भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
1. ISRO की स्थापना और इतिहास
ISRO की स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी। इसके संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई थे, जिन्हें भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा जाता है। ISRO का मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थित है। इससे पहले भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान की जिम्मेदारी INCOSPAR (Indian National Committee for Space Research) नामक संगठन पर थी, जिसकी स्थापना 1962 में की गई थी।
2. ISRO के पहले मिशन और उपग्रह
भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट था, जिसे 19 अप्रैल 1975 को सोवियत संघ के सहयोग से लॉन्च किया गया था। इसके बाद 1980 में रोहिणी (RS-1) उपग्रह को भारत ने स्वदेशी रॉकेट SLV-3 के जरिए लॉन्च किया। यह भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण था।
3. प्रमुख उपग्रह और उनके कार्य
ISRO ने कई संचार, पृथ्वी अवलोकन और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए उपग्रह विकसित किए हैं। इनमें INSAT (मौसम और संचार), IRS (पृथ्वी संसाधन अवलोकन), GSAT (दूरसंचार), RISAT (रडार इमेजिंग) और Cartosat (मानचित्रण) शामिल हैं।
4. भारत के चंद्र और मंगल मिशन
ISRO ने अब तक तीन चंद्र मिशन और एक मंगल मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किए हैं।
- चंद्रयान-1 (2008): इसने चंद्रमा की सतह पर जल की उपस्थिति की पुष्टि की।
- चंद्रयान-2 (2019): इसका लैंडर “विक्रम” चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में विफल रहा, लेकिन ऑर्बिटर अब भी डेटा भेज रहा है।
- चंद्रयान-3 (2023): भारत का पहला सफल चंद्र लैंडर, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की।
- मंगलयान (2013): भारत का पहला मंगल मिशन, जिसे पहली ही कोशिश में सफल बनाया गया। यह दुनिया का सबसे किफायती मंगल मिशन था।
5. भारत के सूर्य और शुक्र मिशन
- आदित्य-L1 (2023): यह भारत का पहला सौर मिशन है, जो सूर्य के वातावरण और सौर हवाओं का अध्ययन कर रहा है।
- शुक्रयान (आगामी): यह मिशन शुक्र ग्रह के वातावरण का अध्ययन करेगा।
6. ISRO के प्रमुख रॉकेट और प्रक्षेपण यान
ISRO ने अब तक कई प्रक्षेपण यान विकसित किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- SLV (Satellite Launch Vehicle): भारत का पहला प्रक्षेपण यान, जिसने 1980 में रोहिणी उपग्रह लॉन्च किया।
- PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle): यह सबसे सफल रॉकेट है, जिससे भारत और अन्य देशों के कई उपग्रह लॉन्च किए गए हैं।
- GSLV (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle): यह भारी उपग्रहों को भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित करने में सक्षम है।
- GSLV Mk III (LVM3): यह सबसे शक्तिशाली रॉकेट है, जिसका उपयोग गगनयान और चंद्रयान-2 व 3 मिशन के लिए किया गया।
- SSLV (Small Satellite Launch Vehicle): छोटे उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए विकसित किया गया नया रॉकेट।
7. ISRO का मानव अंतरिक्ष मिशन – गगनयान
भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान है, जिसके तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों (गगनयानियों) को 2025 तक पृथ्वी की कक्षा में भेजने की योजना है। इसके लिए GSLV Mk III रॉकेट का उपयोग किया जाएगा।
8. ISRO के अंतरराष्ट्रीय सहयोग
ISRO ने NASA (अमेरिका), Roscosmos (रूस), ESA (यूरोप), JAXA (जापान) और CNES (फ्रांस) के साथ कई अंतरिक्ष मिशनों में सहयोग किया है। भारत ने अपने PSLV रॉकेट से 30 से अधिक देशों के 400+ उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं।
9. ISRO के अनुसंधान और विकास केंद्र
ISRO के प्रमुख केंद्रों में शामिल हैं:
- विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC), तिरुवनंतपुरम – रॉकेट निर्माण और विकास।
- सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC), श्रीहरिकोटा – उपग्रह प्रक्षेपण।
- इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC), बेंगलुरु – मिशन नियंत्रण।
- स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (SAC), अहमदाबाद – उपग्रह उपकरणों का विकास।
- राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC), हैदराबाद – पृथ्वी अवलोकन डेटा का विश्लेषण।
10. ISRO की भविष्य की योजनाएँ
- गगनयान (2025) – पहला भारतीय मानव अंतरिक्ष मिशन।
- शुक्रयान (2025-26) – शुक्र ग्रह के वातावरण का अध्ययन।
- चंद्रयान-4 (2030 के बाद) – चंद्रमा पर स्थायी शोध केंद्र बनाने की योजना।
- Reusable Launch Vehicle (RLV) – पुन: प्रयोग किए जाने वाले रॉकेट का विकास।
11. ISRO से जुड़े प्रमुख वैज्ञानिक
- डॉ. विक्रम साराभाई – ISRO के संस्थापक।
- डॉ. सतीश धवन – भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को मजबूती देने वाले वैज्ञानिक।
- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम – PSLV और मिसाइल कार्यक्रम के जनक।
- डॉ. के. सिवन – चंद्रयान-2 और गगनयान मिशन के दौरान ISRO प्रमुख।
- डॉ. एस. सोमनाथ – वर्तमान ISRO अध्यक्ष।
MPPSC परीक्षा के लिए रणनीति
MPPSC में ISRO से जुड़े सवाल अक्सर करंट अफेयर्स, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और भारत की उपलब्धियों से संबंधित होते हैं। इसलिए:
- ISRO के हालिया मिशन और लॉन्च की खबरें पढ़ें।
- भारत के पहले, प्रमुख और असफल उपग्रह मिशनों को याद रखें।
- रॉकेट और प्रक्षेपण यानों की विशेषताओं को समझें।
- ISRO के वैज्ञानिकों के योगदान को जानें।
- भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के वैश्विक प्रभाव पर ध्यान दें।