HIV Test

HIV Test

एचआईवी टेस्ट (HIV Test)

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

एचआईवी (HIV – Human Immunodeficiency Virus) टेस्ट शरीर में एचआईवी संक्रमण की उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है। एचआईवी वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, विशेष रूप से सीडी4 (CD4) कोशिकाओं पर हमला करके। यदि एचआईवी का समय पर पता नहीं चलता है और उचित उपचार नहीं लिया जाता, तो यह एक उन्नत चरण में पहुँचकर एड्स (AIDS – Acquired Immunodeficiency Syndrome) में परिवर्तित हो सकता है, जो शरीर को अन्य संक्रमणों और बीमारियों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बना देता है।

एचआईवी टेस्ट से किन बीमारियों का पता चलता है?

एचआईवी टेस्ट मुख्य रूप से एचआईवी संक्रमण की पुष्टि के लिए किया जाता है, लेकिन यदि संक्रमण बहुत अधिक समय तक बिना इलाज के रहता है, तो यह कई अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे:

  1. एड्स (AIDS) – एचआईवी का अंतिम चरण, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह से कमजोर हो जाती है।
  2. ऑपर्च्युनिस्टिक इंफेक्शंस (Opportunistic Infections) – जैसे कि ट्यूबरकुलोसिस (टीबी), कैंडिडायसिस, साइटोमेगालोवायरस (CMV), न्यूमोसिस्टिस निमोनिया (PCP)।
  3. न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (Neurological Disorders) – एचआईवी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं, जैसे कि एचआईवी-एसोसिएटेड न्यूरोकॉग्निटिव डिसऑर्डर (HAND), का कारण बन सकता है।

एचआईवी टेस्ट कैसे किया जाता है?

एचआईवी का पता लगाने के लिए कई प्रकार की जांचें की जाती हैं, जो अलग-अलग तरीकों पर आधारित होती हैं। ये टेस्ट मुख्य रूप से एंटीबॉडी, एंटीजन, या वायरस के जीनोमिक मैटेरियल (RNA/DNA) की पहचान करते हैं।

1. एचआईवी एंटीबॉडी टेस्ट (HIV Antibody Test)

  • यह टेस्ट एचआईवी के प्रति शरीर द्वारा निर्मित एंटीबॉडीज की पहचान करता है।
  • सैंपल: ब्लड या ओरल फ्लूइड (मुँह की लार)।
  • प्रक्रिया:
    • खून के नमूने को एंजाइम-लिंक्ड इम्यूनोसॉर्बेंट ऐसे (ELISA) टेस्ट या रैपिड टेस्ट स्ट्रिप में डालते हैं।
    • यदि एंटीबॉडी मौजूद होती हैं, तो यह टेस्ट पॉजिटिव आता है।
  • रिपोर्ट:
    • पॉजिटिव – व्यक्ति को एचआईवी हो सकता है, पुष्टि के लिए अन्य टेस्ट किए जाते हैं।
    • निगेटिव – व्यक्ति को एचआईवी नहीं है, लेकिन हाल ही में संक्रमण हुआ हो सकता है, इसलिए पुनः जांच की सलाह दी जा सकती है।

2. एचआईवी एंटीजन/एंटीबॉडी कंबो टेस्ट (HIV Antigen/Antibody Combo Test)

  • यह पद्धति एंटीजन (p24) और एंटीबॉडी दोनों की पहचान करती है।
  • सैंपल: ब्लड।
  • रिपोर्ट:
    • अगर p24 एंटीजन पाया जाता है, तो इसका मतलब है कि वायरस हाल ही में शरीर में प्रवेश कर चुका है।

3. एचआईवी आरएनए पीसीआर टेस्ट (HIV RNA PCR Test)

  • यह टेस्ट एचआईवी वायरस के जेनेटिक मटेरियल (RNA) की उपस्थिति की जांच करता है।
  • सैंपल: ब्लड प्लाज्मा।
  • प्रक्रिया:
    • RNA को निकाला जाता है और PCR मशीन द्वारा अम्प्लिफाई किया जाता है।
    • यदि RNA डिटेक्ट होता है, तो व्यक्ति को एचआईवी संक्रमण है।
  • रिपोर्ट:
    • यदि वायरस का RNA मौजूद है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को एचआईवी संक्रमण हो चुका है, भले ही एंटीबॉडी अभी विकसित न हुई हों।

4. वेस्टर्न ब्लॉट टेस्ट (Western Blot Test)

  • यह टेस्ट एंटीबॉडी टेस्ट को कन्फर्म करने के लिए किया जाता है।
  • सैंपल: ब्लड।
  • यदि ELISA या Rapid टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो पुष्टि के लिए यह टेस्ट किया जाता है।

इस टेस्ट को करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें

  • ELISA Reader – एंटीबॉडी और एंटीजन की उपस्थिति का विश्लेषण करता है।
  • PCR Thermocycler (Real-Time PCR Machine) – वायरल RNA की उपस्थिति को डिटेक्ट करता है।
  • Western Blot Electrophoresis Machine – एचआईवी एंटीबॉडी की पहचान करता है।
  • Flow Cytometer – सीडी4 काउंट (CD4 Count) मापने के लिए उपयोग किया जाता है।

इस टेस्ट को करने के लिए आवश्यक रसायन (Reagents and Chemicals)

  • ELISA Coated Plates – HIV एंटीबॉडी या एंटीजन को पकड़ने के लिए।
  • PCR Primers and Probes – HIV RNA को पहचानने के लिए।
  • Western Blot Reagents – HIV प्रोटीन बैंड को अलग करने के लिए।
  • Fluorescent Dye (TaqMan Probes) – PCR टेस्ट में वायरस की उपस्थिति को डिटेक्ट करने के लिए।

रिपोर्ट को कैसे समझें?

1. पॉजिटिव रिपोर्ट (Positive Result)

  • यदि HIV एंटीबॉडी, p24 एंटीजन, या वायरल RNA डिटेक्ट होता है, तो व्यक्ति को एचआईवी संक्रमण हो सकता है।
  • पुष्टि के लिए वेस्टर्न ब्लॉट या PCR टेस्ट किए जाते हैं।

2. निगेटिव रिपोर्ट (Negative Result)

  • यदि एंटीबॉडी, एंटीजन, या RNA डिटेक्ट नहीं होता, तो व्यक्ति को एचआईवी संक्रमण नहीं है।
  • हाल ही में जोखिम में आने वाले व्यक्ति को 3-6 महीने बाद पुनः परीक्षण करने की सलाह दी जाती है।

3. संदिग्ध रिपोर्ट (Indeterminate Result)

  • यदि रिपोर्ट अस्पष्ट होती है, तो डॉक्टर सलाह देते हैं कि कुछ हफ्तों बाद फिर से टेस्ट करवाया जाए।

एचआईवी संक्रमण के उपचार के लिए सुझाव

एचआईवी संक्रमण का अब प्रभावी उपचार उपलब्ध है। यह पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

  1. एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART)
    • दवाएँ: Tenofovir, Emtricitabine, Efavirenz, Dolutegravir, Ritonavir, Lopinavir आदि।
    • ये दवाएँ वायरस के गुणन (Replication) को रोकती हैं, जिससे मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखा जा सकता है।
  2. CD4 काउंट और वायरल लोड मॉनिटरिंग
    • नियमित रूप से CD4 काउंट और वायरल लोड टेस्ट कराना आवश्यक होता है।
    • यदि वायरल लोड नगण्य (Undetectable) हो जाता है, तो वायरस संचारित होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
  3. जीवनशैली में सुधार
    • पौष्टिक आहार लेना, धूम्रपान और शराब से बचना, और नियमित व्यायाम करना महत्वपूर्ण होता है।
    • संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता और सुरक्षित यौन संबंध बनाए रखना आवश्यक होता है।

निष्कर्ष

एचआईवी टेस्ट संक्रमण की पुष्टि करने और उसके प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक है। यदि समय पर निदान किया जाए और उपचार लिया जाए, तो एचआईवी संक्रमित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है। एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) वायरस को नियंत्रित रखने में मदद करती है और मरीज को स्वस्थ बनाए रखती है।

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