प्लेटलेट काउंट (Platelet Count)
प्लेटलेट काउंट (Platelet Count) क्या होता है?
प्लेटलेट्स (Platelets) को थ्रोम्बोसाइट्स (Thrombocytes) भी कहा जाता है। ये रक्त कोशिकाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, जिनका मुख्य कार्य खून को जमाना (Blood Clotting) और रक्तस्राव को रोकना है। यदि शरीर में चोट लगती है या रक्तस्राव होता है, तो प्लेटलेट्स एक साथ इकट्ठा होकर खून को जमाने का काम करते हैं, जिससे अधिक रक्तस्राव नहीं होता।
प्लेटलेट्स का निर्माण बोन मैरो (Bone Marrow) में होता है और इनका जीवनकाल लगभग 7-10 दिन होता है। सामान्य रूप से प्लेटलेट काउंट 1,50,000 से 4,50,000 प्रति माइक्रोलिटर (µL) रक्त में होना चाहिए।
CBC में प्लेटलेट काउंट की जांच कैसे की जाती है?
1. ब्लड सैंपल कलेक्शन
- मरीज की नस से रक्त का नमूना लिया जाता है।
- रक्त को EDTA युक्त ट्यूब में रखा जाता है ताकि यह जमने से बचा रहे।
2. ऑटोमेटेड मशीन द्वारा जांच
- हेमेटोलॉजी एनालाइजर (Hematology Analyzer) द्वारा प्लेटलेट्स की संख्या की गणना की जाती है।
- यह तरीका तेज़ और अधिक सटीक होता है।
3. माइक्रोस्कोप द्वारा मैन्युअल जांच
- ब्लड स्मीयर (Blood Smear) तैयार कर स्लाइड पर रखी जाती है।
- इसे Wright’s Stain या Leishman’s Stain से रंगा जाता है।
- माइक्रोस्कोप द्वारा प्लेटलेट्स की संख्या को गिना जाता है।
प्लेटलेट काउंट टेस्ट क्यों किया जाता है?
यह टेस्ट शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या की जांच करने और रक्तस्राव संबंधी विकारों, बोन मैरो की समस्याओं, और अन्य बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- रक्तस्राव विकार (Bleeding Disorders) का पता लगाने के लिए
- डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी बीमारियों में प्लेटलेट काउंट की निगरानी के लिए
- बोन मैरो डिसऑर्डर (Bone Marrow Disorders) की पहचान के लिए
- कीमोथेरेपी और अन्य दवाओं के प्रभाव की जांच के लिए
- अत्यधिक रक्तस्राव या ब्लड क्लॉटिंग की समस्या का पता लगाने के लिए
इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?
1. जब प्लेटलेट काउंट कम हो (Thrombocytopenia – प्लेटलेट्स की कमी)
- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया – वायरल संक्रमण से प्लेटलेट्स की संख्या घट सकती है।
- एप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic Anemia) – बोन मैरो में प्लेटलेट्स का उत्पादन कम हो जाता है।
- लीवर रोग (Liver Disease) – प्लेटलेट्स बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
- ब्लड कैंसर (Leukemia) – बोन मैरो में प्लेटलेट्स का निर्माण बाधित हो जाता है।
- ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune Diseases) – शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली प्लेटलेट्स को नष्ट कर सकती है।
2. जब प्लेटलेट काउंट अधिक हो (Thrombocytosis – प्लेटलेट्स की अधिकता)
- पॉलीसाइथेमिया वेरा (Polycythemia Vera) – बोन मैरो में अधिक प्लेटलेट्स बनते हैं।
- क्रॉनिक इंफ्लेमेशन (Chronic Inflammation) – गठिया, इंफेक्शन, या अन्य सूजन संबंधी रोगों में प्लेटलेट काउंट बढ़ सकता है।
- स्प्लीन (Spleen) का हटाया जाना – स्प्लीन प्लेटलेट्स को नष्ट करता है, लेकिन जब इसे हटा दिया जाता है, तो प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ सकती है।
प्लेटलेट काउंट टेस्ट करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें
- Hematology Analyzer (Auto Analyzer Machine)
- Flow Cytometry
- Microscope (Manual Platelet Counting के लिए)
प्लेटलेट काउंट टेस्ट करने के लिए आवश्यक रसायन (Reagents)
- EDTA (Ethylenediaminetetraacetic Acid) – रक्त को जमने से रोकने के लिए।
- Leishman’s Stain या Wright’s Stain – रक्त कोशिकाओं को रंगने के लिए।
- Diluent Solution – रक्त को पतला करने के लिए।
रिपोर्ट को कैसे समझें और पढ़ें (उदाहरण सहित)?
उदाहरण रिपोर्ट:
- प्लेटलेट काउंट: 90,000/µL (सामान्य से कम)
- RBC Count: 4.5 मिलियन/µL
- हीमोग्लोबिन: 12.5 g/dL
रिपोर्ट की व्याख्या:
- यदि प्लेटलेट काउंट 1,50,000/µL से कम हो, तो यह थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) हो सकता है, जो डेंगू, मलेरिया, बोन मैरो डिसऑर्डर, या दवा के साइड इफेक्ट के कारण हो सकता है।
- यदि प्लेटलेट काउंट 4,50,000/µL से अधिक हो, तो यह थ्रोम्बोसाइटोसिस (Thrombocytosis) हो सकता है, जो हृदय रोग, कैंसर, या अन्य गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है।
बीमारी का उपचार और सुझाव
1. यदि प्लेटलेट काउंट कम है (Thrombocytopenia):
- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के दौरान प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए पपीते के पत्ते का रस और गिलोय का सेवन करें।
- यदि प्लेटलेट्स 50,000/µL से कम हो जाएँ, तो डॉक्टर की सलाह से प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन (Platelet Transfusion) किया जा सकता है।
- आयरन और फोलिक एसिड युक्त आहार लें।
- एल्कोहल से बचें, क्योंकि यह प्लेटलेट्स के उत्पादन को कम कर सकता है।
2. यदि प्लेटलेट काउंट अधिक है (Thrombocytosis):
- खून को पतला करने वाली दवाएँ (Aspirin, Clopidogrel) डॉक्टर की सलाह से लें।
- ब्लड क्लॉटिंग से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ।
- हृदय रोग, कैंसर, या बोन मैरो डिसऑर्डर के लिए नियमित जांच करवाएँ।
निष्कर्ष
प्लेटलेट काउंट टेस्ट शरीर में रक्तस्राव को नियंत्रित करने और रक्त जमाव की क्षमता का आकलन करने के लिए किया जाता है। इससे डेंगू, मलेरिया, लिवर रोग, बोन मैरो डिसऑर्डर, और हृदय रोग जैसी स्थितियों का पता लगाया जा सकता है।
यदि प्लेटलेट काउंट बहुत कम या अधिक है, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर उचित उपचार करवाना आवश्यक होता है। स्वस्थ आहार, हाइड्रेशन, और डॉक्टर की सलाह से उचित दवाओं का सेवन करके प्लेटलेट्स को संतुलित रखा जा सकता है।