RT-PCR Test

RT-PCR (Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction) test for detection of viruses like COVID-19 (SARS-CoV-2), Influenza, H1N1, Dengue, Chikungunya, Hepatitis B and C.

RT-PCR (Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction) टेस्ट

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

RT-PCR टेस्ट मुख्य रूप से वायरस के जेनेटिक मैटेरियल (RNA) की पहचान करने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट उन बीमारियों के लिए किया जाता है जिनमें वायरल RNA मौजूद होता है। यह न केवल वायरस की मौजूदगी का पता लगाने में मदद करता है, बल्कि यह भी बताता है कि संक्रमण हल्का, मध्यम या गंभीर है। यह तकनीक अत्यधिक संवेदनशील होती है और कम मात्रा में मौजूद वायरस का भी पता लगाने में सक्षम होती है।

इस टेस्ट से किन बीमारियों का पता चलता है?

RT-PCR टेस्ट कई वायरल संक्रमणों की जांच के लिए किया जाता है, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  1. कोविड-19 (SARS-CoV-2 वायरस) – फेफड़ों में संक्रमण और सांस की समस्याओं के निदान के लिए।
  2. इन्फ्लुएंजा (Influenza – H1N1, H3N2) – मौसमी फ्लू और महामारी वाले वायरस की पहचान के लिए।
  3. डेंगू (Dengue Virus) – तेज़ बुखार, प्लेटलेट काउंट में कमी और रक्तस्राव संबंधी समस्याओं की जांच के लिए।
  4. चिकनगुनिया (Chikungunya Virus) – वायरल बुखार और जोड़ों में सूजन के निदान के लिए।
  5. हेपेटाइटिस B और C (Hepatitis B & C Viruses) – लिवर संक्रमण की जांच और वायरल लोड का निर्धारण करने के लिए।
  6. ज़िका वायरस (Zika Virus) – गर्भवती महिलाओं में संक्रमण का पता लगाने और भ्रूण पर असर को समझने के लिए।
  7. एचआईवी (HIV – Human Immunodeficiency Virus) – शुरुआती संक्रमण की जांच और वायरल लोड मापने के लिए।
  8. एबोला और मारबर्ग वायरस – गंभीर वायरल बीमारियों की जांच के लिए।
  9. हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV-1 और HSV-2) – त्वचा और जननांग संक्रमणों के निदान के लिए।

यह टेस्ट कैसे किया जाता है?

1. सैंपल कलेक्शन (Sample Collection)

  • स्वाब सैंपल (Nasal/Throat Swab) – कोविड-19, इन्फ्लुएंजा
  • ब्लड सैंपल (Blood Sample) – डेंगू, हेपेटाइटिस, HIV
  • स्पुटम (Sputum Sample) – टीबी और श्वसन संबंधी संक्रमण
  • यूरिन (Urine Sample) – ज़िका वायरस
  • सीएसएफ (Cerebrospinal Fluid) – मस्तिष्क से जुड़े वायरल संक्रमण

2. RNA एक्सट्रैक्शन (RNA Extraction)

सैंपल से वायरस के RNA को अलग किया जाता है। इसके लिए RNA Extraction Kit का उपयोग किया जाता है।

3. रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन (Reverse Transcription)

क्योंकि RNA वायरस को PCR के माध्यम से पहचाना नहीं जा सकता, इसे पहले DNA में बदला जाता है। इसके लिए Reverse Transcriptase Enzyme का उपयोग किया जाता है।

4. PCR द्वारा DNA की प्रतिलिपि बनाना (Amplification of DNA)

PCR तकनीक के माध्यम से DNA को कई गुना बढ़ाया जाता है ताकि मशीनें इसे आसानी से डिटेक्ट कर सकें।

5. फ्लोरेसेंस डिटेक्शन (Fluorescence Detection)

यदि वायरस सैंपल में मौजूद है, तो मशीन फ्लोरोसेंट सिग्नल उत्पन्न करती है, जिसे विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की जाती है।

इस टेस्ट के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें

  • RT-PCR मशीन (Real-Time PCR Machine) – वायरस की RNA उपस्थिति का विश्लेषण करने के लिए।
  • Thermocycler – PCR प्रक्रिया में तापमान नियंत्रण के लिए।
  • Automated Nucleic Acid Extractor – RNA/DNA को सैंपल से अलग करने के लिए।
  • GeneXpert System – कोविड-19, टीबी और अन्य संक्रमणों की तेज़ी से पहचान के लिए।

इस टेस्ट को करने के लिए आवश्यक रसायन (Reagents and Chemicals)

  • Viral Transport Medium (VTM) – स्वाब सैंपल को संरक्षित करने के लिए।
  • RNA Extraction Kit – वायरस के जेनेटिक मैटेरियल को अलग करने के लिए।
  • Reverse Transcriptase Enzyme – RNA को DNA में बदलने के लिए।
  • PCR Primers और Probes – वायरस के जीन को टारगेट करने के लिए।
  • Fluorescent Dye (SYBR Green, TaqMan Probes) – PCR रिजल्ट को डिटेक्ट करने के लिए।
  • Master Mix और dNTPs – PCR प्रतिक्रिया को सक्रिय करने के लिए।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझा जाए?

1. पॉजिटिव रिपोर्ट (Positive Result)

  • यदि वायरस का जेनेटिक मैटेरियल पाया जाता है, तो मरीज संक्रमित है।
  • रिपोर्ट में Ct (Cycle Threshold) Value दी जाती है, जो बताती है कि संक्रमण कितना गंभीर है।
    • Ct Value < 25: वायरस की मात्रा बहुत अधिक (गंभीर संक्रमण)।
    • Ct Value 25-30: मध्यम संक्रमण।
    • Ct Value > 30: हल्का संक्रमण या रिकवरी की स्थिति।
  • उदाहरण: कोविड-19 मरीज की रिपोर्ट में Ct Value 20 होने का मतलब है कि संक्रमण बहुत अधिक है।

2. निगेटिव रिपोर्ट (Negative Result)

  • यदि कोई वायरल जीन नहीं पाया जाता, तो व्यक्ति संक्रमित नहीं है।
  • यदि लक्षण मौजूद हैं, तो दोबारा टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है।

3. संदिग्ध रिपोर्ट (Indeterminate Result)

  • सैंपल की क्वालिटी खराब होने के कारण रिजल्ट स्पष्ट नहीं होता।
  • इस स्थिति में टेस्ट दोहराया जाता है।

बीमारी के उपचार के लिए सुझाव

  1. एंटीवायरल दवाएं
    • COVID-19 के लिए – Remdesivir, Paxlovid
    • HIV के लिए – एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART)
    • हेपेटाइटिस B/C के लिए – Sofosbuvir, Ribavirin
    • इन्फ्लुएंजा के लिए – Oseltamivir (Tamiflu)
  2. सपोर्टिव थेरेपी
    • बुखार और दर्द के लिए Paracetamol
    • शरीर में पानी की कमी रोकने के लिए Hydration Therapy
  3. टीकाकरण (Vaccination)
    • कोविड-19, इन्फ्लुएंजा, हेपेटाइटिस, HPV जैसी बीमारियों से बचाव के लिए।
  4. इम्यूनोथैरेपी
    • इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए प्रयोग की जाती है।
  5. होम आइसोलेशन और क्वारंटीन
    • यदि संक्रमण हल्का है, तो मरीज को घर पर आइसोलेट किया जाता है।

निष्कर्ष

RT-PCR टेस्ट वायरस के RNA का पता लगाने का सबसे विश्वसनीय तरीका है। यह कोविड-19, इन्फ्लुएंजा, डेंगू, हेपेटाइटिस और अन्य वायरल बीमारियों के सटीक निदान में मदद करता है। रिपोर्ट का विश्लेषण कर उचित उपचार दिया जाता है। सही समय पर जांच और इलाज से गंभीर संक्रमणों को रोका जा सकता है।

Scroll to Top