Serum Amylase & Lipase Test

Serum Amylase & Lipase Test – To diagnose pancreatitis.

Serum Amylase & Lipase Test – पैंक्रियाटाइटिस की जांच के लिए।

Serum Amylase & Lipase Test – पैंक्रियाटाइटिस की जांच के लिए

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

Serum Amylase और Lipase टेस्ट का उपयोग पैंक्रियास (अग्न्याशय) से जुड़ी समस्याओं की पहचान के लिए किया जाता है। यह मुख्य रूप से पैंक्रियाटाइटिस (Pancreatitis) यानी अग्न्याशय में सूजन के निदान में मदद करता है।

Amylase और Lipase, दोनों एंजाइम अग्न्याशय द्वारा बनाए जाते हैं और पाचन क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब अग्न्याशय में सूजन या चोट होती है, तो इन एंजाइमों का स्तर रक्त में बढ़ जाता है।

इस टेस्ट को निम्नलिखित कारणों से किया जाता है:

  • तीव्र (Acute) और दीर्घकालिक (Chronic) पैंक्रियाटाइटिस की पहचान के लिए।
  • पित्ताशय की पथरी (Gallstones) और पित्ताशय से जुड़ी समस्याओं की जांच के लिए।
  • पैंक्रियास कैंसर का संकेत पाने के लिए।
  • पाचन समस्याओं, पेट दर्द, मतली और उल्टी के कारण का पता लगाने के लिए।
  • पैंक्रियास की अन्य बीमारियों (जैसे सिस्ट या ब्लॉकेज) की पहचान के लिए।

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

Serum Amylase और Lipase टेस्ट से निम्नलिखित बीमारियों की पहचान की जा सकती है:

  1. तीव्र (Acute) पैंक्रियाटाइटिस – जब अग्न्याशय में अचानक सूजन होती है, तो Amylase और Lipase का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है।
  2. क्रॉनिक (Chronic) पैंक्रियाटाइटिस – लंबे समय तक चलने वाली सूजन, जिससे अग्न्याशय को स्थायी क्षति हो सकती है।
  3. गॉलब्लैडर स्टोन (Gallstones) – यदि पित्त की नलिकाएं अवरुद्ध हो जाती हैं, तो अग्न्याशय प्रभावित हो सकता है।
  4. पैंक्रियास कैंसर (Pancreatic Cancer) – Amylase और Lipase का बढ़ा हुआ स्तर कैंसर का संकेत हो सकता है।
  5. अल्कोहलिक पैंक्रियाटाइटिस – अत्यधिक शराब सेवन से होने वाली अग्न्याशय की क्षति।
  6. पाचन तंत्र की अन्य समस्याएं – जैसे पेट का अल्सर, गैस्ट्राइटिस, इंटेस्टाइनल ब्लॉकेज।
  7. मलाब्जॉर्प्शन सिंड्रोम – जब शरीर पोषक तत्वों को सही से अवशोषित नहीं कर पाता।

इस टेस्ट को कैसे किया जाता है?

Serum Amylase और Lipase टेस्ट एक साधारण ब्लड टेस्ट है। इसकी प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. ब्लड सैंपल लेना:
    • मरीज की नस से रक्त निकाला जाता है।
    • इसे प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजा जाता है।
  2. फास्टिंग की जरूरत:
    • इस टेस्ट के लिए आमतौर पर 8-12 घंटे तक खाली पेट रहने की सलाह दी जाती है।
    • यदि मरीज को पैंक्रियास से संबंधित गंभीर लक्षण हैं, तो डॉक्टर बिना फास्टिंग के भी यह टेस्ट करवा सकते हैं।
  3. ब्लड सैंपल का विश्लेषण:
    • आधुनिक बायोकेमिकल एनालाइजर और इम्यूनोएसे मशीनों की मदद से Amylase और Lipase का स्तर मापा जाता है।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन-कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर (Biochemistry Analyzer) – यह मशीन रक्त में Amylase और Lipase के स्तर को मापती है।
  2. इम्यूनोएसे एनालाइजर (Immunoassay Analyzer) – यह अधिक संवेदनशील परीक्षण करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  3. ऑटोमेटेड क्लिनिकल केमिस्ट्री एनालाइजर – बड़ी संख्या में सैंपल की जांच करने के लिए।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. Substrate Reagents – Amylase और Lipase की पहचान के लिए।
  2. Buffer Solutions – रक्त सैंपल को स्थिर रखने के लिए।
  3. Colorimetric Reagents – एंजाइम के स्तर को रंग बदलने वाली प्रक्रिया से मापने के लिए।
  4. EDTA या Heparin – रक्त को जमने से रोकने के लिए।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझा और पढ़ा जाता है?

Serum Amylase और Lipase का स्तर यूनिट प्रति लीटर (U/L) में मापा जाता है।

Amylase सामान्य स्तर:

  • 30-110 U/L सामान्य माना जाता है।
  • 200 U/L से अधिक होने पर पैंक्रियाटाइटिस या अन्य समस्या हो सकती है।

Lipase सामान्य स्तर:

  • 10-140 U/L सामान्य माना जाता है।
  • 200 U/L से अधिक होने पर अग्न्याशय की गंभीर समस्या हो सकती है।

रिपोर्ट को कैसे पढ़ें:

  1. Amylase और Lipase सामान्य स्तर पर हों – अग्न्याशय से जुड़ी कोई गंभीर समस्या नहीं है।
  2. Amylase और Lipase हल्के बढ़े हों (150-200 U/L) – हल्का पैंक्रियाटाइटिस या पाचन समस्या।
  3. Amylase और Lipase बहुत अधिक बढ़े हों (>600 U/L) – गंभीर तीव्र पैंक्रियाटाइटिस या पित्ताशय की समस्या हो सकती है।
  4. Lipase Amylase से अधिक बढ़ा हो – यह क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस का संकेत हो सकता है।

उदाहरण के द्वारा समझें:

उदाहरण 1:

राम को अचानक तेज पेट दर्द और उल्टी हो रही थी। डॉक्टर ने Serum Amylase और Lipase टेस्ट करवाया। रिपोर्ट में Amylase 500 U/L और Lipase 800 U/L आया। यह दर्शाता है कि उसे तीव्र पैंक्रियाटाइटिस है, जिसका तत्काल इलाज जरूरी है।

उदाहरण 2:

सीमा को हल्के पेट दर्द और पाचन की समस्या हो रही थी। डॉक्टर ने Serum Lipase टेस्ट करवाया, जिसमें Lipase 160 U/L पाया गया। यह माइल्ड क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस का संकेत था।


बीमारी के उपचार के सुझाव:

1. तीव्र पैंक्रियाटाइटिस का उपचार:

  • इंट्रावेनस फ्लूइड (IV Fluids) – पानी की कमी रोकने के लिए।
  • एनाल्जेसिक दवाएं (Pain Killers) – जैसे पैरासिटामोल, ट्रामाडोल।
  • एंटीबायोटिक्स – अगर संक्रमण का संदेह हो तो।
  • एनजी ट्यूब (Nasogastric Tube) – अगर मरीज को खाना पचाने में दिक्कत हो।

2. क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस का उपचार:

  • अल्कोहल और धूम्रपान से बचाव
  • पैंक्रियाटिक एंजाइम सप्लीमेंट
  • कम वसा वाला भोजन और फाइबर युक्त आहार
  • नियमित व्यायाम और वजन नियंत्रित रखना

3. गॉलब्लैडर स्टोन और अन्य समस्याओं का उपचार:

  • गॉलब्लैडर सर्जरी (Cholecystectomy) यदि पित्ताशय की पथरी के कारण पैंक्रियास प्रभावित हो रहा हो।
  • इंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेएंजियोपैंक्रिएटोग्राफी (ERCP) पित्त नलिकाओं की रुकावट दूर करने के लिए।

निष्कर्ष:

Serum Amylase और Lipase टेस्ट पैंक्रियास और पाचन से जुड़ी बीमारियों का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह तीव्र और क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस, गॉलब्लैडर स्टोन और कैंसर जैसी बीमारियों की पहचान करने में मदद करता है। सही आहार, दवाओं और स्वस्थ जीवनशैली से पैंक्रियास की समस्याओं को रोका जा सकता है।

Scroll to Top