CD4 Count & Viral Load Test

CD4 Count & Viral Load Test – To measure the severity of AIDS disease.

CD4 Count और Viral Load टेस्ट – एड्स रोग की गंभीरता मापने के लिए

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

CD4 काउंट और वायरल लोड टेस्ट HIV (एड्स) रोग की गंभीरता और मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली की स्थिति को मापने के लिए किया जाता है।

  • CD4 काउंट से यह पता चलता है कि HIV संक्रमण ने मरीज की इम्यूनिटी (प्रतिरक्षा प्रणाली) को कितना कमजोर किया है।
  • Viral Load टेस्ट से यह पता चलता है कि मरीज के शरीर में HIV वायरस की कितनी संख्या (RNA कॉपीज़) मौजूद हैं।
  • यह टेस्ट एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) के प्रभाव को मॉनिटर करने के लिए भी किया जाता है।
  • यदि कोई व्यक्ति HIV पॉजिटिव है, तो इस टेस्ट से डॉक्टर यह तय करते हैं कि उसे ART कब शुरू करनी चाहिए और इलाज कितना प्रभावी हो रहा है

CD4 Count और Viral Load टेस्ट से किन बीमारियों का पता चलता है?

  • HIV संक्रमण (Human Immunodeficiency Virus Infection) – HIV इम्यून सिस्टम पर हमला करता है, जिससे शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।
  • AIDS (Acquired Immunodeficiency Syndrome) – HIV संक्रमण के अंतिम चरण में, जब CD4 काउंट बहुत कम हो जाता है और शरीर को गंभीर संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है।
  • HIV से जुड़ी अन्य संक्रमणजनित बीमारियाँ – जैसे टीबी, फंगल इंफेक्शन, निमोनिया आदि, जिनका जोखिम CD4 काउंट कम होने पर बढ़ जाता है।

CD4 Count और Viral Load टेस्ट कैसे किया जाता है?

1. ब्लड सैंपल लेना

  • मरीज की नस से ब्लड सैंपल लिया जाता है और उसे विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है।
  • सैंपल को EDTA ट्यूब में संग्रहित किया जाता है ताकि ब्लड कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त न हों।

2. CD4 काउंट टेस्ट प्रक्रिया

  • फ्लो साइटोमेट्री (Flow Cytometry) मशीन का उपयोग करके CD4 T-Cells की गिनती की जाती है।
  • यह तकनीक CD4 कोशिकाओं को विशेष फ्लोरोसेंट एंटीबॉडीज़ के साथ चिह्नित करती है और लेजर के माध्यम से उनकी संख्या को मापती है।
  • CD4 काउंट को क्यूबिक मिलीमीटर (cells/mm³) में मापा जाता है

3. वायरल लोड टेस्ट प्रक्रिया

  • यह टेस्ट RT-PCR (Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction) तकनीक का उपयोग करके किया जाता है।
  • इस प्रक्रिया में मरीज के ब्लड सैंपल से HIV RNA निकाला जाता है और उसे PCR मशीन द्वारा गुणा किया जाता है।
  • HIV RNA की कुल कॉपीज़ (HIV RNA Copies/mL) को मापा जाता है।

इस टेस्ट को करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें

  • Flow Cytometer – CD4 काउंट मापने के लिए।
  • RT-PCR मशीन (Real-Time PCR Analyzer) – HIV वायरल लोड मापने के लिए।
  • GeneXpert System – वायरल लोड और अन्य संक्रमणों के लिए।
  • Automated Blood Cell Counter – ब्लड कोशिकाओं की गिनती के लिए।

CD4 Count और Viral Load टेस्ट के लिए आवश्यक रसायन

  • Fluorescent Labeled Anti-CD4 Antibody – CD4 कोशिकाओं की पहचान के लिए।
  • Lysis Buffer – लाल रक्त कोशिकाओं को हटाने के लिए।
  • PBS (Phosphate Buffered Saline) – सेल सस्पेंशन के लिए।
  • Reverse Transcriptase Enzyme और Primers – HIV RNA को cDNA में बदलने और PCR में उपयोग के लिए।
  • PCR Master Mix – RT-PCR में DNA गुणा करने के लिए।
  • Nucleic Acid Extraction Kit – वायरल RNA निकालने के लिए।

CD4 Count और Viral Load टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझा जाता है?

CD4 काउंट रिपोर्ट

  • 500 से अधिक (Normal Immune System) – यदि CD4 काउंट 500 से अधिक है, तो इम्यून सिस्टम स्वस्थ माना जाता है।
  • 200-500 (Moderate Immunosuppression) – मरीज को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन ART से स्थिति नियंत्रण में रखी जा सकती है।
  • 200 से कम (Severe Immunosuppression/AIDS Stage) – यह संकेत करता है कि मरीज को एड्स हो चुका है, और उसे गंभीर संक्रमणों का खतरा है।

Viral Load रिपोर्ट

  • Undetectable (<50 copies/mL) – इसका मतलब है कि ART थेरेपी प्रभावी है और HIV की मात्रा नगण्य हो गई है।
  • Low Viral Load (50-10,000 copies/mL) – HIV संक्रमण कम सक्रिय है, लेकिन उपचार जारी रखना आवश्यक है।
  • High Viral Load (>10,000 copies/mL) – यह दर्शाता है कि HIV संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और दवा का असर कम हो सकता है।

उदाहरण द्वारा रिपोर्ट को समझना

केस 1: 35 वर्षीय पुरुष, HIV पॉजिटिव

  • CD4 काउंट: 150 cells/mm³
  • Viral Load: 50,000 copies/mL
  • यह रिपोर्ट दर्शाती है कि मरीज एड्स स्टेज में पहुंच चुका है और उसे तत्काल एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) शुरू करनी होगी

केस 2: 28 वर्षीय महिला, 1 साल से ART पर है

  • CD4 काउंट: 550 cells/mm³
  • Viral Load: <50 copies/mL (Undetectable)
  • यह रिपोर्ट दिखाती है कि ART प्रभावी है और मरीज स्वस्थ है

HIV संक्रमण के उपचार के लिए सुझाव

1. एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) को जारी रखें

  • HIV को नियंत्रित करने के लिए Tenofovir, Lamivudine, Efavirenz, Dolutegravir जैसी दवाएं दी जाती हैं।
  • यदि मरीज की Viral Load कम और CD4 काउंट बढ़ रहा है, तो यह दर्शाता है कि दवा असरदार है।

2. नियमित जांच कराते रहें

  • हर 3-6 महीने में CD4 काउंट और Viral Load टेस्ट कराना जरूरी है ताकि दवा का असर पता चलता रहे।

3. संक्रमण से बचाव करें

  • स्वस्थ आहार और व्यायाम करें ताकि इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहे।
  • संक्रमण फैलाने से बचें – HIV संक्रमित व्यक्ति को दूसरों के साथ सुरक्षित संबंध और खून दान करने से बचना चाहिए।

निष्कर्ष

CD4 काउंट और Viral Load टेस्ट HIV संक्रमण की गंभीरता और इलाज की सफलता को मापने के लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर CD4 काउंट गिरता है और Viral Load बढ़ता है, तो इसका मतलब है कि HIV तेजी से बढ़ रहा है और दवा की आवश्यकता है। वहीं, अगर CD4 काउंट बढ़ता है और Viral Load कम होता है, तो ART थेरेपी असरदार है। इस टेस्ट से डॉक्टर यह तय कर सकते हैं कि मरीज को कौन सी दवा दी जाए और HIV को किस हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

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