ELISA for Bacterial Antigens

एलाइजा टेस्ट (ELISA for Bacterial Antigens) क्या है?

एलाइजा (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) एक सिरोलॉजिकल परीक्षण है, जिसका उपयोग बैक्टीरियल एंटीजन के पहचानने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट एंटीजन-एंटीबॉडी प्रतिक्रिया पर आधारित होता है, जिसमें एंटीजन (बैक्टीरिया का हिस्सा) और एंटीबॉडी (शरीर द्वारा उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया) के बीच विशिष्ट प्रतिक्रिया होती है।

ELISA for Bacterial Antigens का उपयोग बैक्टीरियल इंफेक्शन के निदान के लिए किया जाता है, जैसे:

  • Salmonella spp.
  • Helicobacter pylori
  • Chlamydia
  • Legionella
  • Mycobacterium tuberculosis (TB)

एलाइजा टेस्ट में enzyme-linked reaction का उपयोग किया जाता है, जो एक रंग परिवर्तन उत्पन्न करता है जब एंटीजन और एंटीबॉडी एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं।


एलाइजा टेस्ट कैसे किया जाता है?

एलाइजा टेस्ट में निम्नलिखित प्रमुख कदम होते हैं:

  1. सैंपल संग्रहण:
    • रोगी से रक्त (सीरम), मूत्र, या अन्य शरीर के तरल पदार्थ (जो बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत देते हैं) लिया जाता है।
  2. सैंपल को प्लेट पर इन्क्यूबेशन:
    • एक माइक्रो टाइटर प्लेट पर एंटीजन (जैसे बैक्टीरिया का एक हिस्सा) लगाया जाता है, जो सैंपल में मौजूद एंटीबॉडी के साथ प्रतिक्रिया करेगा।
  3. एंटीबॉडी का जोड़:
    • सैंपल में मौजूद एंटीबॉडी के लिए प्लेट पर कोटेड एंटीजन (बैक्टीरिया से संबंधित) जोड़ा जाता है। अगर एंटीबॉडी मौजूद होती है, तो वह एंटीजन के साथ जुड़ जाती है।
  4. Enzyme-Conjugated Secondary Antibody:
    • अब, enzyme-conjugated secondary antibody जोड़ा जाता है, जो पहले से जुड़े एंटीबॉडी से जुड़ता है। यह एंजाइम (जैसे अलकालाइन फॉस्फेटेज) तब एंटीजन-एंटीबॉडी प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप रंग परिवर्तन करता है।
  5. रंग परिवर्तन का माप:
    • रंग परिवर्तन का माप एक स्पेक्ट्रोफोटोमीटर (जो optical density या OD को मापता है) द्वारा किया जाता है। यह रंग परिवर्तन के आधार पर यह निर्धारित करता है कि एंटीजन के खिलाफ एंटीबॉडी की उपस्थिति है या नहीं।

एलाइजा टेस्ट के लिए आवश्यक मशीनें और रसायन:

मशीनों की आवश्यकता:

  1. स्पेक्ट्रोफोटोमीटर (Spectrophotometer):
    • इस मशीन का उपयोग रंग परिवर्तन (Optical Density) को मापने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण की सकारात्मकता और निगेटिवता की पहचान करता है।
  2. इनक्यूबेटर (Incubator):
    • एंटीजन और एंटीबॉडी के अच्छे मिश्रण और प्रतिक्रिया के लिए सैंपल को एक निश्चित तापमान पर रखा जाता है।
  3. माइक्रो टाइटर प्लेट (Microtiter Plate):
    • यह एक 96-होल प्लेट होती है जिसमें एंटीजन को कोट किया जाता है और सैंपल को डाला जाता है।

रसायनों की आवश्यकता:

  1. बैक्टीरियल एंटीजन (Bacterial Antigen):
    • यह एंटीजन बैक्टीरिया से प्राप्त या सिंथेटिक हो सकता है, जो टेस्ट में डाला जाता है।
  2. प्राइमरी एंटीबॉडी (Primary Antibody):
    • यह एंटीबॉडी है जो सैंपल से प्रतिक्रिया करने के लिए उपयोग की जाती है (यदि एंटीबॉडी मौजूद हो)।
  3. एंजाइम-कन्यूगेटेड सेकंडरी एंटीबॉडी (Enzyme-conjugated Secondary Antibody):
    • यह एंटीबॉडी होती है जो प्राइमरी एंटीबॉडी के साथ प्रतिक्रिया करती है और एक एंजाइम जारी करती है, जिससे रंग परिवर्तन होता है।
  4. सब्सट्रेट (Substrate):
    • यह एंजाइम के द्वारा उत्पन्न किए गए रंग परिवर्तन को देखने के लिए आवश्यक होता है। उदाहरण: TMB (Tetramethylbenzidine)
  5. वॉश बफर (Wash Buffer):
    • सैंपल से अनवांछित पदार्थों को हटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे पढ़ा जाता है?

एलाइजा टेस्ट में Optical Density (OD) मापने के लिए स्पेक्ट्रोफोटोमीटर का उपयोग किया जाता है। रिपोर्ट में निम्नलिखित तरीके से परिणाम की व्याख्या की जाती है:

  1. पॉजिटिव रिपोर्ट:
    • यदि OD Value एक निर्धारित सीमा (cut-off value) से अधिक है, तो रिपोर्ट पॉजिटिव होती है। इसका मतलब है कि मरीज में उस बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबॉडी मौजूद हैं, और संक्रमण हो सकता है।
    • उदाहरण: अगर रिपोर्ट में OD वैल्यू 0.5 या उससे अधिक आती है, तो यह एक पॉजिटिव परिणाम होगा।
  2. नेगेटिव रिपोर्ट:
    • यदि OD Value बहुत कम होती है और cut-off value से कम होती है, तो रिपोर्ट नेगेटिव होती है। इसका मतलब है कि मरीज में उस बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबॉडी नहीं पाए गए हैं।
    • उदाहरण: अगर OD वैल्यू 0.2 है, तो यह एक नेगेटिव परिणाम होगा।
  3. संदिग्ध (Indeterminate) रिपोर्ट:
    • कभी-कभी, यदि OD वैल्यू और कट-ऑफ के बीच का अंतर सीमित होता है, तो रिपोर्ट को संदिग्ध माना जाता है। इसे फिर से जांचने के लिए अतिरिक्त परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है।

रिपोर्ट को उदाहरण के साथ समझें:

मान लीजिए कि एलाइजा टेस्ट में OD Value 0.75 है और कट-ऑफ 0.5 है:

  • रिपोर्ट में लिखा होगा: Positive (OD Value 0.75 > Cut-off 0.5)
  • इसका मतलब है कि मरीज में बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबॉडी मौजूद हैं और उसे संक्रमण हो सकता है।

अगर OD Value 0.25 है:

  • रिपोर्ट में लिखा होगा: Negative (OD Value 0.25 < Cut-off 0.5)
  • इसका मतलब है कि मरीज में बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबॉडी नहीं हैं और संक्रमण का कोई संकेत नहीं है।

निष्कर्ष:

  • एलाइजा टेस्ट (ELISA) एक महत्वपूर्ण सिरोलॉजिकल टेस्ट है, जो बैक्टीरियल संक्रमण का निदान करने में मदद करता है।
  • इसमें स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, इनक्यूबेटर, और माइक्रो टाइटर प्लेट का उपयोग किया जाता है।
  • रसायनों में बैक्टीरियल एंटीजन, प्राइमरी और सेकेंडरी एंटीबॉडी, और एंजाइम आधारित सब्सट्रेट होते हैं।
  • रिपोर्ट का मूल्यांकन OD वैल्यू के आधार पर किया जाता है, और पॉजिटिव, नेगेटिव या संदिग्ध परिणाम दिए जाते हैं।
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