फ्लूइड कल्चर (Body Fluid Culture) टेस्ट क्या है?
फ्लूइड कल्चर टेस्ट एक माइक्रोबायोलॉजिकल जांच है, जिसका उपयोग शरीर के विभिन्न द्रवों (fluids) में संक्रमण (infection) का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए यह पता लगाया जाता है कि शरीर के किसी विशेष द्रव में बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या अन्य सूक्ष्मजीव मौजूद हैं या नहीं।
फ्लूइड कल्चर टेस्ट किन शारीरिक द्रवों पर किया जाता है?
यह टेस्ट शरीर के विभिन्न प्रकार के तरल पदार्थों पर किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- सिरोफ्लूइड (Cerebrospinal Fluid – CSF) → मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर का द्रव (CSF Culture)
- प्लूरल फ्लूइड (Pleural Fluid) → फेफड़ों के चारों ओर मौजूद द्रव (Pleural Fluid Culture)
- पेरीटोनियल फ्लूइड (Peritoneal Fluid) → पेट की गुहा में मौजूद द्रव (Peritoneal Fluid Culture)
- साइनोवियल फ्लूइड (Synovial Fluid) → जोड़ों (joints) में मौजूद द्रव (Synovial Fluid Culture)
- पेरिकार्डियल फ्लूइड (Pericardial Fluid) → हृदय के चारों ओर मौजूद द्रव (Pericardial Fluid Culture)
- एसाइटिक फ्लूइड (Ascitic Fluid) → लीवर रोगियों में पेट में जमा होने वाला द्रव (Ascitic Fluid Culture)
- एम्नियोटिक फ्लूइड (Amniotic Fluid) → गर्भ में भ्रूण के चारों ओर मौजूद द्रव (Amniotic Fluid Culture)
फ्लूइड कल्चर टेस्ट की प्रक्रिया (Procedure of Body Fluid Culture Test)
1. सैंपल कलेक्शन (Sample Collection)
- डॉक्टर या नर्स शरीर के द्रव को निकालने के लिए सुई (needle) या कैथेटर (catheter) का उपयोग करते हैं।
- संक्रमण से बचाने के लिए एसेप्टिक तकनीक (Aseptic Technique) का पालन किया जाता है।
- सैंपल को एक विशेष स्टेराइल कंटेनर में एकत्र किया जाता है।
- जरूरत पड़ने पर, स्पाइनल टैप (lumbar puncture), थोरासेंटेसिस (thoracentesis), परासेंटेसिस (paracentesis), आर्थ्रोसेंटेसिस (arthrocentesis) जैसी प्रक्रियाएं की जाती हैं।
2. लैब में कल्चर (Laboratory Culture Process)
- सैंपल को विभिन्न कल्चर मीडिया पर रखा जाता है ताकि बैक्टीरिया, वायरस या फंगस की वृद्धि हो सके।
- यह मीडिया निम्न प्रकार के हो सकते हैं:
- Blood Agar (बैक्टीरिया के लिए)
- MacConkey Agar (ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया के लिए)
- Chocolate Agar (विशेष रूप से Haemophilus और Neisseria बैक्टीरिया के लिए)
- Sabouraud Dextrose Agar (SDA) (फंगल संक्रमण के लिए)
- इसे CO₂ Incubator में 24-48 घंटे तक रखा जाता है।
- बैक्टीरिया विकसित होने के बाद, Gram Staining, Biochemical Testing, और Antibiotic Sensitivity Test किए जाते हैं।
3. रिपोर्ट तैयार करना (Reporting the Results)
- बैक्टीरिया या अन्य सूक्ष्मजीवों की पहचान की जाती है।
- एंटीबायोटिक सेंसिटिविटी टेस्ट (Antibiotic Sensitivity Test) से पता चलता है कि कौन सा एंटीबायोटिक संक्रमण के इलाज में प्रभावी होगा।
- रिपोर्ट 3 से 5 दिनों के भीतर उपलब्ध होती है, लेकिन कुछ मामलों में बैक्टीरिया की वृद्धि धीमी होने के कारण अधिक समय लग सकता है।
फ्लूइड कल्चर टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझें?
1. पॉजिटिव रिपोर्ट (Positive Result)
- रिपोर्ट में बैक्टीरिया, वायरस, या फंगस की उपस्थिति पाई जाती है।
- संक्रमण के कारण बनने वाले संभावित सूक्ष्मजीव:
- बैक्टीरिया: Staphylococcus aureus, Escherichia coli (E. coli), Klebsiella pneumoniae, Streptococcus pneumoniae, Pseudomonas aeruginosa
- वायरस: Herpes Simplex Virus (HSV), Enterovirus, Cytomegalovirus (CMV)
- फंगस: Candida species, Cryptococcus neoformans
- एंटीबायोटिक सेंसिटिविटी टेस्ट से पता चलता है कि कौन सा एंटीबायोटिक कारगर होगा।
2. नेगेटिव रिपोर्ट (Negative Result)
- यदि किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस या फंगस की वृद्धि नहीं होती है, तो रिपोर्ट नेगेटिव मानी जाती है।
- इसका मतलब यह नहीं है कि संक्रमण नहीं है, बल्कि अन्य परीक्षणों की जरूरत हो सकती है।
- यदि लक्षण बने रहते हैं, तो डॉक्टर PCR टेस्ट या Serological Tests करने की सलाह दे सकते हैं।
फ्लूइड कल्चर टेस्ट क्यों किया जाता है?
यह टेस्ट निम्नलिखित स्थितियों की जांच के लिए किया जाता है:
✅ मेनिंजाइटिस (Meningitis) – सीएसएफ में बैक्टीरिया या वायरस की जांच के लिए।
✅ पल्मोनरी इन्फेक्शन (Pneumonia, Pleural Effusion) – फेफड़ों के संक्रमण की जांच के लिए।
✅ परिटोनाइटिस (Peritonitis) – पेट में संक्रमण की पहचान के लिए।
✅ सेप्सिस (Sepsis) – खून में संक्रमण फैलने की संभावना के कारण।
✅ अर्थराइटिस (Septic Arthritis) – जोड़ (joints) में संक्रमण की जांच के लिए।
✅ टीबी मेनिंजाइटिस (Tuberculous Meningitis) – Mycobacterium tuberculosis की उपस्थिति की जांच के लिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
फ्लूइड कल्चर टेस्ट शरीर के महत्वपूर्ण द्रवों में संक्रमण की पहचान करने में सहायक होता है। यह बैक्टीरिया, वायरस या फंगस की उपस्थिति का पता लगाने और सही एंटीबायोटिक चुनने में मदद करता है। रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल या एंटीफंगल दवाओं से किया जाता है। अगर रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तो आगे की जांच की आवश्यकता हो सकती है।
फ्लूइड कल्चर (Body Fluid Culture) टेस्ट करने के लिए आवश्यक मशीनें और रसायन:
आवश्यक मशीनें:
- Biosafety Cabinet (Class II): सैंपल को सुरक्षित तरीके से हैंडल करने के लिए।
- Centrifuge Machine: फ्लूइड में से बैक्टीरिया को अलग करने के लिए।
- CO₂ Incubator: बैक्टीरिया और फंगस को विकसित करने के लिए।
- Blood Culture System (BACTEC या BacT/ALERT): बैक्टीरिया की उपस्थिति का पता लगाने के लिए।
- Microscope (Light & Phase Contrast): बैक्टीरिया या फंगस की पहचान के लिए।
- Autoclave Machine: सभी उपकरणों और मीडिया को स्टरलाइज करने के लिए।
- Refrigerator (2-8°C): सैंपल और कल्चर मीडिया को सुरक्षित रखने के लिए।
- Spectrophotometer: बैक्टीरिया की ग्रोथ मापने के लिए।
- PCR Machine (Optional): बैक्टीरिया या वायरस की जीनोम पहचान के लिए।
आवश्यक रसायन और मीडिया:
- Blood Agar: सामान्य बैक्टीरिया के विकास के लिए।
- MacConkey Agar: ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया की जांच के लिए।
- Chocolate Agar: Haemophilus influenzae और Neisseria बैक्टीरिया के लिए।
- Sabouraud Dextrose Agar (SDA): फंगल संक्रमण की जांच के लिए।
- Thioglycollate Broth: ऑक्सीजन रहित बैक्टीरिया (Anaerobic Bacteria) के लिए।
- Brain Heart Infusion (BHI) Broth: बैक्टीरिया और फंगस के विकास को बढ़ाने के लिए।
- Gram Stain Reagents (Crystal Violet, Iodine, Alcohol, Safranin): बैक्टीरिया की पहचान के लिए।
- Ziehl-Neelsen Stain (ZN Stain): Mycobacterium tuberculosis की पहचान के लिए।
- India Ink Stain: Cryptococcus neoformans (फंगल संक्रमण) की जांच के लिए।
- Catalase & Coagulase Reagents: बैक्टीरिया की पहचान के लिए।
- Oxidase Reagent: बैक्टीरिया के ऑक्सीडेज परीक्षण के लिए।
- API Test Kits: बैक्टीरिया की विस्तृत पहचान के लिए।
- Antibiotic Discs (Kirby-Bauer Method): एंटीबायोटिक सेंसिटिविटी टेस्ट करने के लिए।
इन सभी मशीनों और रसायनों का उपयोग करके फ्लूइड कल्चर टेस्ट किया जाता है, जिससे बैक्टीरिया, वायरस और फंगस की पहचान की जाती है और सही एंटीबायोटिक दवा चुनी जाती है।
फ्लूइड कल्चर (Body Fluid Culture) टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझें?
फ्लूइड कल्चर टेस्ट की रिपोर्ट यह बताती है कि शरीर के तरल पदार्थ (CSF, Pleural Fluid, Peritoneal Fluid, आदि) में किसी बैक्टीरिया, वायरस या फंगस का संक्रमण है या नहीं। रिपोर्ट में सूक्ष्मजीवों की पहचान, उनकी संख्या और कौन-सा एंटीबायोटिक प्रभावी होगा, इसकी जानकारी दी जाती है।
1. रिपोर्ट में दिखने वाले प्रमुख भाग और उनकी व्याख्या
A. सैंपल की जानकारी (Sample Information)
- सैंपल का प्रकार: CSF, Pleural Fluid, Ascitic Fluid, आदि।
- सैंपल कलेक्शन की विधि: Lumbar Puncture, Thoracentesis, आदि।
- रिपोर्ट जनरेशन की तारीख।
B. माइक्रोस्कोपिक परीक्षा (Microscopic Examination)
- Gram Stain Result: बैक्टीरिया मौजूद हैं या नहीं, यह दर्शाता है।
- Gram Positive Bacteria: Staphylococcus aureus, Streptococcus pneumoniae आदि।
- Gram Negative Bacteria: E. coli, Klebsiella pneumoniae, Pseudomonas aeruginosa आदि।
- Acid-Fast Bacilli (AFB) Stain: Mycobacterium tuberculosis की उपस्थिति की जांच।
- India Ink Test: Cryptococcus neoformans (फंगल संक्रमण) की पुष्टि।
- WBC Count: संक्रमण की तीव्रता दर्शाने के लिए सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) की संख्या।
C. कल्चर रिपोर्ट (Culture Findings)
- Growth: बैक्टीरिया या फंगस की वृद्धि हुई या नहीं।
- No Growth: संक्रमण नहीं मिला।
- Growth Detected: संक्रमण मौजूद है।
- Colony Forming Units (CFU/ml): बैक्टीरिया की संख्या बताता है।
- <10³ CFU/ml: नगण्य संक्रमण।
- 10³ – 10⁵ CFU/ml: संदेहास्पद संक्रमण, अन्य परीक्षण की आवश्यकता।
- >10⁵ CFU/ml: महत्वपूर्ण संक्रमण।
D. बैक्टीरिया/फंगस की पहचान (Organism Identification)
- रिपोर्ट में बैक्टीरिया/फंगस का नाम लिखा होगा, जैसे:
- Escherichia coli
- Staphylococcus aureus
- Candida albicans
E. एंटीबायोटिक सेंसिटिविटी टेस्ट (Antibiotic Sensitivity Test – AST)
- यह दर्शाता है कि बैक्टीरिया किस एंटीबायोटिक के प्रति संवेदनशील (Sensitive) या प्रतिरोधी (Resistant) है।
- S (Sensitive): यह एंटीबायोटिक संक्रमण के इलाज में प्रभावी होगा।
- R (Resistant): बैक्टीरिया इस एंटीबायोटिक से प्रभावित नहीं होगा।
- I (Intermediate): यह एंटीबायोटिक सीमित रूप से प्रभावी हो सकता है।
- उदाहरण:
- Amikacin (S) → बैक्टीरिया इस एंटीबायोटिक से मारा जाएगा।
- Ceftriaxone (R) → यह दवा प्रभावी नहीं होगी।
2. रिपोर्ट को कैसे पढ़ें और समझें?
स्थिति 1: नेगेटिव रिपोर्ट (No Growth/Negative Report)
- यदि रिपोर्ट में लिखा हो “No Growth after 48 hours” या “No Organism Detected”, तो इसका मतलब संक्रमण नहीं पाया गया।
- यदि लक्षण बने रहते हैं, तो डॉक्टर अन्य परीक्षण (PCR, Serology) की सलाह दे सकते हैं।
स्थिति 2: पॉजिटिव रिपोर्ट (Growth Detected/Positive Report)
- यदि बैक्टीरिया या फंगस की ग्रोथ हुई है, तो रिपोर्ट में उसके नाम और संख्या का जिक्र होगा।
- एंटीबायोटिक सेंसिटिविटी टेस्ट (AST) के अनुसार, डॉक्टर उपयुक्त दवा देंगे।
स्थिति 3: संदिग्ध रिपोर्ट (Doubtful or Contaminated Sample)
- यदि बैक्टीरिया की मात्रा कम (10³ – 10⁵ CFU/ml) हो, तो रिपोर्ट अस्पष्ट हो सकती है।
- ऐसे मामलों में डॉक्टर सैंपल दोबारा लेने की सलाह दे सकते हैं।
3. रिपोर्ट देखने के बाद अगला कदम
- अगर रिपोर्ट नेगेटिव है: संक्रमण की संभावना कम है, लेकिन यदि लक्षण बने रहते हैं, तो डॉक्टर अन्य टेस्ट (PCR, CT Scan) करवा सकते हैं।
- अगर रिपोर्ट पॉजिटिव है: डॉक्टर उचित एंटीबायोटिक/एंटीफंगल/एंटीवायरल दवा शुरू करेंगे।
- अगर रिपोर्ट अस्पष्ट है: पुनः टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
फ्लूइड कल्चर रिपोर्ट संक्रमण की उपस्थिति, उसकी गंभीरता और उपयुक्त उपचार का निर्धारण करने में मदद करती है। रिपोर्ट को सही ढंग से पढ़ने और समझने के लिए माइक्रोस्कोपिक परीक्षा, कल्चर ग्रोथ, बैक्टीरिया की पहचान और एंटीबायोटिक सेंसिटिविटी टेस्ट को ध्यान से देखना जरूरी है।