Dimorphic fungus culture Test

Dimorphic fungus culture: For identification of Histoplasma, Blastomyces and Coccidioides.

डिमॉर्फिक फंगस कल्चर टेस्ट

डिमॉर्फिक फंगस क्या होते हैं?

डिमॉर्फिक फंगस (Dimorphic Fungi) वे फंगस होते हैं, जो तापमान के आधार पर दो अलग-अलग रूपों (मोल्ड और यीस्ट) में बदल सकते हैं:

  1. कम तापमान (25-30°C) पर मोल्ड रूप – यह संक्रमण फैलाने वाला रूप होता है।
  2. शरीर के तापमान (37°C) पर यीस्ट रूप – यह मनुष्यों में संक्रमण फैलाने वाला रूप होता है।

इसलिए, इन फंगस की पहचान के लिए विशेष माइकोलॉजिकल कल्चर (Fungal Culture) और माइक्रोस्कोपिक जांच की आवश्यकता होती है।


डिमॉर्फिक फंगस कल्चर टेस्ट क्यों किया जाता है?

  • गंभीर और गहरे फंगल संक्रमण (Systemic Mycoses) की पहचान के लिए।
  • इन संक्रमणों का सही उपचार तय करने के लिए।
  • अगर मरीज को लंबे समय तक फेफड़ों, त्वचा, या शरीर के अन्य भागों में संक्रमण हो रहा हो और एंटीबायोटिक्स असर नहीं कर रहे हों।

इस टेस्ट से किन बीमारियों का पता चलता है?

डिमॉर्फिक फंगस कल्चर टेस्ट निम्नलिखित गंभीर फंगल संक्रमणों की पहचान के लिए किया जाता है:

1. हिस्टोप्लाज्मोसिस (Histoplasmosis) – Histoplasma capsulatum

  • फेफड़ों को प्रभावित करने वाला संक्रमण, जो मिट्टी, पक्षियों और चमगादड़ों के मल से फैलता है।
  • लक्षण: बुखार, खांसी, थकान, सांस लेने में दिक्कत।

2. ब्लास्टोमायकोसिस (Blastomycosis) – Blastomyces dermatitidis

  • मुख्य रूप से फेफड़ों, त्वचा और हड्डियों को प्रभावित करता है
  • लक्षण: बुखार, त्वचा पर फोड़े, जो धीरे-धीरे बढ़ते हैं।

3. कोक्सीडियोइडोमायकोसिस (Coccidioidomycosis) – Coccidioides immitis & Coccidioides posadasii

  • इसे “वैली फीवर” (Valley Fever) भी कहा जाता है।
  • मुख्य रूप से सूखी और रेगिस्तानी जगहों पर पाया जाता है
  • लक्षण: हल्का बुखार, थकान, त्वचा पर लाल धब्बे, गंभीर मामलों में फेफड़ों और दिमाग में संक्रमण।

डिमॉर्फिक फंगस कल्चर टेस्ट कैसे किया जाता है?

1. सैंपल कलेक्शन (Sample Collection)

  • संक्रमण की जगह के आधार पर सैंपल लिया जाता है:
    • फेफड़ों का संक्रमण – बलगम (Sputum)
    • रक्त संक्रमण – ब्लड सैंपल
    • त्वचा संक्रमण – स्किन बायोप्सी या स्क्रैपिंग
    • हड्डी का संक्रमण – बोन मैरो एस्पिरेशन

2. कल्चर मीडिया पर इनोकुलेशन (Inoculation on Culture Media)

  • सैंपल को साबोरोड डेक्सट्रोज एगर (SDA) और ब्रेन हार्ट इन्फ्यूजन एगर (BHI Agar) पर लगाया जाता है।
  • प्लेटों को अलग-अलग तापमानों पर इन्क्यूबेट किया जाता है:
    • 25-30°C पर मोल्ड रूप देखने के लिए।
    • 37°C पर यीस्ट रूप की पुष्टि के लिए।

3. इन्क्यूबेशन (Incubation)

  • कल्चर को 2 से 4 हफ्तों तक इन्क्यूबेटर में रखा जाता है
  • फंगस का विकास धीरे-धीरे होता है।

4. माइक्रोस्कोपिक और बायोकैमिकल टेस्ट

  • माइक्रोस्कोप के तहत फंगल कॉलोनियों की जांच की जाती है।
  • लैक्टोफिनॉल कॉटन ब्लू (LPCB) स्टेनिंग द्वारा फंगस के हाइफे और यीस्ट रूप को देखा जाता है।
  • डीएनए टेस्ट (PCR) और सीरोलॉजिकल टेस्ट (Antibody Detection) भी किए जा सकते हैं।

डिमॉर्फिक फंगस टेस्ट के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें

  1. इन्क्यूबेटर (Incubator) – फंगस को अलग-अलग तापमानों पर विकसित करने के लिए।
  2. लैमिनार एयरफ्लो कैबिनेट (Laminar Airflow Cabinet) – सैंपल को स्टेराइल तरीके से प्रोसेस करने के लिए।
  3. माइक्रोस्कोप (Microscope) – फंगस की संरचना की पहचान के लिए।
  4. ऑटोक्लेव (Autoclave) – कल्चर मीडिया को स्टरलाइज़ करने के लिए।

इस टेस्ट के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायन

  1. साबोरोड डेक्सट्रोज एगर (SDA Medium) – फंगस के विकास के लिए।
  2. ब्रेन हार्ट इन्फ्यूजन एगर (BHI Agar) – डिमॉर्फिक फंगस के यीस्ट रूप को विकसित करने के लिए।
  3. लैक्टोफिनॉल कॉटन ब्लू (LPCB) स्टेन – माइक्रोस्कोप के तहत फंगस को देखने के लिए।
  4. डाइमॉर्फिक फंगस कन्फर्मेशन टेस्ट (DNA/PCR Kits) – जीन आधारित पुष्टि के लिए।

रिपोर्ट कैसे पढ़ें और समझें?

1. पॉजिटिव रिपोर्ट (Positive Report) – डिमॉर्फिक फंगस की मौजूदगी

  • 25°C पर मोल्ड रूप – फंगस हाइफे के रूप में विकसित होता है।
  • 37°C पर यीस्ट रूप – यीस्ट सेल्स या ब्लास्टोकॉनिडिया दिखाई देती हैं।

उदाहरण:

  • Histoplasma capsulatum – मोल्ड रूप में छोटे माइक्रोकॉनिडिया, यीस्ट रूप में छोटे अंडाकार यीस्ट सेल्स
  • Blastomyces dermatitidis – मोल्ड रूप में हाइफे के साथ कंडिडिया, यीस्ट रूप में बड़े मोटे दीवारों वाले यीस्ट
  • Coccidioides immitis – मोल्ड रूप में आर्ट्रोस्पोर्स, यीस्ट रूप में स्पेरुल्स (Spherules)

2. नेगेटिव रिपोर्ट (Negative Report) – कोई डिमॉर्फिक फंगस नहीं मिला

  • 4 हफ्तों तक कोई फंगल वृद्धि नहीं होती है, तो रिपोर्ट नेगेटिव होती है।

इलाज और उपचार (Treatment & Management)

  • यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो डॉक्टर एंटीफंगल दवाओं का उपयोग कर सकते हैं:
    1. Itraconazole – हल्के से मध्यम हिस्टोप्लाज्मोसिस और ब्लास्टोमायकोसिस के लिए।
    2. Amphotericin B – गंभीर और जीवन-घातक संक्रमणों के लिए।
    3. Fluconazole / Voriconazole – कोक्सीडियोइडोमायकोसिस के लिए।
  • गंभीर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जाता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर (HIV/AIDS, Organ Transplant) ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।

निष्कर्ष

  • डिमॉर्फिक फंगस कल्चर टेस्ट गंभीर फंगल संक्रमणों की पुष्टि के लिए किया जाता है।
  • यह फेफड़े, त्वचा, हड्डियों और शरीर के अन्य भागों में संक्रमण की पहचान करता है।
  • रिपोर्ट में मोल्ड और यीस्ट रूप की उपस्थिति संक्रमण की पुष्टि करती है।
  • Itraconazole और Amphotericin B जैसी एंटीफंगल दवाओं से उपचार किया जाता है।
  • इस टेस्ट से डॉक्टर सही निदान और प्रभावी उपचार निर्धारित कर सकते हैं।
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