Serum Iron & Ferritin Test – To check for anemia and iron storage.
Serum Iron & Ferritin Test – एनीमिया और आयरन स्टोरेज की जांच के लिए।
Serum Iron & Ferritin Test – एनीमिया और आयरन स्टोरेज की जांच के लिए
यह टेस्ट क्यों किया जाता है?
Serum Iron और Ferritin टेस्ट शरीर में आयरन के स्तर और उसकी स्टोरेज क्षमता को मापने के लिए किया जाता है। यह विशेष रूप से एनीमिया (Anemia), आयरन ओवरलोड (Iron Overload) और क्रॉनिक डिजीज से जुड़ी समस्याओं की पहचान में मदद करता है।
मुख्य उद्देश्य:
- आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया (Iron Deficiency Anemia) का पता लगाना।
- आयरन की अधिकता (Hemochromatosis) की पहचान करना।
- क्रॉनिक डिजीज और इंफ्लेमेशन से जुड़ी आयरन की कमी (Anemia of Chronic Disease) को समझना।
- लिवर और बोन मैरो में आयरन स्टोरेज के स्तर को मापना।
- आयरन से जुड़ी दवाओं या सप्लीमेंट के प्रभाव की निगरानी करना।
इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?
Serum Iron और Ferritin टेस्ट से निम्नलिखित बीमारियों का पता लगाया जा सकता है:
1. आयरन की कमी से जुड़ी बीमारियां:
- Iron Deficiency Anemia (IDA) – जब शरीर में पर्याप्त आयरन नहीं होता, जिससे रेड ब्लड सेल्स बनने में दिक्कत होती है।
- Anemia of Chronic Disease (ACD) – लंबे समय तक संक्रमण या क्रॉनिक बीमारी के कारण शरीर में आयरन का असंतुलन हो सकता है।
2. आयरन की अधिकता से जुड़ी बीमारियां:
- Hemochromatosis – एक अनुवांशिक विकार जिसमें शरीर बहुत अधिक आयरन स्टोर करता है।
- Liver Cirrhosis और Hepatitis – लिवर से जुड़ी बीमारियों में आयरन का असामान्य स्तर पाया जाता है।
3. अन्य संबंधित समस्याएं:
- Thalassemia – एक अनुवांशिक रक्त विकार जिसमें शरीर में रेड ब्लड सेल्स बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
- Chronic Kidney Disease (CKD) – किडनी फेलियर में एनीमिया और आयरन असंतुलन पाया जाता है।
इस टेस्ट को कैसे किया जाता है?
1. सैंपल कलेक्शन (Sample Collection)
- इस टेस्ट के लिए रक्त का नमूना (Venous Blood Sample) लिया जाता है।
- इसे खाली पेट (Fasting) करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि भोजन से आयरन का स्तर प्रभावित हो सकता है।
2. टेस्ट प्रक्रिया (Test Procedure)
Serum Iron और Ferritin की जांच Spectrophotometry, Chemiluminescence, या Immunoassay विधियों से की जाती है।
Serum Iron Test प्रक्रिया:
- Serum Separation – रक्त को सेंट्रीफ्यूज कर सीरम को अलग किया जाता है।
- Iron Binding Reagents मिलाना – आयरन को विशेष रसायनों से बांधकर मापा जाता है।
- Spectrophotometry से जांच – रंग परिवर्तन के आधार पर आयरन की मात्रा मापी जाती है।
Serum Ferritin Test प्रक्रिया:
- Immunoassay तकनीक का उपयोग – फेरीटिन एंटीबॉडी के साथ प्रतिक्रिया कर इसका स्तर मापा जाता है।
- Chemiluminescence या ELISA विधि – अत्यधिक सटीकता के लिए।
इस टेस्ट को करने के लिए कौन-कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?
- Automated Biochemistry Analyzer – आयरन और फेरीटिन के स्तर को मापने के लिए।
- Chemiluminescence Immunoassay (CLIA) System – Ferritin का सटीक निर्धारण करने के लिए।
- ELISA Reader – Enzyme-Linked Immunosorbent Assay (ELISA) विधि द्वारा फेरीटिन का पता लगाने के लिए।
- Centrifuge Machine – रक्त से सीरम अलग करने के लिए।
टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?
- TIBC (Total Iron Binding Capacity) Reagents – आयरन को बांधने और मापने के लिए।
- Ferrozine Dye – आयरन को Spectrophotometry द्वारा पहचानने के लिए।
- Anti-Ferritin Antibodies – फेरीटिन का पता लगाने के लिए।
- Chemiluminescent Substrate – फेरीटिन की माप में सिग्नल उत्पन्न करने के लिए।
टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?
Serum Iron Normal Range:
- पुरुषों में: 65-175 µg/dL
- महिलाओं में: 50-170 µg/dL
- बच्चों में: 50-120 µg/dL
Serum Ferritin Normal Range:
- पुरुषों में: 24-336 ng/mL
- महिलाओं में: 11-307 ng/mL
- बच्चों में: 7-140 ng/mL
रिपोर्ट की व्याख्या:
- Serum Iron कम और Ferritin कम → Iron Deficiency Anemia का संकेत।
- Serum Iron कम लेकिन Ferritin सामान्य या अधिक → Anemia of Chronic Disease।
- Serum Iron अधिक और Ferritin अधिक → Hemochromatosis या Iron Overload।
उदाहरण:
- अगर किसी व्यक्ति का Serum Iron 40 µg/dL और Ferritin 10 ng/mL है, तो यह आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया (IDA) का संकेत देता है।
- अगर Serum Iron 200 µg/dL और Ferritin 500 ng/mL है, तो यह Hemochromatosis की ओर इशारा करता है।
बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव
1. Iron Deficiency Anemia का उपचार:
- आयरन सप्लीमेंट (Ferrous Sulfate, Ferrous Gluconate) – डॉक्टर की सलाह से।
- आयरन युक्त आहार – पालक, चुकंदर, मांस, अनार, सेब, और सूखे मेवे।
- Vitamin C का सेवन बढ़ाएं – यह आयरन के अवशोषण में मदद करता है।
2. Anemia of Chronic Disease का उपचार:
- मूल बीमारी का उपचार करें – जैसे किडनी डिजीज, इंफेक्शन, या कैंसर।
- Erythropoietin Therapy – किडनी की बीमारी के मामलों में।
3. Iron Overload (Hemochromatosis) का उपचार:
- Phlebotomy (रक्त दान) – आयरन की अधिकता को कम करने के लिए।
- Chelation Therapy – यदि रक्तदान संभव न हो तो आयरन कम करने की दवा दी जाती है।
निष्कर्ष:
Serum Iron और Ferritin टेस्ट शरीर में आयरन की स्थिति का सही आकलन करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। यह न केवल एनीमिया की पहचान करता है, बल्कि आयरन ओवरलोड जैसी स्थितियों को भी समझने में मदद करता है। सही निदान होने पर उचित उपचार से स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है।