Procalcitonin Test

Procalcitonin Test – To measure the severity of bacterial infection.

Procalcitonin Test – बैक्टीरियल इंफेक्शन की गंभीरता मापने के लिए।

Procalcitonin (PCT) Test – बैक्टीरियल संक्रमण की गंभीरता मापने के लिए

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

Procalcitonin (PCT) टेस्ट का उपयोग शरीर में बैक्टीरियल संक्रमण की पहचान और उसकी गंभीरता को मापने के लिए किया जाता है। यह विशेष रूप से सेप्सिस (Sepsis) जैसी खतरनाक स्थितियों में मददगार होता है। जब शरीर में बैक्टीरियल संक्रमण फैलता है, तो प्रोकैल्सिटोनिन नामक प्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है।

इस टेस्ट को मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से किया जाता है:

  • बैक्टीरियल संक्रमण और वायरल संक्रमण में अंतर करने के लिए
  • सेप्सिस (रक्त संक्रमण) की पहचान और गंभीरता को मापने के लिए
  • निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, मूत्र संक्रमण (UTI) और अन्य गंभीर संक्रमणों का पता लगाने के लिए
  • एंटीबायोटिक उपचार की प्रभावशीलता को मॉनिटर करने के लिए
  • कोविड-19 या अन्य वायरल संक्रमणों में होने वाली बैक्टीरियल जटिलताओं को समझने के लिए

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

PCT टेस्ट मुख्य रूप से बैक्टीरियल संक्रमणों और उनकी गंभीरता को मापने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित बीमारियों का पता लगाने में यह उपयोगी है:

  1. सेप्सिस (Sepsis) – यह एक जानलेवा स्थिति होती है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम बैक्टीरिया से अधिक प्रतिक्रिया करने लगता है, जिससे अंगों को नुकसान हो सकता है।
  2. बैक्टीरियल निमोनिया (Bacterial Pneumonia) – यह फेफड़ों में संक्रमण होता है, जिसमें तेज बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है।
  3. मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) और किडनी संक्रमण (Pyelonephritis) – यदि PCT का स्तर बढ़ा हुआ है, तो यह संकेत करता है कि संक्रमण किडनी तक फैल गया है।
  4. ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) और फेफड़ों में संक्रमण – अगर लक्षण गंभीर हों, तो PCT टेस्ट संक्रमण की तीव्रता को मापने में मदद करता है।
  5. मेनिनजाइटिस (Meningitis) – यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करने वाला संक्रमण है।
  6. पोस्ट-सर्जरी संक्रमण – यदि सर्जरी के बाद संक्रमण की आशंका हो, तो PCT टेस्ट से संक्रमण की पुष्टि की जा सकती है।
  7. कोविड-19 में बैक्टीरियल सुपरइन्फेक्शन – कोविड-19 के मरीजों में बैक्टीरिया के संक्रमण को पहचानने के लिए इस टेस्ट का उपयोग किया जाता है।

इस टेस्ट को कैसे किया जाता है?

Procalcitonin टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है, जिसे निम्नलिखित प्रक्रिया के तहत किया जाता है:

  1. ब्लड सैंपल लेना:
    • मरीज की बांह पर एक टूरनीकेट बांधा जाता है।
    • नस से खून निकाला जाता है और एक टेस्ट ट्यूब में एकत्र किया जाता है।
  2. ब्लड सैंपल का विश्लेषण:
    • सैंपल को प्रयोगशाला में भेजा जाता है।
    • इसमें इम्यूनोकेमिकल विधियों का उपयोग किया जाता है, जिससे प्रोकैल्सिटोनिन की मात्रा का निर्धारण किया जाता है।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन-कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

Procalcitonin टेस्ट करने के लिए निम्नलिखित आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जाता है:

  1. केमिल्युमिनेसेंस इम्यूनोसे (CLIA) एनालाइजर – यह PCT की सटीक मात्रा मापने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  2. इलेक्ट्रोकेमिल्युमिनेसेंस (ECLIA) एनालाइजर – यह अधिक संवेदनशीलता के साथ छोटे स्तर के PCT का भी पता लगा सकता है।
  3. इम्यूनोफ्लोरेसेंस एनालाइजर (Immunofluorescence Analyzer) – इस मशीन का उपयोग त्वरित परिणाम प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  4. ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) रीडर – यह बड़े पैमाने पर टेस्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

Procalcitonin टेस्ट के लिए निम्नलिखित रासायनिक अभिकर्मकों (Reagents) का उपयोग किया जाता है:

  1. एंटी-प्रोकैल्सिटोनिन एंटीबॉडी – यह PCT की पहचान करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  2. ल्यूमिनेसेंट सब्सट्रेट्स – केमिल्युमिनेसेंस विधि में PCT की उपस्थिति मापने के लिए।
  3. फ्लोरोसेंट डाई – इम्यूनोफ्लोरेसेंस परीक्षण में उपयोग किया जाता है।
  4. बफर सॉल्यूशन – परीक्षण के दौरान सही पीएच स्तर बनाए रखने के लिए।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझा और पढ़ा जाता है?

PCT टेस्ट की रिपोर्ट ng/mL (नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर) में दी जाती है।

  1. 0.05 ng/mL से कम – सामान्य (कोई संक्रमण नहीं)।
  2. 0.05-0.5 ng/mL – हल्का संक्रमण या वायरल संक्रमण।
  3. 0.5-2.0 ng/mL – मध्यम स्तर का बैक्टीरियल संक्रमण।
  4. 2.0-10 ng/mL – गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण या सेप्सिस का संकेत।
  5. 10 ng/mL से अधिक – उन्नत स्तर का सेप्सिस या अंग विफलता की संभावना।

उदाहरण के द्वारा समझें:

उदाहरण:
सुमित को तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। डॉक्टर ने PCT टेस्ट करवाया, जिसकी रिपोर्ट में PCT स्तर 3.5 ng/mL आया। यह दर्शाता है कि उसे एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है, जिसके लिए एंटीबायोटिक थेरेपी की जरूरत होगी।

बीमारी के उपचार के सुझाव:

  1. बैक्टीरियल संक्रमण का उपचार:
    • यदि PCT का स्तर बढ़ा हुआ है, तो एंटीबायोटिक्स (जैसे सेफ्ट्रियाक्सोन, पाइपरासिलिन-ताज़ोबैक्टम) दी जाती हैं।
    • तेज बुखार और सूजन को कम करने के लिए पैरासिटामोल और आईबुप्रोफेन दी जाती हैं।
  2. सेप्सिस का उपचार:
    • मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाता है।
    • इंट्रावेनस (IV) एंटीबायोटिक्स और तरल पदार्थ दिए जाते हैं।
    • यदि BP कम हो, तो वासोप्रेसर दवाएं दी जाती हैं।
  3. निमोनिया और अन्य श्वसन संक्रमण:
    • हल्के मामलों में एंटीबायोटिक्स और ऑक्सीजन थेरेपी दी जाती है।
    • गंभीर मामलों में आईसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जाता है।
  4. जीवनशैली में सुधार:
    • स्वस्थ आहार लें, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C अधिक हो।
    • हाथ धोने की आदत डालें, ताकि बैक्टीरियल संक्रमण से बचा जा सके।
    • धूम्रपान और शराब से बचें, क्योंकि यह इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है।

निष्कर्ष:

Procalcitonin टेस्ट बैक्टीरियल संक्रमण और सेप्सिस जैसी गंभीर स्थितियों का पता लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण जांच है। यह डॉक्टरों को यह समझने में मदद करता है कि एंटीबायोटिक उपचार की आवश्यकता है या नहीं। उचित दवाओं, एंटीबायोटिक्स और हेल्दी लाइफस्टाइल से PCT स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।

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