IgM & IgG antibody test – confirmation of Chikungunya infection.
IgM & IgG एंटीबॉडी टेस्ट – चिकनगुनिया संक्रमण की पुष्टि
यह टेस्ट क्यों किया जाता है?
यह टेस्ट चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) के संक्रमण की पहचान और संक्रमण की स्टेज जानने के लिए किया जाता है।
- IgM एंटीबॉडी टेस्ट से यह पता चलता है कि मरीज को हाल ही में चिकनगुनिया हुआ है और उसका शरीर वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बना रहा है।
- IgG एंटीबॉडी टेस्ट यह बताता है कि मरीज को पहले चिकनगुनिया हो चुका है और अब उसके शरीर में इस वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है।
इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?
- एक्टिव चिकनगुनिया संक्रमण – अगर IgM पॉजिटिव आता है, तो मरीज को हाल ही में चिकनगुनिया हुआ है।
- पुराना चिकनगुनिया संक्रमण – अगर IgG पॉजिटिव आता है, तो मरीज को पहले चिकनगुनिया हो चुका है और अब वह ठीक हो गया है।
- संक्रमण का स्टेज पता चलता है – अगर दोनों IgM और IgG पॉजिटिव आते हैं, तो मरीज ठीक हो रहा होता है और उसकी इम्यूनिटी बढ़ रही होती है।
यह टेस्ट कैसे किया जाता है?
1. ब्लड सैंपल कलेक्शन
- मरीज की नस से ब्लड सैंपल लिया जाता है।
- ब्लड को टेस्टिंग के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है।
2. एंटीबॉडी की जांच (ELISA टेस्ट)
- ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) तकनीक का उपयोग करके IgM और IgG एंटीबॉडी की पहचान की जाती है।
- यह जांच करता है कि मरीज के ब्लड में चिकनगुनिया वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मौजूद हैं या नहीं।
इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?
- ELISA Reader – IgM और IgG एंटीबॉडी को डिटेक्ट करने के लिए।
- Centrifuge Machine – ब्लड से सीरम और प्लाज्मा अलग करने के लिए।
- Automated Pipettes – सैंपल और रसायनों को सही मात्रा में मिलाने के लिए।
- Incubator – सैंपल को सही तापमान पर रखने के लिए।
इस टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?
- IgM और IgG ELISA किट – एंटीबॉडी डिटेक्शन के लिए।
- TMB Substrate (Tetramethylbenzidine) – कलर डिटेक्शन के लिए।
- Stop Solution (H2SO4 – Sulfuric Acid Solution) – रासायनिक प्रतिक्रिया को रोकने के लिए।
- Phosphate Buffer Solution (PBS) – सैंपल को स्थिर रखने के लिए।
टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझा जाता है?
- केवल IgM पॉजिटिव: मरीज को हाल ही में चिकनगुनिया हुआ है और शरीर एंटीबॉडी बना रहा है।
- केवल IgG पॉजिटिव: मरीज को पहले चिकनगुनिया हो चुका है और अब वह ठीक हो गया है।
- IgM और IgG दोनों पॉजिटिव: मरीज संक्रमण से ठीक हो रहा है और उसकी इम्यूनिटी बन रही है।
- दोनों नेगेटिव: मरीज को चिकनगुनिया नहीं हुआ है या संक्रमण बहुत नया है और अभी टेस्ट में नहीं आ रहा।
उदाहरण द्वारा समझना
केस 1: हाल ही में हुआ संक्रमण
- एक 28 वर्षीय व्यक्ति को तेज बुखार और जोड़ों में दर्द था।
- IgM एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव आया, लेकिन IgG नेगेटिव था।
- इसका मतलब था कि मरीज को हाल ही में चिकनगुनिया हुआ है।
- उसे पर्याप्त आराम, तरल पदार्थ और पेरासिटामोल लेने की सलाह दी गई।
केस 2: पहले हुआ संक्रमण
- 35 वर्षीय महिला को चिकनगुनिया की जांच करानी थी।
- IgG पॉजिटिव और IgM नेगेटिव आया।
- इसका मतलब था कि उसे पहले चिकनगुनिया हो चुका था, लेकिन अब वह ठीक है।
बीमारी का उपचार और सुझाव
- पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ लें – डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नारियल पानी और ओआरएस पिएं।
- बुखार और दर्द के लिए पेरासिटामोल लें – एस्पिरिन और आइबुप्रोफेन से बचें।
- आराम करें – शरीर को रिकवरी के लिए पूरा समय दें।
- मच्छरों से बचाव करें – मच्छरदानी का उपयोग करें और मच्छर भगाने वाले स्प्रे का प्रयोग करें।
- पौष्टिक आहार लें – इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हरी सब्जियां, फल और हल्का सुपाच्य भोजन खाएं।
निष्कर्ष
IgM & IgG एंटीबॉडी टेस्ट चिकनगुनिया संक्रमण की पुष्टि और उसकी स्टेज जानने के लिए जरूरी है। अगर IgM पॉजिटिव है, तो मरीज को हाल ही में संक्रमण हुआ है। अगर IgG पॉजिटिव है, तो मरीज को पहले संक्रमण हो चुका है और अब उसके शरीर में इम्यूनिटी बन चुकी है। समय पर जांच और सही इलाज से बीमारी की गंभीरता को रोका जा सकता है।