Diagnosis of trypanosomiasis and neurocysticercosis

Diagnosis of trypanosomiasis and neurocysticercosis (tapeworm larvae in the brain).

ट्रिपैनोसोमियासिस और न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस (Neurocysticercosis – मस्तिष्क में टेपवर्म लार्वा) की जांच।

ट्रिपैनोसोमियासिस और न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस (Neurocysticercosis) की जांच

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

यह टेस्ट दो गंभीर न्यूरोलॉजिकल संक्रमणों, ट्रिपैनोसोमियासिस (Trypanosomiasis) और न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस (Neurocysticercosis) की पहचान के लिए किया जाता है। ये दोनों रोग मस्तिष्क को प्रभावित कर सकते हैं और मिर्गी के दौरे, मानसिक भ्रम, सिरदर्द, और कोमा जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

  1. ट्रिपैनोसोमियासिस (African Sleeping Sickness):
    • यह Trypanosoma brucei परजीवी के कारण होता है, जो Tsetse मक्खी के काटने से फैलता है।
    • यह मस्तिष्क में सूजन (Meningoencephalitis) और नींद से जुड़ी गड़बड़ियों का कारण बनता है।
  2. न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस (Neurocysticercosis):
    • यह Taenia solium (सूअर टेपवर्म) के लार्वा के कारण होता है।
    • यह मस्तिष्क में सिस्ट (Cyst) बनाता है, जिससे मिर्गी के दौरे, मानसिक विकार, और सिरदर्द हो सकते हैं।

अगर मरीज में मिर्गी के दौरे, मानसिक भ्रम, या लंबे समय तक सिरदर्द हो रहा है, तो इन बीमारियों की जांच जरूरी होती है।


इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

  1. ट्रिपैनोसोमियासिस (African Sleeping Sickness)
    • मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की सूजन (Meningoencephalitis)
    • नींद से जुड़ी समस्याएँ और कोमा
  2. न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस (Neurocysticercosis)
    • मस्तिष्क में टेपवर्म लार्वा का संक्रमण
    • दौरे (Seizures) और न्यूरोलॉजिकल समस्याएँ

यह टेस्ट कैसे किया जाता है?

1. ट्रिपैनोसोमियासिस के लिए टेस्ट:

  • रक्त जांच (Blood Smear – Giemsa Staining): माइक्रोस्कोप से Trypanosoma परजीवी को देखा जाता है।
  • सीएसएफ जांच (CSF Analysis – Lumbar Puncture): CSF में परजीवी और IgM एंटीबॉडी की जांच की जाती है।
  • PCR (Polymerase Chain Reaction) टेस्ट: परजीवी के डीएनए की पुष्टि के लिए।

2. न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस के लिए टेस्ट:

  • सीटी स्कैन (CT Scan) और एमआरआई (MRI): मस्तिष्क में टेपवर्म लार्वा के सिस्ट की पहचान के लिए।
  • सेरोलॉजिकल टेस्ट (ELISA / Western Blot): खून या CSF में Taenia solium के एंटीबॉडी की जांच के लिए।
  • इम्यूनोब्लॉट टेस्ट: न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस की पुष्टि के लिए सबसे संवेदनशील टेस्ट।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. माइक्रोस्कोप (Light Microscope)Trypanosoma परजीवी की पहचान के लिए।
  2. PCR मशीन – डीएनए आधारित टेस्ट के लिए।
  3. ELISA रीडर – परजीवी एंटीबॉडी की पहचान के लिए।
  4. सीटी स्कैन (CT Scanner) – मस्तिष्क में सिस्ट की जांच के लिए।
  5. एमआरआई (MRI Machine) – सिस्ट और सूजन की अधिक विस्तृत तस्वीर के लिए।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. Giemsa Stain – Trypanosoma परजीवी को रंगने के लिए।
  2. CSF Culture Media – परजीवी को बढ़ाने के लिए।
  3. ELISA Reagents – एंटीबॉडी और एंटीजन की जांच के लिए।
  4. PCR Reagents (Primers, Buffers) – डीएनए परीक्षण के लिए।
  5. Contrast Dye (MRI/CT Scan) – न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस की सटीक पहचान के लिए।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?

1. ट्रिपैनोसोमियासिस की रिपोर्ट:

  • पॉजिटिव रिपोर्ट:
    • माइक्रोस्कोपी में Trypanosoma दिखता है।
    • CSF में IgM एंटीबॉडी या PCR में परजीवी का डीएनए पाया जाता है।
  • नेगेटिव रिपोर्ट:
    • यदि कोई परजीवी नहीं मिलता, तो संक्रमण की पुष्टि नहीं होती।

उदाहरण:
“Trypanosoma brucei gambiense detected in blood smear microscopy.”

2. न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस की रिपोर्ट:

  • पॉजिटिव रिपोर्ट:
    • MRI/CT स्कैन में मस्तिष्क में सिस्ट दिखते हैं।
    • ELISA में Taenia solium एंटीबॉडी पाई जाती है।
  • नेगेटिव रिपोर्ट:
    • यदि सिस्ट नहीं दिखते और एंटीबॉडी नेगेटिव है, तो न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस की संभावना कम होती है।

उदाहरण:
“Multiple cystic lesions seen in brain parenchyma on MRI, suggestive of Neurocysticercosis.”


बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव

1. ट्रिपैनोसोमियासिस का उपचार:

  • शुरुआती स्टेज में:
    • Suramin (T. b. rhodesiense)
    • Pentamidine (T. b. gambiense)
  • गंभीर स्टेज में (मस्तिष्क प्रभावित होने पर):
    • Melarsoprol
    • Eflornithine

2. न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस का उपचार:

  • एंटी-पैरासिटिक दवाइयाँ:
    • Albendazole (15 mg/kg/day for 10-14 days)
    • Praziquantel (50 mg/kg/day for 15 days)
  • एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयाँ:
    • Dexamethasone या Prednisolone (मस्तिष्क की सूजन को कम करने के लिए)
  • मिर्गी के दौरे को रोकने के लिए:
    • Phenytoin, Carbamazepine, Valproate जैसी एंटी-एपिलेप्टिक दवाइयाँ।

रोकथाम (Prevention):

  1. ट्रिपैनोसोमियासिस से बचाव:
    • Tsetse मक्खी से बचाव के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
    • संक्रमित क्षेत्रों में जाने से पहले दवा लें।
  2. न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस से बचाव:
    • साफ और पका हुआ खाना खाएं।
    • हाथ धोने की आदत डालें।
    • संक्रमित सूअर के मांस से बचें।

निष्कर्ष:

ट्रिपैनोसोमियासिस और न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस दोनों ही गंभीर न्यूरोलॉजिकल संक्रमण हैं, जो समय पर इलाज न मिलने पर घातक हो सकते हैं। सही समय पर रक्त जांच, CSF टेस्ट, MRI/CT स्कैन और सेरोलॉजिकल टेस्ट द्वारा इन बीमारियों की पुष्टि की जा सकती है। उचित दवाओं और रोकथाम के उपायों से इन संक्रमणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

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