CEA Test

CEA (Carcinoembryonic Antigen) Test: To check for colon, pancreas, and other cancers.

CEA (Carcinoembryonic Antigen) Test: कोलन, पैंक्रियास, और अन्य कैंसर की जांच के लिए।

CEA (Carcinoembryonic Antigen) टेस्ट: कोलन, पैंक्रियास और अन्य कैंसर की जांच के लिए

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

CEA (Carcinoembryonic Antigen) टेस्ट एक ट्यूमर मार्कर टेस्ट है, जिसका उपयोग शरीर में कैंसर की उपस्थिति, उसकी प्रगति और इलाज की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट मुख्य रूप से कोलन (बड़ी आंत), पैंक्रियास (अग्न्याशय), पेट, फेफड़े, ब्रेस्ट और थायरॉइड कैंसर की निगरानी के लिए किया जाता है।

मुख्य उद्देश्य:

  1. कोलन (Colon) और रेक्टल कैंसर (Rectal Cancer) का पता लगाना।
  2. पैंक्रियाटिक, गैस्ट्रिक (पेट), लंग (फेफड़े), ब्रेस्ट, ओवरी और थायरॉइड कैंसर की निगरानी।
  3. कैंसर के इलाज (सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी) की प्रभावशीलता को ट्रैक करना।
  4. कैंसर के पुनरावृत्ति (Recurrence) का पता लगाना।

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

  1. कोलन और रेक्टल कैंसर: CEA का उच्च स्तर इस कैंसर से जुड़ा हो सकता है।
  2. पैंक्रियास (अग्न्याशय) का कैंसर: यदि CEA स्तर बढ़ा हुआ है, तो यह अग्न्याशय कैंसर का संकेत हो सकता है।
  3. फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer): कुछ मामलों में CEA बढ़ा हुआ पाया जाता है।
  4. ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer): उन्नत चरणों में CEA की मात्रा बढ़ सकती है।
  5. गैस्ट्रिक कैंसर (Stomach Cancer): पेट के कैंसर में भी CEA बढ़ सकता है।
  6. ओवरी कैंसर (Ovarian Cancer): कुछ मामलों में इसका स्तर बढ़ा हुआ पाया जाता है।
  7. थायरॉइड कैंसर (Thyroid Cancer): CEA स्तर से कैंसर की गतिविधि का पता चलता है।
  8. हेपेटाइटिस और लीवर सिरोसिस: कैंसर के बिना भी लिवर की बीमारियों में CEA बढ़ सकता है।
  9. स्मोकिंग (धूम्रपान): भारी धूम्रपान करने वालों में CEA का स्तर सामान्य से अधिक हो सकता है।

यह टेस्ट कैसे किया जाता है?

  1. रक्त का नमूना लिया जाता है – आमतौर पर हाथ की नस से।
  2. नमूने को प्रयोगशाला में विश्लेषण के लिए भेजा जाता है।
  3. CEA स्तर को नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (ng/mL) में मापा जाता है।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) Analyzer – CEA एंटीजन की मात्रा को मापने के लिए।
  2. Chemiluminescent Immunoassay (CLIA) Analyzer – अधिक संवेदनशील और तेजी से परिणाम देने वाला उपकरण।
  3. Radioimmunoassay (RIA) Analyzer – रेडियोएक्टिव मार्कर का उपयोग करके CEA स्तर का विश्लेषण करता है।
  4. Automated Immunoassay Analyzers – बड़े स्तर पर टेस्ट करने के लिए।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. Monoclonal Antibodies against CEA – CEA प्रोटीन की पहचान के लिए।
  2. Horseradish Peroxidase (HRP) Conjugate – संकेत को मजबूत करने के लिए।
  3. Chromogenic Substrate (TMB – Tetramethylbenzidine) – रंग परिवर्तन के लिए, जिससे परिणाम पढ़ा जा सके।
  4. Phosphate Buffered Saline (PBS) – ब्लड सैंपल को स्थिर बनाए रखने के लिए।
  5. Luminol या Acridinium Ester – CLIA टेस्ट में उपयोग किया जाता है।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?

CEA का स्तर नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (ng/mL) में मापा जाता है।

  • 0-3 ng/mL – सामान्य सीमा (गैर-धूम्रपान करने वालों के लिए)।
  • 0-5 ng/mL – धूम्रपान करने वालों के लिए सामान्य सीमा।
  • 5-10 ng/mL – हल्का बढ़ा हुआ स्तर, आमतौर पर लीवर की बीमारियों या इंफेक्शन से जुड़ा हो सकता है।
  • 10 ng/mL से अधिक – कैंसर की संभावना, विशेष रूप से यदि व्यक्ति को कोलन, पैंक्रियास या अन्य अंगों का कैंसर है।

उदाहरण:

  1. अगर किसी मरीज का CEA स्तर 12 ng/mL आता है और उसे पहले से कोलन कैंसर है, तो इसका मतलब है कि कैंसर बढ़ सकता है और अधिक टेस्ट करने की जरूरत है।
  2. यदि किसी व्यक्ति का CEA पहले 50 ng/mL था और कीमोथेरेपी के बाद घटकर 5 ng/mL हो गया है, तो इसका मतलब है कि इलाज प्रभावी हो रहा है।
  3. यदि किसी स्वस्थ व्यक्ति का CEA 8 ng/mL आता है, लेकिन वह धूम्रपान करता है, तो डॉक्टर उसे अन्य लक्षणों की निगरानी करने की सलाह देंगे।

बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव

1. कोलन और रेक्टल कैंसर का उपचार:

  • सर्जरी (Colectomy): ट्यूमर को हटाने के लिए।
  • कीमोथेरेपी (Chemotherapy): कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए।
  • रेडियोथेरेपी (Radiation Therapy): कैंसर को सिकोड़ने या रोकने के लिए।
  • टार्गेटेड थेरेपी (Cetuximab, Bevacizumab): कैंसर के विकास को रोकने के लिए।

2. पैंक्रियास कैंसर का उपचार:

  • सर्जरी (Whipple Procedure): कैंसरयुक्त भाग को हटाने के लिए।
  • कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी।

3. फेफड़े और ब्रेस्ट कैंसर का उपचार:

  • कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और हॉर्मोन थेरेपी।
  • सर्जरी और टार्गेटेड ड्रग थेरेपी।

4. गैस्ट्रिक और ओवरी कैंसर का उपचार:

  • सर्जरी, कीमोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी।

5. थायरॉइड कैंसर का उपचार:

  • थायरॉइड ग्लैंड को हटाने के लिए सर्जरी।
  • रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी।

निष्कर्ष

CEA टेस्ट कैंसर की पहचान, उपचार की निगरानी और पुनरावृत्ति का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, सिर्फ CEA के बढ़े हुए स्तर के आधार पर कैंसर की पुष्टि नहीं की जा सकती। इसलिए, अल्ट्रासाउंड, CT स्कैन, बायोप्सी और अन्य डायग्नोस्टिक टेस्ट के साथ इसकी पुष्टि की जाती है।

यदि कोई व्यक्ति कैंसर के लक्षण (वजन घटना, पेट दर्द, रक्तस्राव, थकान) महसूस कर रहा है या उसे पहले कैंसर हो चुका है, तो डॉक्टर की सलाह पर CEA टेस्ट करवाना आवश्यक हो सकता है।

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