरीर में संग्रहित आयरन की मात्रा को दर्शाता है। सामान्य सीमा पुरुषों में 24-336 ng/mL और महिलाओं में 11-307 ng/mL होती है।
  • टीआईबीसी (Total Iron Binding Capacity, TIBC) – यह बताता है कि शरीर कितना आयरन बाँध सकता है। सामान्य सीमा 250-450 µg/dL होती है।

7. रिपोर्ट को उदाहरण सहित समझाना

उदाहरण 1: आयरन की कमी (Iron Deficiency Anemia)

  • सीरम आयरन – 40 µg/dL (कम)
  • फेरिटिन – 8 ng/mL (कम)
  • TIBC – 450 µg/dL (अधिक)
  • ट्रांसफेरिन सैचुरेशन – 10% (कम)

निष्कर्ष: मरीज को आयरन की कमी वाली एनीमिया है।

उदाहरण 2: आयरन की अधिकता (Hemochromatosis)

  • सीरम आयरन – 190 µg/dL (अधिक)
  • फेरिटिन – 400 ng/mL (अधिक)
  • TIBC – 220 µg/dL (कम)
  • ट्रांसफेरिन सैचुरेशन – 75% (अधिक)

निष्कर्ष: मरीज को हीमोक्रोमैटोसिस हो सकता है।

8. बीमारी के उपचार और सुझाव

  • आयरन की कमी (Iron Deficiency Anemia) का उपचार:
    • आयरन सप्लीमेंट (Ferrous Sulfate) लें।
    • हरी पत्तेदार सब्जियाँ, मांस, दालें, और ड्राई फ्रूट्स खाएँ।
    • विटामिन C युक्त आहार (नींबू, संतरा) लें ताकि आयरन का अवशोषण बेहतर हो।
  • आयरन की अधिकता (Hemochromatosis) का उपचार:
    • बार-बार रक्तदान (Phlebotomy) करवाएँ ताकि अतिरिक्त आयरन बाहर निकले।
    • आयरन युक्त आहार कम करें।
    • विटामिन C की अधिक मात्रा से बचें।
    • डॉक्टर से दवाओं (Deferoxamine जैसी आयरन चेलेटिंग एजेंट) के बारे में सलाह लें।
  • क्रोनिक डिजीज एनीमिया का उपचार:
    • मूल बीमारी का इलाज करें, जैसे कि गुर्दे या लिवर की समस्या।
    • डॉक्टर की सलाह से एरिथ्रोपोएटिन (Erythropoietin) इंजेक्शन लें।

निष्कर्ष

आयरन प्रोफाइल टेस्ट शरीर में आयरन की स्थिति का आकलन करने के लिए एक महत्वपूर्ण जांच है। इससे एनीमिया, हीमोक्रोमैटोसिस और अन्य रक्त विकारों का पता लगाया जाता है। यदि रिपोर्ट में असामान्यता पाई जाती है, तो डॉक्टर की सलाह से उचित आहार, दवाएँ या उपचार अपनाना चाहिए।

Scroll to Top