CA-125 Test

CA-125 Test: To detect ovarian cancer.

CA-125 Test: ओवरी (अंडाशय) के कैंसर की पहचान के लिए।

CA-125 टेस्ट: ओवरी (अंडाशय) के कैंसर की पहचान के लिए

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

CA-125 टेस्ट एक रक्त परीक्षण है, जिसका उपयोग अंडाशय (ओवरी) के कैंसर की पहचान, निगरानी और उपचार की प्रतिक्रिया को मापने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट ओवरी में बनने वाले CA-125 (Cancer Antigen 125) प्रोटीन के स्तर को मापता है।

इसका उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है:

  1. ओवरी कैंसर का पता लगाना: यदि किसी महिला में ओवरी कैंसर के लक्षण (पेट दर्द, सूजन, वजन कम होना) हैं, तो डॉक्टर यह टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।
  2. कैंसर के इलाज की निगरानी: अगर किसी महिला का ओवरी कैंसर पहले से डायग्नोज किया गया है और उसका इलाज (कीमोथेरेपी, सर्जरी) चल रहा है, तो यह टेस्ट यह देखने में मदद करता है कि उपचार प्रभावी है या नहीं।
  3. कैंसर की पुनरावृत्ति (Relapse) की जांच: यदि इलाज के बाद कैंसर दोबारा होने की संभावना हो, तो CA-125 टेस्ट से इसकी निगरानी की जाती है।
  4. अन्य स्थितियों में: एंडोमेट्रियोसिस, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) और गर्भाशय फाइब्रॉयड जैसी अन्य बीमारियों में भी CA-125 का स्तर बढ़ सकता है, इसलिए इसे अन्य टेस्ट के साथ मिलाकर देखा जाता है।

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

  1. ओवरी कैंसर (Ovarian Cancer) – CA-125 का उच्च स्तर ओवरी कैंसर का संकेत हो सकता है।
  2. एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) – गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) का असामान्य वृद्धि होना।
  3. यूटेराइन फाइब्रॉयड (Uterine Fibroids) – गर्भाशय में होने वाली गांठें।
  4. पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) – प्रजनन अंगों में संक्रमण।
  5. गर्भाशय, फेफड़े, स्तन और अग्न्याशय (Pancreatic) कैंसर – इन कैंसर में भी CA-125 बढ़ सकता है।
  6. गर्भावस्था और मासिक धर्म संबंधी बदलाव – कभी-कभी सामान्य परिस्थितियों में भी CA-125 बढ़ सकता है।

यह टेस्ट कैसे किया जाता है?

  1. रक्त का नमूना लिया जाता है।
  2. नमूने को प्रयोगशाला में विश्लेषण के लिए भेजा जाता है।
  3. विशिष्ट मशीनों द्वारा CA-125 प्रोटीन की मात्रा मापी जाती है।
  4. परिणाम नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (U/mL) में मापा जाता है।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) Analyzer – यह CA-125 प्रोटीन की पहचान और माप करने के लिए सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला उपकरण है।
  2. Chemiluminescent Immunoassay (CLIA) Analyzer – अधिक संवेदनशील और तेज परिणाम के लिए।
  3. Automated Immunoassay Analyzers – बड़े अस्पतालों और लैब्स में तेजी से परीक्षण करने के लिए।
  4. Flow Cytometer – कैंसर कोशिकाओं की गहराई से जांच के लिए सहायक हो सकता है।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. Monoclonal Antibodies against CA-125 – CA-125 प्रोटीन को पहचानने के लिए।
  2. HRP (Horseradish Peroxidase) Conjugate Reagent – सिग्नल बढ़ाने के लिए।
  3. Chromogenic Substrate (TMB – Tetramethylbenzidine) – रंग परिवर्तन के लिए, जिससे परिणाम पढ़ा जाता है।
  4. Phosphate Buffered Saline (PBS) – ब्लड सैंपल को स्थिर रखने के लिए।
  5. Luminol या Acridinium Ester – CLIA टेस्ट में उपयोग किया जाता है।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?

CA-125 का स्तर यूनिट्स प्रति मिलीलीटर (U/mL) में मापा जाता है।

  • 0-35 U/mL – सामान्य सीमा, ओवरी कैंसर की संभावना नहीं।
  • 35-100 U/mL – हल्का बढ़ा हुआ, अन्य स्थितियों जैसे एंडोमेट्रियोसिस, PID, या फाइब्रॉयड का संकेत हो सकता है।
  • 100 U/mL से अधिक – ओवरी कैंसर या अन्य गंभीर स्थितियों की संभावना। आगे की जांच (अल्ट्रासाउंड, बायोप्सी, CT स्कैन) की जरूरत हो सकती है।

उदाहरण:
यदि किसी महिला की रिपोर्ट में CA-125 का स्तर 120 U/mL आता है और उसे पेट में सूजन और दर्द की समस्या है, तो डॉक्टर अल्ट्रासाउंड और बायोप्सी की सलाह देंगे ताकि कैंसर की पुष्टि हो सके।
अगर किसी महिला का इलाज चल रहा है और पहले उसका CA-125 स्तर 500 U/mL था, लेकिन कीमोथेरेपी के बाद यह घटकर 30 U/mL हो गया, तो यह इलाज के प्रभावी होने का संकेत है।

बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव

1. ओवरी कैंसर का उपचार:

  • सर्जरी (Oophorectomy या Hysterectomy) – यदि कैंसर बढ़ गया है, तो ओवरी और गर्भाशय को हटाया जा सकता है।
  • कीमोथेरेपी (Chemotherapy) – कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए।
  • टार्गेटेड थेरेपी (Targeted Therapy – Bevacizumab, PARP Inhibitors) – कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने के लिए।
  • इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) – शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने में मदद करने के लिए।
  • रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) – कैंसर के उन्नत चरण में।

2. अन्य बीमारियों का उपचार:

  • एंडोमेट्रियोसिस: हार्मोन थेरेपी या सर्जरी।
  • यूटेराइन फाइब्रॉयड: दवाएं या सर्जरी (Myomectomy)।
  • PID: एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज।

निष्कर्ष

CA-125 टेस्ट ओवरी कैंसर की पहचान और निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, केवल इस टेस्ट के आधार पर कैंसर की पुष्टि नहीं की जा सकती, क्योंकि अन्य बीमारियों में भी इसका स्तर बढ़ सकता है। अगर CA-125 का स्तर अधिक आता है, तो डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, CT स्कैन, या बायोप्सी जैसी अन्य जांचों की सलाह देंगे।

महिलाओं को अगर पेट में लगातार सूजन, वजन घटना, और भूख में कमी जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर यह टेस्ट कराना जरूरी हो सकता है। नियमित चेकअप और शुरुआती पहचान से ओवरी कैंसर का प्रभावी इलाज संभव है।

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