Hepatitis B infection.

सर्वाइकल कैंसर से जुड़े वायरस (HPV-16, HPV-18) की पहचान।—

To measure the activity of hepatitis B infection.

HBeAg टेस्ट (Hepatitis B e-Antigen Test)

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

HBeAg टेस्ट हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) संक्रमण की सक्रियता मापने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट यह निर्धारित करने में मदद करता है कि:

  1. संक्रमण सक्रिय है या निष्क्रिय।
  2. संक्रमित व्यक्ति दूसरों को वायरस फैला सकता है या नहीं।
  3. संक्रमण क्रॉनिक (दीर्घकालिक) है या नहीं।
  4. एंटी-वायरल उपचार कितना प्रभावी हो रहा है।
  5. लिवर (यकृत) को गंभीर क्षति पहुंचने की संभावना है या नहीं।

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

HBeAg टेस्ट मुख्य रूप से हेपेटाइटिस B संक्रमण की सक्रियता का आकलन करता है। इसके माध्यम से निम्नलिखित स्थितियों का पता चलता है:

  1. एक्यूट हेपेटाइटिस B संक्रमण (Acute Hepatitis B) – हाल ही में हुआ संक्रमण।
  2. क्रॉनिक हेपेटाइटिस B संक्रमण (Chronic Hepatitis B) – लंबे समय से मौजूद संक्रमण।
  3. लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) – यकृत की स्थायी क्षति।
  4. हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (Hepatocellular Carcinoma – HCC) – लिवर कैंसर।

यह टेस्ट कैसे किया जाता है?

  1. रक्त का नमूना लिया जाता है।
  2. नमूने को प्रयोगशाला में भेजा जाता है।
  3. इम्यूनोऐस्से (Immunoassay) या केमिल्यूमिनेसेंट इम्यूनोऐस्से (CLIA) तकनीक से HBeAg की जांच की जाती है।
  4. रिपोर्ट तैयार की जाती है, जिससे संक्रमण की सक्रियता की पुष्टि होती है।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) मशीन
  2. CLIA (Chemiluminescent Immunoassay) मशीन
  3. PCR (Polymerase Chain Reaction) मशीन – वायरस लोड मापने के लिए।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. HBeAg एंटीबॉडी युक्त किट्स।
  2. एंजाइम-लिंक्ड एंटीबॉडी।
  3. सैंपल डाइलेन्ट (Sample Diluent)।
  4. सबस्ट्रेट सलूशन (Substrate Solution)।
  5. स्टॉप सलूशन (Stop Solution)।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?

  1. HBeAg पॉजिटिव (+) रिपोर्ट: संक्रमण सक्रिय है और व्यक्ति संक्रामक है।
  2. HBeAg नेगेटिव (-) रिपोर्ट: संक्रमण निष्क्रिय हो सकता है, लेकिन अन्य परीक्षणों की आवश्यकता होती है।
  3. HBeAg का उच्च स्तर: लिवर को गंभीर क्षति का खतरा हो सकता है।
  4. HBeAg का निम्न स्तर: वायरस निष्क्रिय अवस्था में हो सकता है।

उदाहरण:
यदि किसी मरीज की रिपोर्ट में HBeAg पॉजिटिव आता है और HBV DNA का स्तर भी ऊंचा होता है, तो इसका मतलब है कि मरीज का संक्रमण सक्रिय है और उसे तुरंत उपचार की जरूरत है।

बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव

  1. एंटीवायरल थेरेपी: डॉक्टर टेनोफोविर (Tenofovir) या एंटेकाविर (Entecavir) जैसी दवाएं दे सकते हैं।
  2. लिवर सुरक्षा: शराब और हानिकारक दवाओं से बचें, हेल्दी डाइट लें।
  3. संक्रमण से बचाव: संक्रमित व्यक्ति को दूसरों को संक्रमित करने से बचने के लिए उचित सावधानी बरतनी चाहिए।
  4. वैक्सीनेशन: परिवार के अन्य सदस्यों को हेपेटाइटिस B वैक्सीन लगवानी चाहिए।

HBeAg टेस्ट हेपेटाइटिस B संक्रमण की गंभीरता और संक्रामकता का आकलन करने के लिए एक महत्वपूर्ण जांच है। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो डॉक्टर की सलाह पर तुरंत उपचार शुरू करना चाहिए।

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