Liver Function Tests (LFTs)

Liver Function Tests (LFTs) – Tests for SGOT, SGPT, Bilirubin, Albumin, ALP etc

Liver Function Tests (LFTs) – SGOT, SGPT, Bilirubin, Albumin, ALP आदि की जांच।

Liver Function Tests (LFTs) – SGOT, SGPT, Bilirubin, Albumin, ALP आदि की जांच

Liver Function Tests (LFTs) का उपयोग यकृत (लिवर) के स्वास्थ्य और उसकी कार्यप्रणाली की जांच करने के लिए किया जाता है। इस परीक्षण में विभिन्न एंजाइमों, प्रोटीन और बिलीरुबिन के स्तर की जांच की जाती है।


यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

  1. लिवर की सामान्य कार्यप्रणाली की जांच करने के लिए।
  2. लिवर की किसी भी क्षति (Liver Damage) या सूजन (Hepatitis) का पता लगाने के लिए।
  3. लिवर से जुड़ी बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, सिरोसिस, लिवर कैंसर आदि की पहचान के लिए।
  4. दवाओं, शराब या अन्य टॉक्सिन्स के कारण लिवर पर पड़ने वाले प्रभावों की जांच करने के लिए।
  5. पीलिया (Jaundice) का कारण जानने के लिए।

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

LFTs से निम्नलिखित बीमारियों का पता लगाया जा सकता है:

  1. हेपेटाइटिस (Hepatitis A, B, C, D, E) – लिवर में वायरल संक्रमण
  2. फैटी लिवर (Fatty Liver Disease) – लिवर में अत्यधिक चर्बी जमा होना
  3. सिरोसिस (Cirrhosis) – लिवर की स्थायी क्षति और सिकुड़न
  4. लिवर कैंसर (Liver Cancer/Hepatocellular Carcinoma)
  5. पीलिया (Jaundice) – लिवर की खराबी के कारण बिलीरुबिन का बढ़ना
  6. एल्कोहोलिक लिवर डिजीज (Alcoholic Liver Disease) – शराब के कारण लिवर को होने वाली क्षति
  7. ऑटोइम्यून लिवर डिजीज (Autoimmune Hepatitis, Primary Biliary Cholangitis, etc.)
  8. गॉलब्लैडर और पित्त नलिकाओं से संबंधित समस्याएं (Gallstones, Bile Duct Obstruction)

इस टेस्ट को कैसे किया जाता है?

  1. रक्त का नमूना लिया जाता है:
    • मरीज के हाथ की नस से रक्त निकाला जाता है।
  2. रक्त को विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है:
    • विभिन्न जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से लिवर एंजाइम और प्रोटीन का स्तर मापा जाता है।
  3. रिपोर्ट तैयार की जाती है:
    • रिपोर्ट में SGOT, SGPT, Bilirubin, Albumin, ALP आदि के स्तर दिए होते हैं।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन-कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. Autoanalyzer (Biochemistry Analyzer) – विभिन्न जैव-रासायनिक परीक्षणों के लिए।
  2. Centrifuge Machine – रक्त से प्लाज्मा या सीरम अलग करने के लिए।
  3. Spectrophotometer – विभिन्न एंजाइमों और प्रोटीन का स्तर मापने के लिए।
  4. Pipettes और Micropipettes – सटीक मात्रा में रसायन और सीरम लेने के लिए।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. Reagent Kits for SGOT, SGPT, Bilirubin, ALP, Albumin, Total Protein
  2. Sodium Hydroxide और Sodium Nitrite (Bilirubin Test के लिए)
  3. Bromocresol Green (Albumin Test के लिए)
  4. Buffer Solutions (pH नियंत्रित करने के लिए)

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे पढ़ा और समझाया जाता है?

मुख्य पैरामीटर और उनके सामान्य मान (Normal Ranges)

  1. SGOT (AST – Aspartate Aminotransferase)
    • सामान्य सीमा: 5-40 U/L
    • बढ़ा हुआ स्तर: लिवर डैमेज, हार्ट डिजीज, मसल इंजरी
  2. SGPT (ALT – Alanine Aminotransferase)
    • सामान्य सीमा: 7-56 U/L
    • बढ़ा हुआ स्तर: हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, शराब के कारण लिवर डैमेज
  3. Bilirubin (Total Bilirubin)
    • सामान्य सीमा: 0.1-1.2 mg/dL
    • बढ़ा हुआ स्तर: पीलिया, हेपेटाइटिस, लिवर सिरोसिस, गॉलब्लैडर रुकावट
  4. Albumin
    • सामान्य सीमा: 3.5-5.0 g/dL
    • कम स्तर: लिवर फेल्योर, कुपोषण, किडनी डिजीज
  5. Alkaline Phosphatase (ALP)
    • सामान्य सीमा: 44-147 U/L
    • बढ़ा हुआ स्तर: लिवर डिजीज, हड्डी रोग, गॉलब्लैडर ब्लॉकेज

उदाहरण के साथ रिपोर्ट की व्याख्या

रिपोर्ट 1 (सामान्य लिवर फंक्शन)

  • SGOT: 30 U/L
  • SGPT: 35 U/L
  • Bilirubin: 0.8 mg/dL
  • Albumin: 4.2 g/dL
  • ALP: 100 U/L
    इसका मतलब लिवर सामान्य रूप से काम कर रहा है।

रिपोर्ट 2 (हेपेटाइटिस का संकेत)

  • SGOT: 150 U/L
  • SGPT: 200 U/L
  • Bilirubin: 3.0 mg/dL
    इसका मतलब लिवर में सूजन या हेपेटाइटिस हो सकता है।

रिपोर्ट 3 (लिवर सिरोसिस या कैंसर का संकेत)

  • SGOT: 250 U/L
  • SGPT: 180 U/L
  • Bilirubin: 5.0 mg/dL
  • Albumin: 2.5 g/dL
    इसका मतलब लिवर डैमेज गंभीर स्तर पर हो सकता है, सिरोसिस या कैंसर की संभावना है।

बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव

1. हेपेटाइटिस (Hepatitis) का उपचार

  • हेपेटाइटिस A, E: आराम, हाइड्रेशन, हेल्दी डाइट
  • हेपेटाइटिस B, C: एंटीवायरल दवाएं (Tenofovir, Entecavir, Interferon)

2. फैटी लिवर का उपचार

  • वजन कम करना, शुगर और ऑयली फूड से बचना
  • नियमित व्यायाम करना
  • विटामिन E और एंटीऑक्सीडेंट लेना

3. सिरोसिस और लिवर फेल्योर का उपचार

  • शराब पूरी तरह बंद करना
  • लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती है

4. पीलिया (Jaundice) का उपचार

  • लिवर की समस्या का सही इलाज
  • हाइड्रेशन बनाए रखना
  • गॉलब्लैडर ब्लॉकेज का सर्जिकल उपचार

निष्कर्ष

LFT (Liver Function Test) लिवर की स्थिति की जांच करने का एक आवश्यक परीक्षण है। इस टेस्ट से हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। समय पर जांच और सही इलाज से लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है।

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