Hookworm Test

Hookworm Test: Identification of Necator americanus and Ancylostoma duodenale eggs in feces.

Hookworm Test:मल में Necator americanus और Ancylostoma duodenale अंडों की पहचान।

हुकवर्म (Hookworm) टेस्ट की विस्तृत जानकारी

हुकवर्म संक्रमण Necator americanus और Ancylostoma duodenale नामक परजीवियों के कारण होता है। ये छोटे कीड़े आंतों में रहते हैं और वहां से खून चूसकर शरीर में खून की कमी (एनीमिया) और कुपोषण का कारण बनते हैं। यह संक्रमण आमतौर पर दूषित मिट्टी या गंदे वातावरण में नंगे पैर चलने से होता है।

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

हुकवर्म संक्रमण की पुष्टि करने के लिए यह टेस्ट किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति को खून की कमी, कमजोरी, पेट दर्द, दस्त, या त्वचा पर चकत्ते हैं, तो डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

  1. हुकवर्म संक्रमण (Hookworm Infection) – आंतों में हुकवर्म के अंडे और लार्वा पाए जाते हैं, जिससे खून की कमी और कुपोषण हो सकता है।
  2. एनीमिया (Anemia) – हुकवर्म खून चूसकर शरीर में आयरन की कमी कर देते हैं, जिससे थकान और कमजोरी होती है।
  3. हाइपोएल्ब्यूमिनेमिया (Hypoalbuminemia) – प्रोटीन की कमी होने से शरीर में सूजन और कमजोरी होती है।

इस टेस्ट को कैसे किया जाता है?

  1. मल नमूना संग्रह (Stool Sample Collection):
    • मरीज को एक साफ कंटेनर में सुबह का ताजा मल जमा करना होता है।
    • कभी-कभी संक्रमण की पुष्टि के लिए लगातार 3 दिन तक मल के नमूने लिए जाते हैं।
  2. माइक्रोस्कोपिक जांच (Microscopic Examination):
    • मल के नमूने को स्लाइड पर रखकर माइक्रोस्कोप से देखा जाता है ताकि हुकवर्म के अंडों की पहचान हो सके।
  3. कॉन्सेंट्रेशन तकनीक (Concentration Techniques):
    • यदि हुकवर्म के अंडे कम मात्रा में होते हैं, तो उन्हें बेहतर ढंग से देखने के लिए फ्लोटेशन या सेडिमेंटेशन तकनीक का उपयोग किया जाता है।
  4. कल्चर विधि (Harada-Mori Culture Method):
    • मल को गीले फिल्टर पेपर पर रखा जाता है, जिससे लार्वा विकसित हो सकते हैं और संक्रमण की पुष्टि हो सकती है।
  5. सीरोलॉजिकल टेस्ट (Serological Test):
    • यदि मल में अंडे नहीं मिलते हैं, तो ब्लड टेस्ट करके हुकवर्म संक्रमण की जांच की जा सकती है।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन-कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. माइक्रोस्कोप (Microscope): हुकवर्म के अंडों की पहचान के लिए।
  2. सेंट्रीफ्यूज (Centrifuge): मल के नमूने से अंडों को अलग करने के लिए।
  3. कल्चर चैंबर (Culture Chamber): हुकवर्म के लार्वा को विकसित करने के लिए।
  4. ELISA रीडर: हुकवर्म संक्रमण के प्रति एंटीबॉडी की जांच के लिए।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. सल्फेट सॉल्यूशन (Zinc Sulfate Solution): मल के नमूने में हुकवर्म अंडों की पहचान के लिए।
  2. फॉर्मलिन-इथर सॉल्यूशन: मल के नमूने को संरक्षित करने और अंडों को अलग करने के लिए।
  3. लुगोल्स आयोडीन (Lugol’s Iodine): अंडों को रंगीन करने के लिए ताकि वे स्पष्ट रूप से दिखें।
  4. फ्लोटेशन सॉल्यूशन (Sheather’s Sugar Solution): मल में अंडों को फ्लोट करने के लिए।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे पढ़ा और समझाया जाता है?

  • सकारात्मक (Positive) रिपोर्ट: यदि मल में हुकवर्म के अंडे पाए जाते हैं, तो मरीज को हुकवर्म संक्रमण है।
  • नकारात्मक (Negative) रिपोर्ट: यदि नमूने में कोई अंडे नहीं मिलते, तो हुकवर्म संक्रमण नहीं है।
  • संदिग्ध (Equivocal) रिपोर्ट: यदि रिपोर्ट स्पष्ट नहीं है, तो डॉक्टर दोबारा टेस्ट कराने या ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं।

उदाहरण:

  • रिपोर्ट:Necator americanus eggs detected in stool sample.
    • इसका मतलब मरीज को Necator americanus हुकवर्म संक्रमण है।
  • रिपोर्ट:No eggs or larvae found.
    • इसका मतलब कोई संक्रमण नहीं मिला, लेकिन यदि लक्षण बने रहते हैं तो और जांचें की जा सकती हैं।

बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव

  1. दवा उपचार:
    • Albendazole (400 mg एक बार): हुकवर्म को मारने के लिए।
    • Mebendazole (100 mg, दिन में दो बार, 3 दिन तक): संक्रमण को खत्म करने के लिए।
    • Iron और Folic Acid सप्लीमेंट्स: एनीमिया के इलाज के लिए।
  2. जीवनशैली और आहार सुधार:
    • नंगे पैर चलने से बचें, खासकर खेतों और गंदे स्थानों पर।
    • टॉयलेट जाने के बाद और खाने से पहले हाथ धोने की आदत डालें।
    • हरी सब्जियां और आयरन युक्त भोजन (पालक, गुड़, दालें) खाएं ताकि एनीमिया से बचा जा सके।
    • यदि परिवार के किसी सदस्य को हुकवर्म संक्रमण है, तो सभी सदस्यों को भी जांच करवानी चाहिए।
  3. गंभीर मामलों में उपचार:
    • यदि हुकवर्म संक्रमण गंभीर हो जाता है और एनीमिया बढ़ जाता है, तो मरीज को आयरन चढ़ाने या ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत हो सकती है।

निष्कर्ष

हुकवर्म संक्रमण से शरीर में खून की कमी और कुपोषण हो सकता है। मल परीक्षण से इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है और सही दवाओं से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। स्वच्छता और सावधानी बरतकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है।

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