Leishmania PCR Test

Leishmania PCR Test लीशमैनियासिस संक्रमण की अधिक संवेदनशील जांच।

Leishmania PCR Test A more sensitive test for leishmaniasis infection.

Leishmania PCR Test – लीशमैनियासिस संक्रमण की अधिक संवेदनशील जांच

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

Leishmania PCR टेस्ट लीशमैनिया परजीवी (Leishmania spp.) के कारण होने वाले लीशमैनियासिस (Leishmaniasis) संक्रमण की पहचान और पुष्टि करने के लिए किया जाता है। यह सबसे संवेदनशील (Sensitive) और सटीक (Specific) टेस्ट है, जो लीशमैनिया के डीएनए (DNA) की पहचान करता है।

लीशमैनियासिस एक परजीवी जनित (Parasitic) रोग है, जो सैंडफ्लाई (Sandfly) के काटने से फैलता है। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है:

  1. विसेरल लीशमैनियासिस (Visceral Leishmaniasis – Kala-Azar) → यह सबसे गंभीर प्रकार है, जो लीवर, स्प्लीन और बोन मैरो को प्रभावित करता है।
  2. त्वचीय लीशमैनियासिस (Cutaneous Leishmaniasis) → यह त्वचा पर घाव और अल्सर (Ulcers) बनाता है।
  3. म्यूकोक्यूटेनियस लीशमैनियासिस (Mucocutaneous Leishmaniasis) → यह नाक, मुंह और गले की म्यूकोसल परत को प्रभावित करता है।

अन्य परंपरागत जांच (Microscopy, Culture, Serology) के मुकाबले, PCR टेस्ट अधिक संवेदनशील और विश्वसनीय होता है, खासकर जब संक्रमण की पुष्टि में संदेह हो।


इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

  1. विसेरल लीशमैनियासिस (Kala-Azar)
    • लंबे समय तक बुखार, कमजोरी, वजन कम होना, तिल्ली और यकृत की सूजन (Hepatosplenomegaly)।
    • गंभीर मामलों में एनीमिया (Anemia) और इम्यूनो-सप्रेशन (Immunosuppression)।
  2. त्वचीय लीशमैनियासिस (Cutaneous Leishmaniasis)
    • त्वचा पर नॉन-हीलिंग अल्सर, जो महीनों या वर्षों तक रह सकते हैं।
    • यह दर्द रहित होता है लेकिन स्थायी घाव छोड़ सकता है।
  3. म्यूकोक्यूटेनियस लीशमैनियासिस (Mucocutaneous Leishmaniasis)
    • नाक, होंठ और गले की सूजन, जिससे स्थायी विकृति हो सकती है।
    • उन्नत मामलों में सांस लेने और भोजन निगलने में दिक्कत।

यह टेस्ट कैसे किया जाता है?

  1. नमूना संग्रह (Sample Collection)
    • विसेरल लीशमैनियासिस के लिए → रक्त (Blood), बोन मैरो (Bone Marrow) या स्प्लीन (Spleen) का नमूना लिया जाता है।
    • त्वचीय लीशमैनियासिस के लिए → त्वचा के घाव से बायोप्सी या स्क्रैपिंग (Skin Biopsy or Lesion Scrapings) लिया जाता है।
    • म्यूकोक्यूटेनियस लीशमैनियासिस के लिए → नाक या गले के ऊतक का नमूना लिया जाता है।
  2. DNA Extract करना (DNA Extraction)
    • नमूने से परजीवी का डीएनए निकाला जाता है।
  3. PCR प्रक्रिया (Polymerase Chain Reaction – PCR)
    • लीशमैनिया के विशिष्ट जीन को एम्प्लिफाई (Amplify) किया जाता है।
    • यदि लीशमैनिया परजीवी मौजूद होता है, तो उसका डीएनए PCR में डिटेक्ट हो जाता है।
  4. रिजल्ट विश्लेषण (Result Analysis)
    • यदि परजीवी का डीएनए पाया जाता है, तो रिपोर्ट पॉजिटिव (Positive) आती है।
    • यदि डीएनए नहीं मिलता, तो रिपोर्ट नेगेटिव (Negative) होती है।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. PCR मशीन (Thermal Cycler / Real-Time PCR Machine) → DNA एम्प्लिफिकेशन और डिटेक्शन के लिए।
  2. Electrophoresis Unit (Gel Electrophoresis) → PCR प्रोडक्ट्स को जांचने के लिए।
  3. Centrifuge Machine → रक्त या अन्य नमूनों से DNA को अलग करने के लिए।
  4. DNA Extraction Kit और Spectrophotometer → नमूने से DNA निकालने और उसकी गुणवत्ता जांचने के लिए।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. PCR Reagents:
    • Primers – लीशमैनिया DNA की पहचान करने के लिए।
    • DNA Polymerase – PCR प्रक्रिया को चलाने के लिए।
    • dNTPs (Deoxynucleotide Triphosphates) – DNA संश्लेषण के लिए।
    • PCR Buffer और MgCl₂ – रिएक्शन स्थिरता बनाए रखने के लिए।
  2. DNA Extraction Reagents:
    • Lysis Buffer और Proteinase K – सेल्स को तोड़कर DNA निकालने के लिए।
    • Ethanol और Isopropanol – DNA को शुद्ध करने के लिए।
  3. Agarose Gel और Ethidium Bromide
    • Gel Electrophoresis में DNA बैंड देखने के लिए।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?

1. PCR टेस्ट रिपोर्ट:

  • पॉजिटिव रिजल्ट:
    • यदि लीशमैनिया DNA पाया जाता है, तो व्यक्ति को लीशमैनियासिस संक्रमण है।
    • Example: “Leishmania DNA detected – Suggestive of active infection.”
  • नेगेटिव रिजल्ट:
    • यदि DNA नहीं मिलता, तो व्यक्ति में संक्रमण नहीं है।
    • Example: “No Leishmania DNA detected – No active infection.”

2. Ct Value (Cycle Threshold Value in Real-Time PCR)

  • Ct ≤ 30 → उच्च परजीवी लोड (High Infection Load)।
  • Ct 30-35 → मध्यम संक्रमण (Moderate Infection Load)।
  • Ct > 35 → संक्रमण बहुत हल्का या सीमा रेखा पर (Low or Borderline Infection)।

बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव

1. दवा द्वारा उपचार (Medication Treatment)

  1. विसेरल लीशमैनियासिस (Kala-Azar):
    • Sodium Stibogluconate (20 mg/kg/day, 28 दिन तक)
    • Liposomal Amphotericin B (3-5 mg/kg, 5-10 दिन तक)
    • Miltefosine (50-100 mg/day, 28 दिन तक, ओरल दवा)
  2. त्वचीय लीशमैनियासिस (Cutaneous Leishmaniasis):
    • छोटी चोटों के लिए क्रायोथेरेपी (Cryotherapy) या पेंटास्टमिन इंजेक्शन (Pentostam Injection)
    • बड़े अल्सर के लिए Miltefosine या Amphotericin B
  3. म्यूकोक्यूटेनियास लीशमैनियासिस:
    • Amphotericin B या Miltefosine

2. रोकथाम के उपाय (Prevention Strategies)

  1. सैंडफ्लाई के काटने से बचाव करें (Mosquito Nets, Insect Repellents)।
  2. गंदगी और कूड़े-कचरे से बचाव करें, क्योंकि सैंडफ्लाई गंदगी में पनपती हैं।
  3. संक्रमित जानवरों से दूरी बनाए रखें।
  4. कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों (HIV/AIDS) को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
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