Hemoglobin

CBC टेस्ट में हीमोग्लोबिन कैसे चेक किया जाता है?

कम्प्लीट ब्लड काउंट (CBC) टेस्ट के माध्यम से हीमोग्लोबिन की जांच की जाती है। यह एक ब्लड टेस्ट है जिसमें खून के विभिन्न घटकों जैसे RBC, WBC, प्लेटलेट्स और हीमोग्लोबिन का विश्लेषण किया जाता है।

हीमोग्लोबिन की जांच के लिए सबसे पहले शरीर से खून का नमूना लिया जाता है। यह खून आमतौर पर कोहनी या हाथ की नस से निकाला जाता है। उसके बाद, इस सैंपल को विशेष मशीनों के माध्यम से जांचा जाता है, जो हीमोग्लोबिन की मात्रा को मापती हैं।


CBC टेस्ट क्यों किया जाता है?

यह टेस्ट मुख्य रूप से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा और ब्लड सेल्स के संतुलन को जांचने के लिए किया जाता है। इससे यह पता चलता है कि शरीर में खून की गुणवत्ता सही है या नहीं।

यह टेस्ट निम्नलिखित कारणों से किया जाता है:

  • एनीमिया (Anemia) की जांच – जब हीमोग्लोबिन कम हो जाता है
  • इन्फेक्शन का पता लगाने के लिए – WBC की मात्रा में बदलाव से
  • ब्लड कैंसर (Leukemia) की पहचान
  • इम्यून सिस्टम की समस्याओं की जांच
  • खून के थक्के बनने की समस्या को समझने के लिए

CBC टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

  1. एनीमिया (Anemia) – जब हीमोग्लोबिन कम हो जाता है
  2. थैलेसीमिया (Thalassemia) – जन्मजात रक्त विकार
  3. सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anemia) – रक्त कोशिकाओं की असामान्यता
  4. ब्लड कैंसर (Leukemia) – असामान्य WBC की वृद्धि
  5. संक्रमण (Infection) – जब WBC की संख्या बढ़ जाती है
  6. डिहाइड्रेशन (Dehydration) – जब हीमोग्लोबिन असामान्य रूप से बढ़ जाता है
  7. इम्यून डिसऑर्डर – शरीर में इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी से
  8. ब्लड क्लॉटिंग डिसऑर्डर (Platelet Disorders)

CBC टेस्ट कैसे किया जाता है?

  1. ब्लड सैंपल कलेक्शन:
    • मरीज के हाथ की नस से एक सिरिंज या वैक्यूटेनर ट्यूब के जरिए रक्त लिया जाता है।
    • ब्लड को एंटीकोआगुलेंट युक्त ट्यूब (EDTA Tube) में रखा जाता है ताकि खून जमने न पाए।
  2. ब्लड सैंपल को प्रोसेस करना:
    • यह सैंपल CBC मशीन (Hematology Analyzer) में डाला जाता है।
    • यह मशीन खून की विभिन्न कोशिकाओं की संख्या और हीमोग्लोबिन को ऑटोमेटिक तरीके से मापती है।
  3. रिपोर्ट जनरेट करना:
    • मशीन डेटा को प्रोसेस करके रिपोर्ट तैयार करती है, जिसमें हीमोग्लोबिन, RBC, WBC, प्लेटलेट्स आदि की गणना होती है।

CBC टेस्ट करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें

  1. Hematology Analyzer (Auto Analyzer Machine) – स्वचालित रूप से CBC टेस्ट करता है
  2. Spectrophotometer – हीमोग्लोबिन की जांच के लिए
  3. Microscope – मैनुअल ब्लड स्मीयर जांच के लिए

CBC टेस्ट के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायन (Reagents)

  1. EDTA (Ethylenediaminetetraacetic acid) – खून को जमने से बचाने के लिए
  2. Drabkin’s Reagent – हीमोग्लोबिन को मापने के लिए
  3. Buffer Solutions – सही pH बनाए रखने के लिए
  4. Staining Reagents (Wright’s Stain, Giemsa Stain) – माइक्रोस्कोप से जांच के लिए

CBC टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे पढ़ें और समझें? (उदाहरण सहित)

उदाहरण रिपोर्ट:

  • हीमोग्लोबिन (Hb): 10.0 g/dL (कम)
  • RBC Count: 3.8 मिलियन/μL (कम)
  • WBC Count: 9000/μL (सामान्य)
  • Platelet Count: 1.5 लाख/μL (कम)

रिपोर्ट की व्याख्या:

  • हीमोग्लोबिन कम (10.0 g/dL से नीचे) होने का मतलब एनीमिया हो सकता है।
  • RBC कम होने से शरीर में ऑक्सीजन कम पहुँचेगी, जिससे कमजोरी और थकान होगी।
  • प्लेटलेट्स कम होने पर खून का थक्का बनने में समस्या हो सकती है।

निष्कर्ष: यह रिपोर्ट बताती है कि मरीज को एनीमिया हो सकता है, जिसके कारण कमजोरी और चक्कर आ सकते हैं।


बीमारी का उपचार और सुझाव

  1. यदि हीमोग्लोबिन कम है (Anemia):
    • आयरन युक्त भोजन लें – पालक, गुड़, चुकंदर, सेब, अनार
    • आयरन सप्लीमेंट्स लें (डॉक्टर की सलाह पर)
    • विटामिन C का सेवन बढ़ाएँ – नींबू, संतरा, आंवला
  2. यदि हीमोग्लोबिन अधिक है:
    • पानी ज्यादा पिएं ताकि खून पतला हो
    • धूम्रपान से बचें
    • फिजिकल एक्टिविटी करें जिससे खून का प्रवाह ठीक रहे
  3. यदि प्लेटलेट्स कम हैं:
    • पपीते के पत्ते और गिलोय का सेवन करें
    • संक्रमण से बचें और डॉक्टर से सलाह लें
  4. यदि WBC अधिक हैं (संक्रमण के कारण):
    • एंटीबायोटिक दवाएँ लें (डॉक्टर की सलाह से)
    • पर्याप्त आराम करें और हाइड्रेटेड रहें

निष्कर्ष:

CBC टेस्ट शरीर में हीमोग्लोबिन, RBC, WBC और प्लेटलेट्स के स्तर की जांच करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण ब्लड टेस्ट है। इससे कई बीमारियों की पहचान की जा सकती है, जैसे एनीमिया, संक्रमण, ब्लड कैंसर आदि। टेस्ट के लिए आधुनिक मशीनों और रसायनों का उपयोग किया जाता है, जिससे रिपोर्ट सटीक और विश्वसनीय होती है। यदि किसी रिपोर्ट में गड़बड़ी दिखती है, तो डॉक्टर की सलाह लेकर उचित उपचार किया जाना चाहिए।

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