C3 and C4 complement test

C3 and C4 complement test: To measure the activity of autoimmune disease.

C3 और C4 कॉम्प्लिमेंट टेस्ट: ऑटोइम्यून डिजीज की सक्रियता को मापने के लिए।

C3 और C4 कॉम्प्लिमेंट टेस्ट: ऑटोइम्यून डिजीज की सक्रियता को मापने के लिए

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

C3 और C4 कॉम्प्लिमेंट टेस्ट शरीर की इम्यून सिस्टम की कार्यक्षमता को जांचने के लिए किया जाता है। कॉम्प्लिमेंट प्रोटीन (Complement Proteins) इम्यून सिस्टम का हिस्सा होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने और सूजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

यदि किसी व्यक्ति को ऑटोइम्यून रोग (Autoimmune Disease) या इम्यून सिस्टम से जुड़ी अन्य समस्याएं हैं, तो शरीर में C3 और C4 प्रोटीन का स्तर असामान्य हो सकता है। यह टेस्ट यह निर्धारित करने में मदद करता है कि क्या इम्यून सिस्टम सामान्य रूप से काम कर रहा है या नहीं।

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

  1. Systemic Lupus Erythematosus (SLE – ल्यूपस) – एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी जो त्वचा, जोड़ों, किडनी और अन्य अंगों को प्रभावित करती है।
  2. Rheumatoid Arthritis (RA) – जोड़ों की सूजन और दर्द का एक ऑटोइम्यून विकार।
  3. Glomerulonephritis – गुर्दे की सूजन, जो इम्यून सिस्टम की असामान्य प्रतिक्रिया के कारण होती है।
  4. Chronic Infections (दीर्घकालिक संक्रमण) – बार-बार संक्रमण होने का संकेत दे सकता है।
  5. Hereditary Angioedema (HAE) – आनुवंशिक रूप से कॉम्प्लिमेंट प्रोटीन में कमी के कारण होने वाली सूजन।
  6. Multiple Sclerosis (MS) – एक न्यूरोलॉजिकल ऑटोइम्यून बीमारी।
  7. Sjogren’s Syndrome – आँखों और मुंह की सूखापन से जुड़ी एक ऑटोइम्यून स्थिति।

यह टेस्ट कैसे किया जाता है?

  1. ब्लड सैंपल लिया जाता है
    • नस (Vein) से रक्त का नमूना लिया जाता है।
    • इसे सीरम (Serum) या प्लाज्मा (Plasma) में अलग किया जाता है
  2. टेस्टिंग मेथड्स
    • Nephelometry – लेजर प्रकाश का उपयोग करके कॉम्प्लिमेंट प्रोटीन की मात्रा मापी जाती है।
    • Radial Immunodiffusion (RID) – एंटीबॉडी के साथ मिलाकर C3 और C4 की मात्रा को देखा जाता है।
    • ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) – कॉम्प्लिमेंट प्रोटीन की उपस्थिति का विश्लेषण करने के लिए।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. Nephelometer – कॉम्प्लिमेंट प्रोटीन को मापने के लिए।
  2. ELISA Reader & Washer – एंटीबॉडी के साथ प्रतिक्रिया की जांच के लिए।
  3. Spectrophotometer – प्रकाश अवशोषण की मदद से कॉम्प्लिमेंट की सांद्रता मापने के लिए।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. Anti-C3 और Anti-C4 एंटीबॉडी – C3 और C4 की पहचान के लिए।
  2. Buffer Solutions (PBS – Phosphate Buffered Saline) – रिएक्शन को स्थिर रखने के लिए।
  3. Latex Reagents – लेटेक्स एग्लूटिनेशन टेस्ट के लिए।
  4. TMB Substrate (Tetramethylbenzidine) – ELISA टेस्ट में रंग परिवर्तन के लिए।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?

  1. Normal C3 Levels (90-180 mg/dL) & C4 Levels (10-40 mg/dL)
    • इम्यून सिस्टम सामान्य रूप से काम कर रहा है।
    • उदाहरण: C3: 120 mg/dL, C4: 30 mg/dL – No signs of autoimmune disease
  2. Low C3 & Low C4 Levels
    • ऑटोइम्यून रोग (SLE, Rheumatoid Arthritis, Glomerulonephritis) का संकेत।
    • उदाहरण: C3: 50 mg/dL, C4: 15 mg/dL – Possible active lupus or autoimmune disorder
  3. Low C4 with Normal C3
    • Hereditary Angioedema (HAE) या Chronic Liver Disease की संभावना।
    • उदाहरण: C3: 130 mg/dL, C4: 5 mg/dL – Possible hereditary angioedema
  4. High C3 & High C4 Levels
    • एक्टिव इन्फ्लेमेशन (सूजन) या संक्रमण का संकेत
    • उदाहरण: C3: 190 mg/dL, C4: 50 mg/dL – Possible chronic infection or inflammation

उदाहरण:

केस 1:

  • 25 वर्षीय महिला, जिसे त्वचा पर चकत्ते और जोड़ों में दर्द था, डॉक्टर ने SLE की संभावना देखते हुए C3 और C4 टेस्ट करवाया
  • रिपोर्ट में C3: 40 mg/dL और C4: 10 mg/dL आया, जो SLE की सक्रियता को दर्शाता है।
  • डॉक्टर ने इम्यूनोसप्रेसिव दवाइयाँ (Prednisone, Hydroxychloroquine) शुरू कीं।

केस 2:

  • 45 वर्षीय पुरुष, जिसे बार-बार पेट और चेहरे में सूजन होती थी, डॉक्टर को Hereditary Angioedema (HAE) की आशंका हुई
  • C4 का स्तर 5 mg/dL पाया गया, जबकि C3 सामान्य था।
  • इसका मतलब HAE हो सकता है, इसलिए डॉक्टर ने C1 Inhibitor Therapy शुरू की।

बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव

SLE और ऑटोइम्यून डिजीज के लिए उपचार

  1. इम्यूनोसप्रेसिव दवाइयाँ
    • Hydroxychloroquine – ल्यूपस के लक्षणों को कम करने के लिए।
    • Corticosteroids (Prednisone, Methylprednisolone) – सूजन को कम करने के लिए।
    • Methotrexate, Azathioprine, Mycophenolate Mofetil – इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए।
  2. एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयाँ
    • NSAIDs (Ibuprofen, Naproxen) – जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए।
  3. Hereditary Angioedema (HAE) का उपचार
    • C1 Inhibitor Replacement Therapy – आनुवंशिक रूप से कम C4 के इलाज के लिए।
    • Antihistamines और Corticosteroids – सूजन को कम करने के लिए।
  4. रूमेटॉइड अर्थराइटिस (RA) के लिए उपचार
    • DMARDs (Disease-Modifying Antirheumatic Drugs) – Methotrexate, Leflunomide
    • Biologics (Infliximab, Rituximab, Etanercept) – इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए।

निष्कर्ष

C3 और C4 कॉम्प्लिमेंट टेस्ट ऑटोइम्यून डिजीज की सक्रियता को मापने का एक महत्वपूर्ण टेस्ट है। यदि C3 और C4 का स्तर कम है, तो इसका मतलब SLE, RA या अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों की सक्रियता हो सकती है। उपचार में इम्यूनोसप्रेसिव दवाइयाँ, एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयाँ और विशेष थेरेपी शामिल हैं। सही समय पर निदान और इलाज से बीमारी की जटिलताओं को रोका जा सकता है।

Scroll to Top