KOH Mount Test

KOH (Potassium Hydroxide) Mount Test

KOH (Potassium Hydroxide) माउंट टेस्ट क्या है?

KOH माउंट टेस्ट एक माइक्रोस्कोपिक टेस्ट है जिसका उपयोग फंगल संक्रमण (Fungal Infection) की पहचान के लिए किया जाता है। यह टेस्ट त्वचा, नाखून, बाल, और अन्य शरीर के ऊत्तकों में मौजूद फंगल संक्रमण की उपस्थिति की जांच करने के लिए किया जाता है।


KOH माउंट टेस्ट करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीन

इस टेस्ट के लिए माइक्रोस्कोप (Microscope) का उपयोग किया जाता है। माइक्रोस्कोप की मदद से फंगल तत्वों को देखने के लिए स्लाइड को जांचा जाता है।


KOH माउंट टेस्ट करने की प्रक्रिया

  1. सैंपल संग्रह (Sample Collection)
    • त्वचा, नाखून, बाल, या अन्य ऊत्तकों से संक्रमण वाले हिस्से का स्क्रैप (scraping) लिया जाता है।
    • यह स्क्रैपिंग एक साफ और सूखी स्लाइड पर रखी जाती है।
  2. KOH घोल का उपयोग (Use of KOH Solution)
    • 10% से 20% पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH) का घोल स्लाइड पर डाला जाता है।
    • KOH कोशिकाओं को घोल देता है लेकिन फंगस के तत्वों को बरकरार रखता है, जिससे उनकी पहचान आसान हो जाती है।
  3. इनक्यूबेशन (Incubation)
    • स्लाइड को कुछ मिनटों के लिए छोड़ दिया जाता है ताकि KOH ऊत्तकों को घोल सके।
    • कभी-कभी हल्की गर्मी देने से प्रक्रिया तेज हो जाती है।
  4. माइक्रोस्कोप द्वारा जांच (Microscopic Examination)
    • स्लाइड को माइक्रोस्कोप के तहत देखा जाता है।
    • यदि फंगल संक्रमण मौजूद होता है, तो फंगल हाइफे (Hyphae) या स्पोर्स (Spores) दिखाई देंगे।

KOH माउंट टेस्ट किस बीमारी का पता लगाने के लिए किया जाता है?

इस टेस्ट का उपयोग फंगल संक्रमण (Fungal Infections) की पहचान के लिए किया जाता है, जैसे कि:

  • डर्माटोफाइटोसिस (Dermatophytosis) – त्वचा, नाखून, और बालों का फंगल संक्रमण।
  • कैंडिडायसिस (Candidiasis) – यीस्ट संक्रमण, जो त्वचा, नाखून, और श्लेष्म झिल्ली को प्रभावित करता है।
  • टिनिया संक्रमण (Tinea Infections) – जैसे टिनिया पेडिस (Athlete’s Foot), टिनिया कॉर्पोरिस (Ringworm), टिनिया कैपिटिस (Scalp Ringworm), आदि।

KOH माउंट टेस्ट की रिपोर्ट कैसे पढ़ें?

1. पॉजिटिव रिपोर्ट (Positive Report) – फंगल संक्रमण मौजूद है

  • यदि माइक्रोस्कोप में फंगल हाइफे (Hyphae) या स्पोर्स (Spores) देखे जाते हैं, तो टेस्ट पॉजिटिव माना जाता है।
  • यह संकेत करता है कि व्यक्ति को फंगल संक्रमण है और एंटीफंगल ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है।

उदाहरण:

  • यदि माइक्रोस्कोप में लंबी शाखाएं (Hyphae) और गोलाकार स्पोर्स दिखाई दें, तो यह डर्माटोफाइटोसिस (Dermatophytosis) का संकेत हो सकता है।
  • यदि केवल गोलाकार यीस्ट और बडिंग सेल्स दिखें, तो यह कैंडिडायसिस (Candidiasis) हो सकता है।

2. नेगेटिव रिपोर्ट (Negative Report) – कोई फंगल संक्रमण नहीं

  • यदि कोई फंगल संरचना नहीं देखी जाती है, तो टेस्ट नेगेटिव होता है।
  • इसका मतलब है कि संक्रमण किसी अन्य कारण से हो सकता है, जैसे बैक्टीरियल इंफेक्शन, एलर्जी, या अन्य त्वचा रोग।

निष्कर्ष

KOH माउंट टेस्ट एक सरल और त्वरित डायग्नोस्टिक टेस्ट है, जो फंगल संक्रमण की पहचान में मदद करता है। माइक्रोस्कोप और KOH घोल का उपयोग करके, डॉक्टर यह निर्धारित कर सकते हैं कि किसी व्यक्ति को फंगल संक्रमण है या नहीं। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो एंटीफंगल दवाओं से इलाज किया जाता है।

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