PCR test (Polymerase Chain Reaction) to confirm Epstein-Barr virus (EBV), cytomegalovirus (CMV), herpes virus (HSV), HPV (Human Papillomavirus).—
PCR टेस्ट (Polymerase Chain Reaction) – एपस्टीन-बार वायरस (EBV), साइटोमेगालोवायरस (CMV), हर्पीस वायरस (HSV), और HPV की पुष्टि के लिए
यह टेस्ट क्यों किया जाता है?
PCR (Polymerase Chain Reaction) टेस्ट एक उन्नत आणविक तकनीक (molecular technique) है, जिसका उपयोग वायरस की उपस्थिति की पहचान और पुष्टि के लिए किया जाता है। यह टेस्ट एपस्टीन-बार वायरस (EBV), साइटोमेगालोवायरस (CMV), हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV), और ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) जैसे वायरस से संबंधित संक्रमणों की जांच के लिए किया जाता है।
PCR तकनीक वायरस के डीएनए या आरएनए के छोटे अंशों को गुणा करके उन्हें डिटेक्ट करने में मदद करती है। यह टेस्ट पारंपरिक माइक्रोस्कोपिक और कल्चर टेस्ट की तुलना में अधिक संवेदनशील (sensitive) और विशिष्ट (specific) होता है।
इस टेस्ट से किन बीमारियों का पता चलता है?
- एपस्टीन-बार वायरस (EBV) संक्रमण
- मोनोन्यूक्लियोसिस (Mononucleosis) – जिसे “किसिंग डिज़ीज़” भी कहा जाता है, यह EBV से होने वाला एक वायरल संक्रमण है।
- EBV से जुड़े कुछ कैंसर (जैसे नासोफेरींजियल कार्सिनोमा और बर्किट्स लिम्फोमा) की पहचान में भी यह टेस्ट सहायक होता है।
- साइटोमेगालोवायरस (CMV) संक्रमण
- नवजात शिशुओं में जन्मजात संक्रमण (Congenital CMV)।
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों (HIV मरीजों, ट्रांसप्लांट मरीजों) में गंभीर CMV संक्रमण।
- हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV) संक्रमण
- HSV-1: ओरल हर्पीस (ठंडे छाले या बुखार के छाले)।
- HSV-2: जननांग हर्पीस (Genital Herpes) जो यौन संचारित रोगों (STD) में शामिल है।
- ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) संक्रमण
- कुछ प्रकार के HPV (जैसे HPV-16 और HPV-18) गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर (Cervical Cancer) का कारण बन सकते हैं।
- अन्य प्रकार त्वचा और जननांग मस्से (Genital Warts) उत्पन्न कर सकते हैं।
यह टेस्ट कैसे किया जाता है?
1. सैंपल कलेक्शन (Sample Collection)
- EBV और CMV के लिए: ब्लड (Plasma/Serum), लार, ब्रोंकोएल्वियोलर लैवेज (BAL) सैंपल।
- HSV के लिए: त्वचा से घाव (Lesion Swab), मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) (यदि हर्पेटिक एन्सेफलाइटिस का संदेह हो)।
- HPV के लिए: सर्वाइकल स्वैब (Pap Smear Sample) या यूरिन।
2. सैंपल प्रोसेसिंग और डीएनए/आरएनए एक्सट्रैक्शन
सैंपल को लैब में भेजा जाता है, जहां वायरस का DNA/RNA निकाला (Extract) जाता है।
3. PCR प्रतिक्रिया (PCR Amplification Process)
- वायरल डीएनए/RNA को विशेष एंजाइमों की मदद से कई गुना बढ़ाया जाता है।
- थर्मोकाइकलर मशीन का उपयोग करके इसे विभिन्न तापमानों में गर्म और ठंडा किया जाता है।
- इस प्रक्रिया के दौरान यदि वायरस मौजूद होता है, तो वह डिटेक्ट किया जाता है।
4. डिटेक्शन और रिपोर्ट जनरेशन
- फ्लोरोसेंट संकेतों के माध्यम से यह देखा जाता है कि वायरल जीनोम (genome) टेस्ट में डिटेक्ट हुआ है या नहीं।
- मशीन लगभग 2 से 4 घंटे में रिजल्ट देती है।
इस टेस्ट को करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें
- Real-Time PCR Machine (Thermocycler) – यह वायरल DNA/RNA को गुणा करता है।
- Automated DNA/RNA Extractor – सैंपल से जेनेटिक मैटेरियल निकालता है।
- Fluorescent Detector – वायरस के फ्लोरोसेंट मार्कर को पहचानता है।
इस टेस्ट को करने के लिए आवश्यक रसायन (Reagents and Chemicals)
- PCR Primers and Probes – वायरस के जीन को डिटेक्ट करने के लिए।
- Master Mix Solution – DNA पॉलीमरेज़ एंजाइम और न्यूक्लियोटाइड्स होते हैं, जो डीएनए का विस्तार करते हैं।
- Fluorescent Dye (SYBR Green/TaqMan Probes) – यह रिजल्ट को डिटेक्ट करने में मदद करता है।
- Lysis Buffer – सैंपल से वायरस का DNA/RNA निकालने के लिए।
रिपोर्ट को कैसे पढ़ा जाए?
1. पॉजिटिव रिपोर्ट (Positive Result)
- यदि रिपोर्ट “DETECTED” आती है, तो इसका मतलब है कि वायरस मौजूद है।
- उदाहरण:
- HSV PCR: HSV-2 DETECTED (Ct Value 22.5) – इसका मतलब है कि HSV-2 वायरस शरीर में पाया गया है।
- HPV-16 DETECTED – यह संकेत करता है कि सर्वाइकल कैंसर का खतरा हो सकता है।
- EBV DNA: 10,000 copies/mL – यह EBV संक्रमण को इंगित करता है।
2. निगेटिव रिपोर्ट (Negative Result)
- यदि रिपोर्ट “NOT DETECTED” आती है, तो इसका मतलब है कि वायरस मौजूद नहीं है।
3. संदिग्ध रिपोर्ट (Indeterminate Result)
- यदि सैंपल ठीक से प्रोसेस नहीं हुआ, तो रिजल्ट अस्पष्ट हो सकता है और टेस्ट दोहराने की सलाह दी जाती है।
बीमारी के उपचार के लिए सुझाव
- EBV संक्रमण का उपचार
- अधिकतर मामलों में कोई विशेष उपचार आवश्यक नहीं होता।
- यदि संक्रमण गंभीर है, तो एंटीवायरल दवाएं (Acyclovir, Ganciclovir) दी जा सकती हैं।
- CMV संक्रमण का उपचार
- कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों को Ganciclovir, Valganciclovir जैसी एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं।
- HSV संक्रमण का उपचार
- Acyclovir, Valacyclovir, Famciclovir जैसी दवाएं HSV के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं।
- HSV को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन दवाओं से इसके प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है।
- HPV संक्रमण का उपचार
- यदि HPV-16 या HPV-18 पाया जाता है, तो सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
- नियमित Pap smear और कोलपोस्कोपी की सलाह दी जाती है।
- HPV वैक्सीन (Gardasil, Cervarix) से भविष्य में संक्रमण से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष
PCR टेस्ट EBV, CMV, HSV और HPV संक्रमण की पुष्टि करने के लिए एक उच्च-सटीकता वाली आणविक जांच है। यह टेस्ट वायरस के जेनेटिक मैटेरियल की उपस्थिति की पुष्टि करता है और संक्रमण की गंभीरता का निर्धारण करता है। इस टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर मरीज के लिए उचित उपचार योजना तैयार कर सकते हैं, जिससे जल्दी और प्रभावी इलाज संभव हो सके।