Beta-HCG Test

Beta-HCG Test: To confirm pregnancy and identify some types of cancer.

Beta-HCG Test: गर्भावस्था की पुष्टि और कुछ प्रकार के कैंसर की पहचान के लिए।—

Beta-HCG Test: गर्भावस्था की पुष्टि और कुछ प्रकार के कैंसर की पहचान के लिए

यह टेस्ट क्यों किया जाता है?

Beta-HCG (Human Chorionic Gonadotropin) टेस्ट मुख्य रूप से गर्भावस्था की पुष्टि करने के लिए किया जाता है। यह हार्मोन गर्भधारण के कुछ दिनों बाद प्लेसेंटा (अस्थायी गर्भनाल) द्वारा उत्पादित किया जाता है और इसे रक्त या मूत्र में मापा जा सकता है।

इसके अलावा, यह टेस्ट कुछ प्रकार के कैंसर (जैसे अंडाशय, वृषण (Testicular) और ट्रॉफोब्लास्टिक कैंसर) की पहचान और निगरानी के लिए भी उपयोग किया जाता है।

इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?

  1. गर्भावस्था:
    • गर्भधारण की पुष्टि और भ्रूण के सामान्य विकास का आकलन।
    • असामान्य गर्भावस्था (जैसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी, मिसकैरेज) का पता लगाना।
  2. गर्भाशय और प्लेसेंटा से जुड़े रोग:
    • गर्भाशय मोलर प्रेग्नेंसी (Hydatidiform Mole): एक असामान्य गर्भधारण जिसमें भ्रूण विकसित नहीं होता।
    • गेस्टेशनल ट्रॉफोब्लास्टिक डिजीज (GTD): एक दुर्लभ कैंसर जिसमें प्लेसेंटा की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं।
  3. वृषण (Testicular) कैंसर:
    • HCG का उच्च स्तर पुरुषों में वृषण कैंसर का संकेत हो सकता है।
  4. अंडाशय (Ovarian) कैंसर:
    • महिलाओं में ओवरी कैंसर के निदान में सहायक।
  5. पाचन तंत्र से जुड़े कुछ कैंसर:
    • कुछ मामलों में पैंक्रियास, पेट और लिवर के कैंसर में भी Beta-HCG का स्तर बढ़ सकता है।

यह टेस्ट कैसे किया जाता है?

Beta-HCG टेस्ट को दो तरीकों से किया जा सकता है:

  1. रक्त परीक्षण (Serum Beta-HCG Test):
    • ब्लड सैंपल लिया जाता है और इसे प्रयोगशाला में विश्लेषण किया जाता है।
    • यह ज्यादा सटीक होता है और HCG का स्तर नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (ng/mL) में मापा जाता है।
  2. मूत्र परीक्षण (Urine Beta-HCG Test):
    • घरेलू प्रेग्नेंसी किट (Pregnancy Test Kit) से किया जाता है।
    • मूत्र में HCG की मौजूदगी की जांच की जाती है।
    • कम संवेदनशील होता है और ब्लड टेस्ट की तुलना में देरी से परिणाम देता है।

इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?

  1. ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) Analyzer – Beta-HCG को मापने के लिए।
  2. Chemiluminescent Immunoassay (CLIA) Analyzer – सटीक और तेज़ परिणाम के लिए।
  3. Fluorescent Immunoassay (FIA) Analyzer – मूत्र और रक्त में HCG स्तर की जांच करने के लिए।
  4. Point-of-Care (POC) Pregnancy Test Kits – घर पर प्रेग्नेंसी चेक करने के लिए।

टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?

  1. Monoclonal Anti-HCG Antibodies – HCG को पहचानने के लिए।
  2. HRP (Horseradish Peroxidase) Conjugate – टेस्ट सिग्नल को बढ़ाने के लिए।
  3. Chromogenic Substrate (TMB – Tetramethylbenzidine) – रंग परिवर्तन के लिए।
  4. Buffer Solutions (Phosphate Buffered Saline – PBS) – सैंपल को स्थिर रखने के लिए।
  5. Lateral Flow Strips (Pregnancy Kits में) – मूत्र में HCG की पहचान के लिए।

टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?

Beta-HCG का स्तर IU/L (International Units per Liter) या mIU/mL (Milli-International Units per Milliliter) में मापा जाता है।

गर्भावस्था की स्थिति में Beta-HCG स्तर:

  • 0 – 5 mIU/mL: सामान्य, गर्भावस्था नहीं।
  • 5 – 25 mIU/mL: अस्पष्ट, कुछ दिनों बाद फिर से टेस्ट किया जाता है।
  • 25+ mIU/mL: गर्भावस्था की पुष्टि।
  • पहली तिमाही में: HCG का स्तर 5,000 – 200,000 mIU/mL तक हो सकता है।

अगर Beta-HCG बढ़ा हुआ हो लेकिन गर्भावस्था न हो:

  • वृषण या अंडाशय कैंसर का संकेत।
  • ट्रोफोब्लास्टिक रोग या मोलर प्रेग्नेंसी।
  • कुछ दुर्लभ कैंसर (पैंक्रियास, पेट, लिवर, फेफड़े)।

उदाहरण:

  1. अगर किसी महिला का Beta-HCG 100,000 mIU/mL आता है, तो वह गर्भावस्था के पहले तिमाही में हो सकती है।
  2. अगर किसी पुरुष में Beta-HCG का स्तर 50 mIU/mL पाया जाता है, तो यह वृषण कैंसर का संकेत हो सकता है।
  3. अगर किसी महिला का Beta-HCG 5 mIU/mL है और उसे पीरियड मिस हो गए हैं, तो उसे दोबारा टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है।

बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव

1. गर्भावस्था:

  • यदि Beta-HCG का स्तर सामान्य रूप से बढ़ रहा है, तो यह स्वस्थ गर्भावस्था का संकेत है।
  • यदि स्तर कम हो रहा है या असामान्य है, तो एक्टोपिक प्रेग्नेंसी या मिसकैरेज की संभावना हो सकती है।

2. वृषण और अंडाशय कैंसर का उपचार:

  • सर्जरी: कैंसरयुक्त अंग को हटाने के लिए।
  • कीमोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए।
  • रेडियोथेरेपी: कैंसर को फैलने से रोकने के लिए।
  • HCG स्तर की निगरानी: इलाज के प्रभाव को देखने के लिए।

3. मोलर प्रेग्नेंसी (Hydatidiform Mole) का उपचार:

  • डी एंड सी (Dilation and Curettage): गर्भाशय से असामान्य ऊतक हटाने के लिए।
  • HCG स्तर को नियमित रूप से मॉनिटर करना।

4. ट्रॉफोब्लास्टिक डिजीज का उपचार:

  • Methotrexate या अन्य कीमोथेरेपी दवाएं।
  • Beta-HCG स्तर को नियमित रूप से चेक करना।

निष्कर्ष

Beta-HCG टेस्ट मुख्य रूप से गर्भावस्था की पुष्टि के लिए किया जाता है, लेकिन यह वृषण, अंडाशय और अन्य प्रकार के कैंसर का पता लगाने में भी मदद करता है।

अगर कोई महिला गर्भधारण की योजना बना रही है या उसे पीरियड मिस हो गए हैं, तो उसे यह टेस्ट करवाना चाहिए।
अगर किसी पुरुष में Beta-HCG का स्तर बढ़ा हुआ है, तो वृषण कैंसर की संभावना की जांच के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

यह टेस्ट गर्भावस्था की निगरानी, कैंसर की पहचान और उपचार की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए एक महत्वपूर्ण डायग्नोस्टिक टूल है।

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