Plaque Assay Test – To check the amount of virus and the severity of infection.
Plaque Assay Test – वायरस की मात्रा और संक्रमण की तीव्रता जांचने के लिए।
Plaque Assay Test – वायरस की मात्रा और संक्रमण की तीव्रता जांचने के लिए
यह टेस्ट क्यों किया जाता है?
Plaque Assay Test का उपयोग वायरस की मात्रा (viral titer) और उसकी संक्रमण फैलाने की क्षमता (infectivity) को मापने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट वैज्ञानिक अनुसंधान, दवा परीक्षण और वायरल संक्रमण की पहचान के लिए किया जाता है। मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
- वायरस की संख्या मापने के लिए – किसी सैंपल में वायरस कितनी मात्रा में मौजूद है, यह पता लगाया जाता है।
- संक्रमण की तीव्रता मापने के लिए – वायरस कितनी तेजी से कोशिकाओं को संक्रमित करता है, यह समझने के लिए।
- एंटीवायरल दवाओं के प्रभाव को परखने के लिए – नई दवाओं के परीक्षण में वायरस पर उनके प्रभाव को मापने के लिए।
- वैज्ञानिक अनुसंधान में उपयोग – वायरस के गुणों को समझने और नई वैक्सीन विकसित करने के लिए।
इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?
Plaque Assay Test विभिन्न वायरस से जुड़ी बीमारियों की पहचान करने में मदद करता है, जैसे:
- इन्फ्लूएंजा (Influenza – H1N1, H3N2)
- डेंगू वायरस (Dengue Virus)
- चिकनगुनिया वायरस (Chikungunya Virus)
- जिका वायरस (Zika Virus)
- रैबिज वायरस (Rabies Virus)
- हेपेटाइटिस B और C वायरस (HBV, HCV)
- कोविड-19 (SARS-CoV-2)
- हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV-1, HSV-2)
यह टेस्ट कैसे किया जाता है?
- सैंपल तैयार करना:
- मरीज से रक्त, थूक, या अन्य जैविक तरल लिया जाता है, जिसमें वायरस हो सकता है।
- सैंपल को फ़िल्टर और पतला (serial dilution) किया जाता है ताकि अलग-अलग सांद्रता के साथ टेस्ट किया जा सके।
- कोशिकाओं की तैयारी:
- पेट्री डिश या मल्टी-वेल प्लेट में एक मोनोलायर (monolayer) कोशिकाओं की परत तैयार की जाती है।
- आमतौर पर Vero Cells, HeLa Cells, या MDCK Cells का उपयोग किया जाता है।
- वायरस को कोशिकाओं पर डालना:
- तैयार किए गए वायरस के घोल को कोशिकाओं पर रखा जाता है।
- कुछ समय बाद अतिरिक्त घोल हटा दिया जाता है ताकि केवल संक्रमित कोशिकाएं ही बढ़ें।
- अर्ध-ठोस माध्यम (Overlay Medium) जोड़ना:
- कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि रोकने और वायरस को नियंत्रित वातावरण में बढ़ने देने के लिए एक जैल जैसा पदार्थ (Agarose या Methylcellulose) जोड़ा जाता है।
- इन्क्यूबेशन (Incubation):
- प्लेट्स को नियंत्रित वातावरण (37°C, 5% CO₂) में 24-72 घंटे रखा जाता है ताकि वायरस कोशिकाओं को संक्रमित कर सके।
- स्टेनिंग (रंगाई) और विश्लेषण:
- कोशिकाओं को रंग (Crystal Violet, Neutral Red, या Giemsa Stain) से रंगा जाता है ताकि संक्रमित कोशिकाएं दिख सकें।
- वायरस से नष्ट हुई कोशिकाएं एक क्लियर ज़ोन (Plaque) बनाती हैं, जिन्हें माइक्रोस्कोप से देखा जाता है।
इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?
- CO₂ Incubator – कोशिकाओं को सही वातावरण में रखने के लिए।
- Biosafety Cabinet (BSL-2/BSL-3 Lab) – वायरस के सुरक्षित हैंडलिंग के लिए।
- Inverted Microscope – प्लाक ज़ोन को मापने और गिनने के लिए।
- Centrifuge Machine – सैंपल को संसाधित करने के लिए।
- Spectrophotometer – कुछ मामलों में वायरस के प्रभाव को मापने के लिए।
टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?
- Cell Culture Media (DMEM, RPMI-1640) – कोशिकाओं को पोषण देने के लिए।
- Agarose या Methylcellulose Medium – प्लाक के सही विकास के लिए।
- Fetal Bovine Serum (FBS) – कोशिकाओं की वृद्धि को बनाए रखने के लिए।
- Antibiotics (Penicillin-Streptomycin) – बैक्टीरिया के बढ़ने से बचाने के लिए।
- Crystal Violet या Giemsa Stain – प्लाक ज़ोन को स्पष्ट करने के लिए।
टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?
- Negative Result (कोई वायरस नहीं मिला)
- यदि प्लेट पर कोई प्लाक ज़ोन नहीं दिखता है, तो इसका मतलब है कि सैंपल में वायरस मौजूद नहीं है।
- Positive Result (संक्रमण की पुष्टि)
- यदि कोशिकाओं में क्लियर ज़ोन (Plaques) दिखाई देते हैं, तो इसका मतलब है कि वायरस मौजूद है।
- जितने अधिक प्लाक दिखते हैं, वायरस की संख्या उतनी अधिक होती है।
- वायरस की तीव्रता (Plaque Forming Units – PFU) की गणना की जाती है, जैसे: 10³ PFU/ml या 10⁶ PFU/ml।
- उदाहरण:
- अगर किसी मरीज के ब्लड सैंपल को Vero Cells पर कल्चर किया जाता है और 100 प्लाक गिने जाते हैं, तो इसका मतलब है कि वायरस की मात्रा 10⁴ PFU/ml हो सकती है।
- अगर किसी एंटीवायरल दवा के प्रभाव को मापा जाता है और प्लाक की संख्या कम होती है, तो दवा प्रभावी मानी जाती है।
बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव
- एंटीवायरल दवाएं लें
- इन्फ्लूएंजा के लिए – ओसेल्टामिविर (Oseltamivir)
- डेंगू और चिकनगुनिया के लिए – कोई विशेष एंटीवायरल नहीं, लक्षण आधारित उपचार किया जाता है।
- हेपेटाइटिस B के लिए – टेनोफोविर (Tenofovir), एंटेकाविर (Entecavir)
- एचआईवी के लिए – एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दवाएं
- टीकाकरण कराएं
- हेपेटाइटिस B, इन्फ्लूएंजा, कोविड-19, और एचपीवी के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं।
- संक्रमण से बचाव के उपाय अपनाएं
- स्वच्छता बनाए रखें और नियमित रूप से हाथ धोएं।
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
- मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी और रिपेलेंट का उपयोग करें।
निष्कर्ष
Plaque Assay Test वायरस की संख्या और उसकी संक्रमण क्षमता को मापने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। यह वैज्ञानिक अनुसंधान, टीका विकास और एंटीवायरल दवाओं की प्रभावशीलता को समझने के लिए उपयोग किया जाता है। संक्रमण की पुष्टि होने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार उपचार किया जाना चाहिए, और संक्रमण से बचाव के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।