Mean Corpuscular Hemoglobin Concentration (MCHC)
Mean Corpuscular Hemoglobin Concentration (MCHC) क्या होता है?
Mean Corpuscular Hemoglobin Concentration (MCHC) लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells – RBCs) में हीमोग्लोबिन की औसत सांद्रता (Concentration) को मापने वाला एक महत्वपूर्ण पैरामीटर है। यह यह दर्शाता है कि किसी व्यक्ति की RBCs में हीमोग्लोबिन का घनत्व कितना है।
- इसे ग्राम प्रति डेसीलीटर (g/dL) में मापा जाता है।
- यह RBCs में हीमोग्लोबिन की औसत सांद्रता को मापने में मदद करता है, जिससे पता चलता है कि किसी व्यक्ति के रक्त में हीमोग्लोबिन सही मात्रा में मौजूद है या नहीं।
सामान्य MCHC रेंज:
- 32-36 g/dL (नॉर्मल)
- <32 g/dL (Hypochromic – कम सांद्रता)
- >36 g/dL (Hyperchromic – अधिक सांद्रता)
यदि MCHC कम होता है, तो यह आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया (Iron Deficiency Anemia) या थैलेसीमिया (Thalassemia) का संकेत हो सकता है।
यदि MCHC अधिक होता है, तो यह हीमोलिटिक एनीमिया (Hemolytic Anemia) या स्फेरोसाइटोसिस (Spherocytosis) जैसी स्थितियों का संकेत दे सकता है।
CBC में MCHC की जांच कैसे की जाती है?
1. रक्त सैंपल लेना
- मरीज की नस (Vein) से रक्त लिया जाता है और इसे EDTA (Ethylenediaminetetraacetic Acid) युक्त टेस्ट ट्यूब में इकट्ठा किया जाता है ताकि रक्त का थक्का न जमे।
2. मशीन द्वारा जांच (Automated Hematology Analyzer Method)
- MCHC की गणना एक स्वचालित हेमेटोलॉजी एनालाइजर (Automated Hematology Analyzer) द्वारा की जाती है।
- इसका सूत्र निम्नलिखित है: MCHC (g/dL) = (Total Hemoglobin ÷ Hematocrit) × 100
- यह गणना बताती है कि RBCs में कितनी मात्रा में हीमोग्लोबिन केंद्रित है।
3. माइक्रोस्कोप से जांच (Peripheral Blood Smear – PBS)
- यदि MCHC असामान्य है, तो ब्लड स्मीयर बनाकर RBCs के रंग और आकार को माइक्रोस्कोप से देखा जाता है।
- Hypochromic RBCs में हीमोग्लोबिन कम होता है, जबकि Hyperchromic RBCs में अधिक।
MCHC टेस्ट क्यों किया जाता है?
इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य एनीमिया के प्रकार और गंभीरता का पता लगाना है।
- यह आयरन की कमी, विटामिन B12 की कमी, थैलेसीमिया, हीमोलिटिक एनीमिया और बोन मैरो से संबंधित बीमारियों के निदान में मदद करता है।
- यह डॉक्टरों को यह समझने में मदद करता है कि क्या मरीज को आयरन सप्लीमेंट, विटामिन B12, या बोन मैरो की जांच की आवश्यकता है।
MCHC टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?
1. जब MCHC कम होता है (Hypochromic – <32 g/dL)
- आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया (Iron Deficiency Anemia) – सबसे आम कारण।
- थैलेसीमिया (Thalassemia) – अनुवांशिक विकार जिसमें हीमोग्लोबिन का उत्पादन ठीक से नहीं होता।
- क्रॉनिक डिजीज एनीमिया (Anemia of Chronic Disease) – लंबे समय तक बीमार रहने वाले मरीजों में।
- साइडरब्लास्टिक एनीमिया (Sideroblastic Anemia) – बोन मैरो में आयरन की गड़बड़ी से।
2. जब MCHC सामान्य होता है (Normochromic – 32-36 g/dL)
- ब्लड लॉस एनीमिया (Acute Blood Loss Anemia) – अचानक रक्तस्राव के कारण।
- अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic Anemia) – बोन मैरो में RBC उत्पादन की समस्या।
- क्रॉनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease – CKD) – जब किडनी ठीक से Erythropoietin नहीं बनाती।
3. जब MCHC अधिक होता है (Hyperchromic – >36 g/dL)
- हीमोलिटिक एनीमिया (Hemolytic Anemia) – जब RBCs जल्दी नष्ट हो जाते हैं।
- हेरिडिटरी स्फेरोसाइटोसिस (Hereditary Spherocytosis) – RBCs का आकार गोल हो जाता है।
- बर्न इंजरी (Severe Burns) – जिससे हीमोग्लोबिन सांद्रता बढ़ सकती है।
MCHC टेस्ट करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें
- Automated Hematology Analyzer – MCHC, Hemoglobin, Hematocrit, और अन्य पैरामीटर्स को मापने के लिए।
- Centrifuge Machine – रक्त को प्लाज्मा और कोशिकाओं में विभाजित करने के लिए।
- Microscope – ब्लड स्मीयर में RBCs के रंग और आकार की जांच के लिए।
MCHC टेस्ट करने के लिए आवश्यक रसायन (Reagents)
- EDTA (Ethylenediaminetetraacetic Acid) – रक्त को जमने से बचाने के लिए।
- Leishman’s Stain या Wright’s Stain – ब्लड स्मीयर के लिए।
- Hemoglobin Reagents – हीमोग्लोबिन का मापन करने के लिए।
टेस्ट रिपोर्ट को कैसे पढ़ें? (उदाहरण सहित)
उदाहरण रिपोर्ट:
- MCHC: 28 g/dL (Hypochromic)
- हीमोग्लोबिन: 9.0 g/dL (कम)
- Hematocrit: 30% (कम)
रिपोर्ट की व्याख्या:
- अगर MCHC < 32 g/dL है, तो यह Iron Deficiency Anemia या Thalassemia का संकेत हो सकता है।
- अगर MCHC 32-36 g/dL है, तो यह सामान्य है।
- अगर MCHC > 36 g/dL है, तो यह Hereditary Spherocytosis या Hemolytic Anemia का संकेत हो सकता है।
बीमारी का उपचार और सुझाव
1. यदि MCHC कम है (Hypochromic Anemia में)
- आयरन युक्त आहार (हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, रेड मीट, गुड़) खाएँ।
- आयरन सप्लीमेंट्स (डॉक्टर की सलाह से) लें।
- अगर थैलेसीमिया है, तो डॉक्टर से नियमित जांच कराएँ।
2. यदि MCHC सामान्य है (Normochromic Anemia में)
- अगर ब्लड लॉस हुआ है, तो आयरन और फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स लें।
- किडनी डिजीज होने पर डॉक्टर से Erythropoietin इंजेक्शन के बारे में पूछें।
3. यदि MCHC अधिक है (Hyperchromic Anemia में)
- हीमोलिटिक एनीमिया के मामले में बोन मैरो की जांच कराएँ।
- हेरिडिटरी स्फेरोसाइटोसिस होने पर स्प्लीन (प्लीहा) का परीक्षण कराएँ।
- डिहाइड्रेशन से बचें, पर्याप्त पानी पिएं।
निष्कर्ष
MCHC यह बताता है कि RBCs में हीमोग्लोबिन की सांद्रता कितनी है। इससे एनीमिया, आयरन की कमी, थैलेसीमिया, हेमोलिटिक एनीमिया, और बोन मैरो डिसऑर्डर जैसी बीमारियों का पता लगाया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार सही आहार, सप्लीमेंट्स और चिकित्सा उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।