NS1 antigen test

NS1 antigen test – To confirm dengue virus.

NS1 एंटीजन टेस्ट – डेंगू वायरस की पुष्टि के लिए

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

NS1 एंटीजन टेस्ट डेंगू वायरस (Dengue Virus) के शुरुआती चरण में संक्रमण की पुष्टि करने के लिए किया जाता है। यह डेंगू वायरस के नॉन-स्ट्रक्चरल प्रोटीन 1 (NS1) की पहचान करता है, जो संक्रमण के पहले कुछ दिनों में रक्त में पाया जाता है। यह टेस्ट डेंगू बुखार (Dengue Fever), डेंगू हेमोरैजिक फीवर (DHF) और डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) के निदान में मदद करता है। शुरुआती चरण में डेंगू की पहचान होने से मरीज को सही समय पर उपचार मिल सकता है और गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

  1. डेंगू वायरस संक्रमण (Dengue Virus Infection)
    • तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते और कमजोरी।
  2. डेंगू हेमोरैजिक फीवर (DHF)
    • रक्तस्राव, मसूड़ों से खून आना, नाक से खून आना, प्लेटलेट्स की अत्यधिक कमी और अंगों की क्षति।
  3. डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)
    • ब्लड प्रेशर का कम होना, अंग फेल्योर, अधिक कमजोरी और बेहोशी।

NS1 एंटीजन टेस्ट कैसे किया जाता है?

  1. ब्लड सैंपल कलेक्शन: मरीज की नस से रक्त का नमूना लिया जाता है।
  2. लैब टेस्ट: यह टेस्ट ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) या रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट किट द्वारा किया जाता है।
  3. रिजल्ट की व्याख्या: टेस्ट के परिणाम पॉजिटिव या नेगेटिव हो सकते हैं।
    • पॉजिटिव (+): डेंगू वायरस की मौजूदगी की पुष्टि करता है।
    • नेगेटिव (−): डेंगू वायरस की अनुपस्थिति दर्शाता है, लेकिन अगर लक्षण मौजूद हों तो IgM/IgG एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है।

NS1 एंटीजन टेस्ट के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें

  1. ELISA Reader और Washer: NS1 एंटीजन की पहचान करने के लिए।
  2. Rapid Test Kits: फील्ड में त्वरित जांच के लिए।
  3. Centrifuge Machine: रक्त प्लाज्मा और सीरम को अलग करने के लिए।
  4. Automated Pipettes: सैंपल ट्रांसफर करने के लिए।

NS1 एंटीजन टेस्ट के लिए आवश्यक रसायन

  1. NS1 एंटीजन किट (ELISA-Based या Rapid Test Kit)
  2. HRP-Conjugated Antibodies (Horseradish Peroxidase Conjugates)
  3. TMB Substrate (Tetramethylbenzidine)
  4. Stop Solution (H2SO4 – Sulfuric Acid Solution)
  5. Phosphate Buffer Solution (PBS)

NS1 एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझा जाता है?

  1. पॉजिटिव रिपोर्ट:
    • यदि NS1 एंटीजन पॉजिटिव है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति डेंगू वायरस से संक्रमित है और डॉक्टर को तुरंत संपर्क करना चाहिए।
    • प्लेटलेट्स काउंट और CBC टेस्ट कराकर संक्रमण की गंभीरता का मूल्यांकन किया जाता है।
  2. नेगेटिव रिपोर्ट:
    • यदि NS1 एंटीजन नेगेटिव है, लेकिन लक्षण मौजूद हैं, तो IgM और IgG एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है।
    • यदि व्यक्ति बुखार के 5 दिन बाद आया है, तो IgM एंटीबॉडी टेस्ट करवाना अधिक विश्वसनीय होता है।

उदाहरण द्वारा समझाना

केस 1: हल्का डेंगू संक्रमण

  • 28 वर्षीय व्यक्ति को 3 दिन से बुखार और सिरदर्द था।
  • NS1 एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव आया और प्लेटलेट्स 1,50,000 थे।
  • यह हल्का डेंगू संक्रमण है, और मरीज को पर्याप्त पानी पीने, आराम करने और पेरासिटामोल लेने की सलाह दी गई।

केस 2: गंभीर डेंगू संक्रमण

  • 40 वर्षीय महिला को 6 दिन से बुखार था, और शरीर पर लाल चकत्ते थे।
  • NS1 एंटीजन टेस्ट नेगेटिव आया, लेकिन IgM एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव था।
  • प्लेटलेट्स 40,000 थे, इसलिए मरीज को अस्पताल में भर्ती किया गया और IV फ्लूइड और प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन दिया गया।

बीमारी का उपचार और सुझाव

  1. पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें – नारियल पानी, ओआरएस, ताजे फलों का रस लें ताकि डिहाइड्रेशन न हो।
  2. पेरासिटामोल का उपयोग करें – बुखार कम करने के लिए पेरासिटामोल (Paracetamol) दी जाती है, लेकिन एस्पिरिन या आइबुप्रोफेन से बचना चाहिए क्योंकि यह रक्तस्राव बढ़ा सकते हैं।
  3. प्लेटलेट्स की निगरानी करें – यदि प्लेटलेट्स अत्यधिक गिर जाएं, तो मरीज को अस्पताल में भर्ती करना जरूरी है।
  4. आराम करें – शरीर को ठीक होने में समय लगता है, इसलिए भरपूर आराम करें।
  5. मच्छरों से बचाव करें – डेंगू संक्रमित मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरी बाजू के कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करें।

निष्कर्ष

NS1 एंटीजन टेस्ट डेंगू वायरस की शुरुआती पहचान के लिए एक महत्वपूर्ण टेस्ट है। यह संक्रमण के पहले 5 दिनों में सबसे विश्वसनीय होता है। सही समय पर जांच और उचित उपचार से डेंगू की गंभीरता को रोका जा सकता है। यदि टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार आगे की जांच और उपचार करवाना आवश्यक है।

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