IgG antibody test

IgG antibody test: To confirm past or chronic infection.

IgG एंटीबॉडी टेस्ट: पुरानी या पूर्व संक्रमण की पुष्टि के लिए।

IgG एंटीबॉडी टेस्ट: पुरानी या पूर्व संक्रमण की पुष्टि के लिए

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

IgG (Immunoglobulin G) एंटीबॉडी टेस्ट यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि क्या किसी व्यक्ति को पहले किसी वायरस या बैक्टीरिया का संक्रमण हो चुका है। जब शरीर किसी रोगजनक (pathogen) से संक्रमित होता है, तो इम्यून सिस्टम पहले IgM एंटीबॉडी बनाता है, और संक्रमण के कुछ हफ्तों बाद IgG एंटीबॉडी का उत्पादन करता है। IgG लंबे समय तक शरीर में बना रहता है और व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को दर्शाता है।

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

IgG एंटीबॉडी टेस्ट विभिन्न वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों की पहचान करने के लिए किया जाता है, जैसे:

  1. वायरल संक्रमण:
    • कोविड-19 (SARS-CoV-2)
    • डेंगू (Dengue Virus)
    • चिकनगुनिया (Chikungunya Virus)
    • हेपेटाइटिस A, B, C (Hepatitis A, B, C)
    • हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV-1, HSV-2)
    • रूबेला (Rubella Virus)
    • ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV)
  2. बैक्टीरियल संक्रमण:
    • टाइफाइड (Salmonella Typhi)
    • ब्रूसेलोसिस (Brucellosis)
    • लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis)
    • लाइम डिजीज (Lyme Disease)
  3. टीकाकरण के प्रभाव की जांच:
    • यह टेस्ट यह देखने के लिए भी किया जाता है कि किसी व्यक्ति में वैक्सीन के कारण एंटीबॉडी बनी हैं या नहीं, जैसे हेपेटाइटिस B, कोविड-19, या रूबेला के लिए।

यह टेस्ट कैसे किया जाता है?

  1. ब्लड सैंपल लिया जाता है
    • ब्लड आमतौर पर हाथ की नस (vein) से लिया जाता है।
    • कुछ मामलों में उंगली से ब्लड ड्रॉप लेकर भी टेस्ट किया जा सकता है (Rapid Test)।
  2. सीरम या प्लाज्मा अलग किया जाता है
    • ब्लड को सेंट्रीफ्यूज मशीन में डालकर सीरम या प्लाज्मा अलग किया जाता है।
  3. टेस्ट की प्रक्रिया:
    • ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) – IgG एंटीबॉडी की उपस्थिति और मात्रा को मापता है।
    • Chemiluminescent Immunoassay (CLIA) – IgG एंटीबॉडी की अधिक संवेदनशील जांच करता है।
    • Rapid Immunochromatographic Test (ICT) – तुरंत परिणाम देने के लिए उपयोग किया जाता है।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. ELISA Reader & Washer – ELISA टेस्ट के लिए।
  2. Chemiluminescence Immunoassay (CLIA) Analyzer – अधिक संवेदनशील परीक्षण के लिए।
  3. Centrifuge Machine – ब्लड से सीरम अलग करने के लिए।
  4. Biosafety Cabinet – ब्लड सैंपल को सुरक्षित तरीके से हैंडल करने के लिए।
  5. Rapid Test Kit (ICT-based) – त्वरित परिणाम के लिए।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. Antigen-Coated Wells या Test Strips – वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ प्रतिक्रिया की जांच के लिए।
  2. Enzyme-Linked Secondary Antibody – IgG एंटीबॉडी की पहचान के लिए।
  3. Substrate Solution (TMB – Tetramethylbenzidine) – ELISA में कलर डिटेक्शन के लिए।
  4. Buffer Solutions (Phosphate Buffered Saline – PBS) – रिएक्शन स्टेबल बनाए रखने के लिए।
  5. Stop Solution (Sulfuric Acid या Hydrochloric Acid) – रिएक्शन रोकने के लिए।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?

  1. Negative Result (कोई पुराना संक्रमण नहीं पाया गया)
    • यदि IgG एंटीबॉडी नहीं पाई जाती है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को पहले कभी संक्रमण नहीं हुआ
    • उदाहरण: Covid-19 IgG Negative – मरीज को पहले कोविड-19 संक्रमण नहीं हुआ था।
  2. Positive Result (पुराना संक्रमण हो चुका है या वैक्सीन प्रभावी है)
    • यदि IgG एंटीबॉडी पाई जाती है, तो व्यक्ति को पहले संक्रमण हो चुका है और अब इम्यूनिटी विकसित हो गई है।
    • उदाहरण: Dengue IgG Positive – मरीज को पहले डेंगू हो चुका था और अब शरीर में उसकी एंटीबॉडी मौजूद हैं।
  3. Doubtful या Borderline Result (संदिग्ध परिणाम)
    • यदि रिपोर्ट संदिग्ध है, तो डॉक्टर IgM टेस्ट या PCR टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं।

उदाहरण:

केस 1:

  • एक मरीज को दो महीने पहले कोविड-19 हुआ था और अब वह टेस्ट करवा रहा है।
  • उसकी रिपोर्ट में Covid-19 IgG Positive आया, जिसका मतलब है कि उसके शरीर में अब कोविड-19 के खिलाफ इम्यूनिटी बन गई है।

केस 2:

  • एक व्यक्ति को पहले टाइफाइड हुआ था, लेकिन अब वह स्वस्थ है।
  • IgG टेस्ट में Typhoid IgG Positive आया, जिससे पुष्टि होती है कि उसे पहले संक्रमण हुआ था और अब शरीर में एंटीबॉडी मौजूद हैं।

बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव

  1. यदि IgG Positive है, तो व्यक्ति को उपचार की आवश्यकता नहीं होती।
    • इसका मतलब है कि शरीर में उस संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा बन चुकी है।
    • लेकिन कुछ मामलों में, जैसे हेपेटाइटिस B या C, डॉक्टर वायरस की सक्रियता जांचने के लिए PCR टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं।
  2. टीकाकरण आवश्यक हो सकता है।
    • यदि व्यक्ति को पहले संक्रमण नहीं हुआ है और IgG Negative है, तो डॉक्टर संबंधित बीमारी के खिलाफ वैक्सीन लेने की सलाह दे सकते हैं।
    • उदाहरण: हेपेटाइटिस B, रूबेला, HPV, टाइफाइड, कोविड-19।
  3. संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतें।
    • नियमित रूप से हाथ धोएं और स्वच्छता बनाए रखें।
    • मच्छरों से बचाव करें (डेंगू, चिकनगुनिया के लिए)।
    • असुरक्षित यौन संबंध से बचें (HSV, HPV, HIV जैसी बीमारियों से बचाव के लिए)।

निष्कर्ष

IgG एंटीबॉडी टेस्ट यह पहचानने के लिए किया जाता है कि किसी व्यक्ति को पहले कोई संक्रमण हो चुका है या नहीं। यह कोविड-19, डेंगू, हेपेटाइटिस, टाइफाइड, रूबेला और कई अन्य बीमारियों की पुरानी संक्रमण स्थिति का पता लगाने में मदद करता है। अगर IgG पॉजिटिव है, तो व्यक्ति को उस बीमारी के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता मिल चुकी होती है। यदि IgG नेगेटिव है, तो संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन लेने की जरूरत हो सकती है। यह टेस्ट संक्रमण के इतिहास को जानने और टीकाकरण की जरूरत का आकलन करने के लिए उपयोगी होता है।

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