ESR Test

ESR (Erythrocyte Sedimentation Rate): To diagnose chronic inflammatory disease.

ESR (Erythrocyte Sedimentation Rate): क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी डिजीज की जांच के लिए।

ESR (Erythrocyte Sedimentation Rate) टेस्ट: क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी डिजीज की जांच के लिए

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

ESR टेस्ट शरीर में किसी भी प्रकार की सूजन (Inflammation) या संक्रमण (Infection) का पता लगाने के लिए किया जाता है। जब शरीर में किसी प्रकार की सूजन होती है, तो रक्त में कुछ प्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells – RBCs) तेजी से नीचे बैठने लगती हैं।

यह टेस्ट आमतौर पर निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है:

  1. क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Chronic Inflammatory Diseases) – जैसे रूमेटॉइड आर्थराइटिस (RA) और ल्यूपस (Lupus)।
  2. इंफेक्शन (Infection) – बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण की जांच के लिए।
  3. ऑटोइम्यून डिजीज (Autoimmune Diseases) – शरीर की इम्यून सिस्टम से जुड़ी बीमारियों का पता लगाने के लिए।
  4. टीबी (Tuberculosis) – इस बीमारी में ESR का स्तर अधिक बढ़ सकता है।
  5. कैंसर (Cancer) – कुछ प्रकार के कैंसर में भी ESR का स्तर असामान्य हो सकता है।
  6. हृदय रोग (Cardiovascular Disease) – हृदय से जुड़ी समस्याओं की जांच के लिए।

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

  1. रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis – RA)
  2. सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (Systemic Lupus Erythematosus – SLE)
  3. टीबी (Tuberculosis)
  4. क्रोहन डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस (Crohn’s Disease and Ulcerative Colitis)
  5. फाइब्रोमायल्जिया (Fibromyalgia) और अन्य मस्कुलोस्केलेटल डिजीज
  6. हार्ट डिजीज और एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis)
  7. लिवर और किडनी से जुड़ी बीमारियां
  8. कुछ प्रकार के कैंसर (जैसे लिंफोमा, मल्टीपल मायलोमा)

यह टेस्ट कैसे किया जाता है?

  1. यह ब्लड टेस्ट होता है जिसमें रोगी की बाजू की नस से रक्त का नमूना लिया जाता है।
  2. रक्त को एक विशेष ट्यूब (Westergren Tube) में डाला जाता है और एक घंटे के लिए स्थिर छोड़ दिया जाता है।
  3. इस दौरान लाल रक्त कोशिकाएं धीरे-धीरे ट्यूब के नीचे बैठने लगती हैं।
  4. एक घंटे बाद, प्लाज्मा और RBC के बीच की दूरी (मिलीमीटर में) को मापा जाता है, जिसे ESR रीडिंग कहा जाता है।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. Westergren Method Analyzer – यह ESR मापने की पारंपरिक विधि है।
  2. Automated ESR Analyzer – आधुनिक मशीनें जो तेज और सटीक परिणाम देती हैं।
  3. Micro ESR Analyzer – छोटे सैंपल के लिए उपयोग किया जाता है।
  4. Capillary Photometric Analyzer – अधिक संवेदनशील और सटीक ESR रीडिंग के लिए।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. EDTA (Ethylenediaminetetraacetic Acid) – रक्त को जमने से रोकने के लिए।
  2. सोडियम साइट्रेट (Sodium Citrate) – ESR जांच के लिए एंटीकोआगुलेंट के रूप में उपयोग किया जाता है।
  3. फॉस्फेट बफर (Phosphate Buffer) – रक्त के पीएच को स्थिर बनाए रखने के लिए।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?

ESR का स्तर मिलीमीटर प्रति घंटा (mm/hr) में मापा जाता है।

सामान्य ESR स्तर:

  • पुरुषों में: 0 – 15 mm/hr
  • महिलाओं में: 0 – 20 mm/hr
  • बुजुर्गों में: 0 – 30 mm/hr
  • बच्चों में: 0 – 10 mm/hr

बढ़ा हुआ ESR क्या दर्शाता है?

अगर ESR स्तर सामान्य से अधिक है, तो इसका मतलब हो सकता है कि शरीर में सूजन, संक्रमण, या ऑटोइम्यून बीमारी है।

उदाहरण:

  1. अगर किसी व्यक्ति का ESR 40 mm/hr है, तो यह संक्रमण (जैसे टीबी) या ऑटोइम्यून डिजीज (जैसे ल्यूपस) का संकेत हो सकता है।
  2. अगर किसी व्यक्ति का ESR 100 mm/hr से अधिक है, तो यह कैंसर, सेप्सिस या गंभीर सूजन का संकेत हो सकता है।

बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव

1. संक्रमण (Infection) का उपचार:

  • बैक्टीरियल संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं।
  • वायरल संक्रमण में रोगी को इम्यून बूस्टर और आराम की सलाह दी जाती है।

2. ऑटोइम्यून डिजीज (Autoimmune Diseases) का उपचार:

  • स्टेरॉयड (Prednisone) और इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं (Methotrexate, Hydroxychloroquine) दी जाती हैं।
  • जीवनशैली में बदलाव जैसे संतुलित आहार, योग और हल्का व्यायाम।

3. हृदय रोग और हाई ESR का उपचार:

  • कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए स्टैटिन दवाएं (Atorvastatin, Rosuvastatin)
  • ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने के लिए हाइपरटेंशन की दवाएं।
  • व्यायाम और हेल्दी डाइट से जीवनशैली सुधार।

4. टीबी और अन्य संक्रमण का उपचार:

  • टीबी के लिए Isoniazid, Rifampicin, Pyrazinamide और Ethambutol जैसी एंटी-टीबी दवाएं दी जाती हैं।
  • अन्य बैक्टीरियल संक्रमणों के लिए एंटीबायोटिक थेरेपी दी जाती है।

5. कैंसर से जुड़ी सूजन का उपचार:

  • कैंसर का पता लगाने के लिए बायोप्सी और अन्य टेस्ट किए जाते हैं।
  • कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी द्वारा इलाज किया जाता है।

निष्कर्ष

ESR टेस्ट एक आसान और प्रभावी जांच है जो शरीर में सूजन, संक्रमण और ऑटोइम्यून बीमारियों की पहचान करने में मदद करता है। हालांकि, यह किसी विशेष बीमारी की पुष्टि नहीं करता, बल्कि डॉक्टर को यह बताने में मदद करता है कि आगे कौन से टेस्ट किए जाएं।

अगर किसी व्यक्ति का ESR स्तर बहुत अधिक है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेकर आवश्यक जांच और उपचार कराना चाहिए।

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