SDA Culture

Sabouraud Dextrose Agar (SDA) Culture: Used for growth of most fungi.

साबोरोड डेक्सट्रोज एगर (SDA) कल्चर टेस्ट

SDA कल्चर टेस्ट क्या है?

साबोरोड डेक्सट्रोज एगर (Sabouraud Dextrose Agar – SDA) एक विशेष प्रकार का माइकोलॉजिकल कल्चर मीडिया है, जिसका उपयोग फंगल संक्रमण (Fungal Infections) की पहचान और वृद्धि के लिए किया जाता है। यह माध्यम फंगस के विकास के लिए उपयुक्त परिस्थितियाँ प्रदान करता है और बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकने के लिए इसमें एंटीबायोटिक्स भी मिलाए जा सकते हैं।


SDA टेस्ट क्यों किया जाता है?

  • शरीर के विभिन्न ऊत्तकों (त्वचा, नाखून, बाल, बलगम, मूत्र, रक्त, आदि) में मौजूद फंगल संक्रमण की पुष्टि करने के लिए।
  • संक्रमण फैलाने वाले विशिष्ट फंगस की पहचान करने के लिए।
  • डॉक्टरों को यह तय करने में मदद करने के लिए कि कौन सी एंटीफंगल दवाएं दी जानी चाहिए।

SDA टेस्ट करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें

  1. इन्क्यूबेटर (Incubator) – फंगस को उपयुक्त तापमान (25-30°C) पर बढ़ाने के लिए।
  2. माइक्रोस्कोप (Microscope) – फंगस की संरचना की पहचान करने के लिए।
  3. लैमिनार एयरफ्लो कैबिनेट (Laminar Airflow Cabinet) – नमूनों को सुरक्षित रूप से प्रोसेस करने के लिए।
  4. ऑटोक्लेव (Autoclave) – SDA माध्यम को स्टरलाइज़ (Sterilize) करने के लिए।

SDA टेस्ट करने के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायन

  1. साबोरोड डेक्सट्रोज एगर (SDA Medium) – फंगस के विकास के लिए मुख्य माध्यम।
  2. क्लोरैम्फेनिकोल (Chloramphenicol) या साइक्लोहेक्सिमाइड (Cycloheximide) – बैक्टीरिया और अन्य अवांछित सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकने के लिए।
  3. लैक्टोफिनॉल कॉटन ब्लू (LPCB) स्टेन – फंगस को माइक्रोस्कोप के तहत बेहतर देखने के लिए।

SDA टेस्ट कैसे किया जाता है?

1. सैंपल कलेक्शन (Sample Collection)

  • त्वचा, नाखून, बाल, बलगम, रक्त, मूत्र, या अन्य संक्रमित ऊतक से नमूना लिया जाता है।
  • नमूना एक स्टेराइल स्वाब या स्क्रैपिंग टूल से लिया जाता है।

2. सैंपल को कल्चर माध्यम पर डालना (Inoculation on SDA Plate)

  • SDA प्लेट या टेस्ट ट्यूब में सैंपल को सावधानीपूर्वक रखा जाता है।
  • प्लेट को हल्का सा घुमाया जाता है ताकि सैंपल ठीक से फैल जाए।

3. इन्क्यूबेशन (Incubation)

  • नमूने वाली प्लेट को 25-30°C पर 2 से 4 हफ्तों तक इन्क्यूबेटर में रखा जाता है।
  • धीमी गति से बढ़ने वाले फंगस को बढ़ने में ज्यादा समय लग सकता है।

4. माइक्रोस्कोपिक जांच (Microscopic Examination)

  • यदि कोई फंगल कॉलोनी (Colonies) विकसित होती हैं, तो उन्हें माइक्रोस्कोप के तहत देखा जाता है।
  • LPCB स्टेनिंग द्वारा उनकी पहचान की जाती है।

SDA कल्चर टेस्ट किन बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है?

  1. डर्माटोफाइटोसिस (Dermatophytosis) – त्वचा, नाखून और बालों का फंगल संक्रमण।
  2. कैंडिडायसिस (Candidiasis) – यीस्ट संक्रमण, जो त्वचा, मुंह, गुप्तांग और आंतरिक अंगों को प्रभावित कर सकता है।
  3. एस्परगिलोसिस (Aspergillosis) – फेफड़ों में फंगल संक्रमण।
  4. क्रिप्टोकोकोसिस (Cryptococcosis) – मस्तिष्क और फेफड़ों को प्रभावित करने वाला गंभीर फंगल संक्रमण।
  5. ब्लास्टोमायकोसिस (Blastomycosis) – त्वचा और फेफड़ों का फंगल संक्रमण।
  6. हिस्टोप्लाज्मोसिस (Histoplasmosis) – फेफड़ों में गंभीर संक्रमण, जो मिट्टी और पक्षियों के मल से फैलता है।

SDA कल्चर टेस्ट की रिपोर्ट कैसे पढ़ें?

1. पॉजिटिव रिपोर्ट (Positive Report) – फंगल संक्रमण मौजूद है

  • यदि SDA प्लेट पर फंगल कॉलोनी विकसित हो जाती हैं, तो संक्रमण की पुष्टि होती है।
  • माइक्रोस्कोपिक जांच के बाद यह पहचाना जाता है कि कौन सा फंगस मौजूद है।

उदाहरण:

  • यदि क्रीम-रंग की, चिकनी कॉलोनी विकसित होती है, तो यह कैंडिडा (Candida) हो सकता है।
  • यदि रुई जैसी सफेद कॉलोनी बनती है, तो यह डर्माटोफाइट (Dermatophyte) हो सकता है।
  • यदि काली, हरी या ग्रे-रंग की कॉलोनी दिखाई देती हैं, तो यह एस्परगिलस (Aspergillus) का संकेत हो सकता है।

2. नेगेटिव रिपोर्ट (Negative Report) – कोई फंगल संक्रमण नहीं

  • यदि 4 हफ्तों तक कोई फंगल वृद्धि नहीं होती है, तो रिपोर्ट नेगेटिव होती है।
  • इसका मतलब है कि फंगल संक्रमण नहीं है या नमूना ठीक से नहीं लिया गया।

निष्कर्ष

  • SDA कल्चर टेस्ट फंगल संक्रमण की पहचान के लिए एक प्रभावी और विश्वसनीय तरीका है।
  • यह विभिन्न प्रकार के फंगल संक्रमणों को अलग करने और सही इलाज का चयन करने में मदद करता है।
  • पॉजिटिव रिपोर्ट में फंगस की वृद्धि देखी जाती है, जबकि नेगेटिव रिपोर्ट में कोई वृद्धि नहीं होती है।
  • माइक्रोस्कोप और अन्य डायग्नोस्टिक तकनीकों (जैसे LPCB स्टेनिंग और KOH माउंट टेस्ट) के साथ मिलाकर, डॉक्टर सटीक निदान कर सकते हैं।

यदि किसी व्यक्ति को लगातार त्वचा, नाखून, बाल, या फेफड़ों से संबंधित समस्या हो रही है, तो डॉक्टर SDA कल्चर टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।

Scroll to Top