Erythrocyte Sedimentation Rate (ESR) – To identify inflammation and infection in the body.
Erythrocyte Sedimentation Rate (ESR) – शरीर में सूजन और संक्रमण की पहचान के लिए।
Erythrocyte Sedimentation Rate (ESR) – शरीर में सूजन और संक्रमण की पहचान के लिए
यह टेस्ट क्यों किया जाता है?
Erythrocyte Sedimentation Rate (ESR) टेस्ट शरीर में सूजन (Inflammation) और संक्रमण की जांच के लिए किया जाता है। जब शरीर में सूजन या संक्रमण होता है, तो रक्त में कुछ विशेष प्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे लाल रक्त कोशिकाएं (Erythrocytes) तेजी से एकत्र होकर नीचे बैठने लगती हैं। यह प्रक्रिया “सेडिमेंटेशन” कहलाती है, और इस दर को ESR के रूप में मापा जाता है।
यह टेस्ट मुख्य रूप से निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है:
- संक्रमण (Infections) की पहचान के लिए
- ऑटोइम्यून बीमारियों (जैसे गठिया, ल्यूपस) के निदान और निगरानी के लिए
- सूजनजनक रोगों (Inflammatory Diseases) की गंभीरता का आकलन करने के लिए
- टीबी, कैंसर और अन्य पुरानी बीमारियों की निगरानी के लिए
इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?
ESR टेस्ट स्वयं किसी विशेष बीमारी की पुष्टि नहीं करता, लेकिन यह शरीर में सूजन की उपस्थिति को दर्शाता है। ESR के स्तर में वृद्धि निम्नलिखित बीमारियों का संकेत दे सकती है:
- संक्रमण (Bacterial & Viral Infections) – जैसे कि ट्यूबरकुलोसिस (TB), फेफड़ों का संक्रमण (Pneumonia) और फंगल संक्रमण।
- ऑटोइम्यून बीमारियां (Autoimmune Diseases) – जैसे रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis), ल्यूपस (SLE), वास्कुलाइटिस (Vasculitis)।
- सूजन संबंधी बीमारियां (Inflammatory Diseases) – जैसे आंत्र रोग (IBD), क्रोहन डिजीज, अल्सरेटिव कोलाइटिस।
- कैंसर (Cancer) – कुछ प्रकार के कैंसर में भी ESR बढ़ा हुआ पाया जाता है।
- हृदय और रक्त वाहिकाओं की बीमारियां (Cardiovascular Diseases) – ESR का स्तर बढ़ने से दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।
- किडनी और लिवर रोग (Kidney & Liver Diseases) – जैसे कि क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) और हेपेटाइटिस।
इस टेस्ट को कैसे किया जाता है?
ESR टेस्ट एक साधारण ब्लड टेस्ट है, जिसमें मरीज की नस से रक्त का नमूना लिया जाता है और इसे विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है।
टेस्ट की प्रक्रिया:
- मरीज की बांह पर एक टूरनीकेट (रबर बैंड) बांधा जाता है।
- नस से रक्त निकाला जाता है और एक विशिष्ट ESR टेस्ट ट्यूब में एकत्र किया जाता है।
- ब्लड सैंपल को वेस्टरग्रीन (Westergren) ट्यूब या विंट्रोब (Wintrobe) ट्यूब में रखा जाता है।
- ट्यूब को सीधा खड़ा करके एक घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है।
- एक घंटे बाद, लाल रक्त कोशिकाएं (RBCs) ट्यूब के नीचे बैठ जाती हैं और उनके ऊपर की साफ प्लाज्मा परत को मापा जाता है।
इस टेस्ट को करने के लिए कौन-कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?
- मैनुअल वेस्टरग्रीन मेथड (Westergren Method) – इसमें ब्लड सैंपल को ट्यूब में एक घंटे के लिए स्थिर रखा जाता है और RBCs के बैठने की दर मापी जाती है।
- ऑटोमेटेड ESR एनालाइजर (Automated ESR Analyzer) – यह मशीनें तेजी से और अधिक सटीक परिणाम देती हैं।
- विंट्रोब मेथड (Wintrobe Method) – यह एक पुरानी तकनीक है, जो कम रक्त नमूने में भी काम करती है।
टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?
- सोडियम साइट्रेट (Sodium Citrate) – ब्लड को जमने से रोकने के लिए।
- एथिलीन डायएमीन टेट्राएसिटिक एसिड (EDTA) – रक्त के नमूने को संरक्षित करने के लिए।
- नॉर्मल सलाइन (Normal Saline) – रक्त के सही द्रव्यमान को बनाए रखने के लिए।
टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझा और पढ़ा जाता है?
ESR रिपोर्ट mg/hr (मिलीमीटर प्रति घंटे) में दी जाती है। सामान्य ESR स्तर व्यक्ति की उम्र और लिंग पर निर्भर करता है:
- पुरुषों में सामान्य स्तर – 0-15 mm/hr
- महिलाओं में सामान्य स्तर – 0-20 mm/hr
- बुजुर्गों में ESR थोड़ा अधिक हो सकता है।
ESR स्तर का अर्थ:
- 0-20 mm/hr – सामान्य (कोई सूजन नहीं)।
- 20-40 mm/hr – हल्की सूजन (मामूली संक्रमण या सूजन संबंधी समस्या)।
- 40-100 mm/hr – मध्यम स्तर की सूजन (गंभीर संक्रमण, गठिया, टीबी)।
- 100 mm/hr से अधिक – गंभीर संक्रमण, ऑटोइम्यून बीमारियां, कैंसर या बड़ी सूजन।
उदाहरण के द्वारा समझें:
उदाहरण:
अजय को लंबे समय से जोड़ों में सूजन और दर्द हो रहा था। डॉक्टर ने ESR टेस्ट करवाया, जिसकी रिपोर्ट में ESR स्तर 60 mm/hr आया। यह दर्शाता है कि उसके शरीर में मध्यम से गंभीर सूजन हो रही है, जो गठिया या किसी अन्य इंफ्लेमेटरी बीमारी का संकेत हो सकता है।
बीमारी के उपचार के सुझाव:
- संक्रमण (Infections) का उपचार:
- यदि ESR किसी बैक्टीरियल संक्रमण के कारण बढ़ा है, तो एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं।
- वायरल संक्रमण में बुखार और दर्द कम करने वाली दवाएं (जैसे पैरासिटामोल) दी जाती हैं।
- ऑटोइम्यून बीमारियों (Autoimmune Diseases) का उपचार:
- गठिया, ल्यूपस जैसी बीमारियों में स्टेरॉयड और इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं दी जाती हैं।
- सूजन को कम करने के लिए NSAIDs (इबुप्रोफेन, डायक्लोफेनेक) जैसी दवाएं दी जाती हैं।
- हृदय रोग और सूजनजनक रोगों का उपचार:
- कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए स्टैटिन्स (Statins) दी जाती हैं।
- सूजन को नियंत्रित करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट (हल्दी, अदरक, ओमेगा-3 फैटी एसिड) अपनाई जाती है।
- जीवनशैली में सुधार:
- धूम्रपान और शराब से बचें।
- नियमित व्यायाम करें और वजन नियंत्रित रखें।
- हरी सब्जियां, फल, नट्स और ओमेगा-3 युक्त आहार लें।
निष्कर्ष:
ESR टेस्ट शरीर में सूजन और संक्रमण का पता लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण जांच है। यह किसी विशेष बीमारी की पुष्टि तो नहीं करता, लेकिन यह सूजन के स्तर को मापकर संभावित रोगों की ओर संकेत करता है। यदि ESR बढ़ा हुआ है, तो डॉक्टर आगे की जांच करके उचित उपचार की सिफारिश कर सकते हैं। उचित आहार, दवा और स्वस्थ जीवनशैली से ESR के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।