Hepatitis Test

हेपेटाइटिस टेस्ट (Hepatitis Test)

हेपेटाइटिस टेस्ट (Hepatitis Test)

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

हेपेटाइटिस टेस्ट का उपयोग लीवर (यकृत) संक्रमण की जांच के लिए किया जाता है। यह टेस्ट यह पता लगाने में मदद करता है कि मरीज को हेपेटाइटिस A, B, C, D, या E वायरस में से कौन सा संक्रमण हुआ है।

  • हेपेटाइटिस A और E – दूषित भोजन और पानी से फैलते हैं और आमतौर पर गंभीर नहीं होते।
  • हेपेटाइटिस B, C, और D – रक्त और शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से फैलते हैं और लीवर सिरोसिस (लिवर का खराब होना) और लीवर कैंसर का कारण बन सकते हैं।
  • हेपेटाइटिस B और C के लिए नियमित जांच जरूरी होती है, क्योंकि ये संक्रमण पुराना (क्रॉनिक) हो सकता है और बिना लक्षणों के भी मौजूद रह सकता है।

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

  • हेपेटाइटिस A, B, C, D, और E वायरस का संक्रमण।
  • लीवर इंफ्लेमेशन (यकृत में सूजन)।
  • लीवर सिरोसिस (लीवर फेल होने की स्थिति)।
  • लीवर कैंसर का जोखिम।

हेपेटाइटिस टेस्ट कैसे किया जाता है?

1. ब्लड टेस्ट द्वारा

हेपेटाइटिस की जांच के लिए मरीज की नस से रक्त का नमूना लिया जाता है और उसे प्रयोगशाला में जांचा जाता है।

2. ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) टेस्ट

  • यह टेस्ट हेपेटाइटिस वायरस के एंटीजन (Hepatitis Antigen) और एंटीबॉडी (Hepatitis Antibody) की जांच करने के लिए किया जाता है।
  • यह पता लगाता है कि मरीज के शरीर में वायरस मौजूद है या पहले से संक्रमण हो चुका है।

3. PCR (Polymerase Chain Reaction) टेस्ट

  • यह हेपेटाइटिस B और C वायरस के DNA या RNA की मौजूदगी को मापता है।
  • यह जांचने के लिए किया जाता है कि वायरल लोड (Viral Load) कितना है, यानी शरीर में वायरस कितनी मात्रा में मौजूद है।

4. लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT – Liver Function Test)

  • यह टेस्ट लीवर की कार्यक्षमता की जांच करता है और यह पता लगाता है कि लीवर कितना क्षतिग्रस्त हुआ है
  • इसमें ALT (Alanine Aminotransferase) और AST (Aspartate Aminotransferase) एंजाइम्स को मापा जाता है, जो लीवर की सूजन को दर्शाते हैं।

5. फाइब्रोस्कैन (FibroScan) और बायोप्सी

  • यदि डॉक्टर को संदेह हो कि लीवर में सिरोसिस (Fibrosis) या लीवर कैंसर का खतरा है, तो फाइब्रोस्कैन या बायोप्सी की जाती है।
  • फाइब्रोस्कैन एक अल्ट्रासाउंड जैसी तकनीक है जो लीवर की कठोरता को मापती है।

इस टेस्ट को करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें

  • ELISA Reader – हेपेटाइटिस एंटीजन और एंटीबॉडी की पहचान करने के लिए।
  • PCR मशीन (Real-Time PCR Analyzer) – हेपेटाइटिस B और C वायरस की पुष्टि और वायरल लोड को मापने के लिए।
  • Biochemistry Analyzer – लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) के लिए।
  • FibroScan मशीन – लीवर डैमेज और फाइब्रोसिस की जांच के लिए।

हेपेटाइटिस टेस्ट के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायन

  • ELISA किट (Hepatitis Antigen & Antibody Detection Kit)
  • PCR Reagents (Nucleic Acid Extraction Kit, Primers, DNA Polymerase, Fluorescent Probes)
  • LFT के लिए ALT और AST Enzyme Detection Reagents
  • FibroScan के लिए Ultrasound Gel और Transducer

हेपेटाइटिस टेस्ट रिपोर्ट को कैसे समझा जाता है?

1. हेपेटाइटिस एंटीजन और एंटीबॉडी रिपोर्ट

  • Hepatitis B Surface Antigen (HBsAg) Positive – व्यक्ति को हेपेटाइटिस B संक्रमण है।
  • Anti-HCV Positive – व्यक्ति को हेपेटाइटिस C वायरस का संक्रमण हुआ है।
  • IgM Anti-HAV Positive – व्यक्ति को हाल ही में हेपेटाइटिस A हुआ है।
  • IgM Anti-HEV Positive – व्यक्ति को हाल ही में हेपेटाइटिस E हुआ है।

2. PCR (Viral Load) रिपोर्ट

  • <1000 copies/mL – हेपेटाइटिस वायरस का स्तर कम है।
  • >10,000 copies/mL – संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और उपचार की आवश्यकता है।

3. लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) रिपोर्ट

  • ALT और AST सामान्य (10-40 U/L) – लीवर स्वस्थ है।
  • ALT/AST बढ़ा हुआ (>100 U/L) – लीवर डैमेज हो रहा है, हेपेटाइटिस का संकेत।

उदाहरण द्वारा रिपोर्ट को समझना

केस 1:

  • 40 वर्षीय पुरुष को थकान और भूख न लगने की समस्या है।
  • HBsAg Positive, ALT/AST बढ़े हुए, और PCR >20,000 copies/mL
  • इसका मतलब है कि उसे हेपेटाइटिस B का संक्रमण है और उसे एंटीवायरल दवाओं की जरूरत है।

केस 2:

  • 30 वर्षीय महिला को पहले कभी हेपेटाइटिस नहीं हुआ।
  • Anti-HCV Positive, लेकिन PCR Negative
  • इसका मतलब है कि उसे पहले हेपेटाइटिस C हो चुका था, लेकिन अब वायरस शरीर में सक्रिय नहीं है।

हेपेटाइटिस संक्रमण के उपचार के लिए सुझाव

1. हेपेटाइटिस A और E का उपचार

  • आमतौर पर विशेष दवाओं की जरूरत नहीं होती, आराम और स्वस्थ आहार से ठीक हो सकता है।
  • भरपूर पानी पिएं, तैलीय भोजन और शराब से बचें।

2. हेपेटाइटिस B और C का उपचार

  • हेपेटाइटिस B के लिए टेनोफोविर (Tenofovir) और एंटीकाविर (Entecavir) दी जाती हैं।
  • हेपेटाइटिस C के लिए सोफोसबुविर (Sofosbuvir), लेडिपासवीर (Ledipasvir), और वेलपटासवीर (Velpatasvir) जैसी एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं।
  • समय-समय पर Viral Load और LFT की जांच करानी चाहिए ताकि बीमारी की प्रगति पर नजर रखी जा सके।

3. हेपेटाइटिस B और A के लिए टीकाकरण

  • हेपेटाइटिस B वैक्सीन – नवजात शिशुओं और जोखिम वाले वयस्कों को दी जाती है।
  • हेपेटाइटिस A वैक्सीन – दूषित पानी और भोजन से बचाव के लिए।

निष्कर्ष

हेपेटाइटिस टेस्ट का उपयोग लिवर संक्रमण की पहचान के लिए किया जाता है। ELISA टेस्ट से वायरस के एंटीजन और एंटीबॉडी की पहचान होती है, जबकि PCR टेस्ट से वायरस की मात्रा (Viral Load) मापी जाती है। अगर किसी मरीज को हेपेटाइटिस B या C संक्रमण होता है, तो उसे एंटीवायरल दवाओं की जरूरत होती है और लिवर फंक्शन को मॉनिटर करना जरूरी होता है। हेपेटाइटिस से बचाव के लिए टीकाकरण, स्वस्थ आहार और नियमित जांच बहुत महत्वपूर्ण हैं।

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