Procalcitonin Test

Procalcitonin Test: To check the severity of bacterial and viral infections.

Procalcitonin Test: बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण की गंभीरता की जांच के लिए।

Procalcitonin Test: बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण की गंभीरता की जांच के लिए

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

Procalcitonin (PCT) टेस्ट शरीर में बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण की गंभीरता को मापने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट विशेष रूप से सेप्सिस (Sepsis) और गंभीर बैक्टीरियल संक्रमणों के निदान में मदद करता है। PCT टेस्ट डॉक्टरों को यह निर्णय लेने में सहायता करता है कि संक्रमण बैक्टीरियल है या वायरल, जिससे सही एंटीबायोटिक थेरेपी तय करने में मदद मिलती है।

इस टेस्ट के मुख्य उद्देश्य:

  1. सेप्सिस (Sepsis) और गंभीर संक्रमण की पहचान करना
  2. बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण में अंतर करना
  3. इन्फ्लेमेटरी डिजीज और ऑटोइम्यून कंडीशन की निगरानी करना
  4. एंटीबायोटिक थेरेपी की आवश्यकता और प्रभावशीलता की जांच करना

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

  1. सेप्सिस (Sepsis) – गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण जो शरीर में तेजी से फैल सकता है।
  2. न्यूमोनिया (Pneumonia) – बैक्टीरिया के कारण फेफड़ों में संक्रमण।
  3. मेनिनजाइटिस (Meningitis) – मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की झिल्ली में संक्रमण।
  4. किडनी इंफेक्शन (Pyelonephritis) – गुर्दों में बैक्टीरियल संक्रमण।
  5. फूड पॉइजनिंग और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन – पेट और आंत में बैक्टीरिया से संक्रमण।
  6. ऑटोइम्यून डिजीज (Autoimmune Diseases) – जैसे ल्यूपस और रूमेटॉइड आर्थराइटिस में भी PCT का स्तर थोड़ा बढ़ सकता है।
  7. सर्जरी के बाद संक्रमण – पोस्ट-सर्जिकल इन्फेक्शन की पहचान करने के लिए।

यह टेस्ट कैसे किया जाता है?

  1. ब्लड सैंपल लिया जाता है:
    • डॉक्टर या लैब तकनीशियन रोगी के हाथ की नस से रक्त का नमूना लेते हैं।
  2. रक्त को प्रयोगशाला में भेजा जाता है:
    • खून को सेंट्रीफ्यूज करके प्लाज्मा को अलग किया जाता है।
  3. PCT स्तर मापा जाता है:
    • विश्लेषण के लिए इम्यूनोएस्से (Immunoassay) तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) मशीन – PCT की मात्रा मापने के लिए।
  2. Immunofluorescence Assay (IFA) Analyzer – इम्यूनोलॉजिकल प्रतिक्रिया द्वारा PCT स्तर की पहचान करता है।
  3. Chemiluminescence Immunoassay (CLIA) Machine – संवेदनशील और सटीक परिणाम देता है।
  4. Point-of-Care (POC) Testing Devices – तत्काल रिजल्ट के लिए छोटे पोर्टेबल डिवाइसेस।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. PCT Specific Antibodies – प्रोकैल्सिटोनिन के साथ प्रतिक्रिया करके रिजल्ट देते हैं।
  2. Enzyme Substrates – ELISA प्रक्रिया में रंग परिवर्तन लाने के लिए।
  3. Chemiluminescent Reagents – CLIA मशीनों में उपयोग किए जाते हैं।
  4. Buffer Solutions – सैंपल की स्थिरता बनाए रखने के लिए।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?

Procalcitonin का स्तर नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (ng/mL) में मापा जाता है।

सामान्य PCT स्तर:

  • 0.05 ng/mL से कम – कोई संक्रमण नहीं या सामान्य स्थिति।
  • 0.05 – 0.5 ng/mL – हल्का संक्रमण या सूजन हो सकती है।
  • 0.5 – 2.0 ng/mL – बैक्टीरियल संक्रमण की संभावना।
  • 2.0 – 10.0 ng/mL – गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण या सेप्सिस का संकेत।
  • 10.0 ng/mL से अधिक – अत्यंत गंभीर सेप्सिस या ऑर्गन फेल्योर का खतरा।

उदाहरण:

  1. अगर किसी मरीज की PCT रिपोर्ट 0.2 ng/mL है, तो संक्रमण हल्का या वायरल हो सकता है।
  2. अगर PCT स्तर 5.0 ng/mL है, तो यह बैक्टीरियल सेप्सिस का संकेत हो सकता है, और तुरंत एंटीबायोटिक थेरेपी शुरू करनी होगी।
  3. अगर PCT 15.0 ng/mL से अधिक है, तो मरीज को गहन चिकित्सा (ICU) की आवश्यकता हो सकती है।

बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव

1. बैक्टीरियल संक्रमण का उपचार:

  • एंटीबायोटिक थेरेपी:
    • सेप्सिस के लिए Ceftriaxone, Piperacillin-Tazobactam, Meropenem जैसी दवाएं।
    • न्यूमोनिया के लिए Azithromycin, Levofloxacin।
    • किडनी संक्रमण के लिए Ciprofloxacin, Nitrofurantoin।
  • सपोर्टिव केयर:
    • IV फ्लूइड्स और इलेक्ट्रोलाइट्स की आवश्यकता होती है।
    • गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी या वेंटिलेटर सपोर्ट दिया जाता है।

2. वायरल संक्रमण का उपचार:

  • एंटीवायरल दवाएं:
    • फ्लू के लिए Oseltamivir (Tamiflu)।
    • COVID-19 के लिए Remdesivir या अन्य एंटीवायरल थेरेपी।
  • घरेलू देखभाल:
    • भरपूर आराम, तरल पदार्थों का सेवन और पोषणयुक्त आहार लेना जरूरी है।

3. सेप्सिस का उपचार:

  • ICU में एडमिशन और निरंतर निगरानी।
  • इंट्रावेनस एंटीबायोटिक्स और वासोप्रेसर दवाएं (जैसे नॉरएपिनेफ्रीन) देने की आवश्यकता पड़ सकती है।
  • ऑर्गन फेल्योर से बचाव के लिए इम्यूनोमॉड्यूलेटरी थेरेपी।

निष्कर्ष

Procalcitonin टेस्ट बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण के बीच अंतर करने का एक प्रभावी तरीका है। यह विशेष रूप से सेप्सिस और गंभीर बैक्टीरियल संक्रमणों की पहचान करने में मदद करता है। डॉक्टर इस टेस्ट के आधार पर सही इलाज तय कर सकते हैं और अनावश्यक एंटीबायोटिक उपयोग को कम कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति का PCT स्तर अधिक आता है, तो उसे तुरंत मेडिकल सलाह लेनी चाहिए ताकि उचित उपचार शुरू किया जा सके।

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