Anti-dsDNA Test: To confirm lupus (SLE – Systemic Lupus Erythematosus).
Anti-dsDNA Test: ल्यूपस (SLE – Systemic Lupus Erythematosus) की पुष्टि के लिए।
Anti-dsDNA टेस्ट: ल्यूपस (SLE) की पुष्टि के लिए
यह टेस्ट क्यों किया जाता है?
Anti-dsDNA (Anti-double stranded DNA) टेस्ट का उपयोग सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (SLE) की पुष्टि करने के लिए किया जाता है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से अपने ही डीएनए (DNA) पर हमला करती है, जिससे सूजन और अंगों को नुकसान होता है। ANA (Antinuclear Antibody) टेस्ट अगर पॉजिटिव आता है, तो Anti-dsDNA टेस्ट से यह सुनिश्चित किया जाता है कि मरीज को SLE है या नहीं।
इस टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?
- Systemic Lupus Erythematosus (SLE) – यह मुख्य रूप से त्वचा, किडनी, जोड़ों, दिल और दिमाग को प्रभावित करता है।
- Lupus Nephritis – SLE का एक गंभीर रूप, जिसमें किडनी प्रभावित होती है।
- अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां – हालांकि यह टेस्ट SLE के लिए अधिक विशिष्ट (specific) है, लेकिन कुछ अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों में भी Anti-dsDNA एंटीबॉडी देखी जा सकती हैं।
यह टेस्ट कैसे किया जाता है?
- ब्लड सैंपल लिया जाता है
- नस (Vein) से ब्लड निकालकर सीरम या प्लाज्मा को अलग किया जाता है।
- टेस्टिंग मेथड्स
- ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) – Anti-dsDNA एंटीबॉडी की मात्रा मापने के लिए।
- IFA (Indirect Immunofluorescence Assay) – क्रिथिडिया ल्यूसिलिया (Crithidia luciliae) नामक परजीवी के माध्यम से एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है।
- Farr Radioimmunoassay (Farr RIA) – उच्च सटीकता के लिए उपयोग किया जाता है।
इस टेस्ट को करने के लिए कौन सी मशीनों का उपयोग किया जाता है?
- ELISA Reader & Washer – एंटीबॉडी की पहचान और मापन के लिए।
- Fluorescence Microscope – IFA टेस्ट के लिए।
- Centrifuge Machine – ब्लड से सीरम को अलग करने के लिए।
- Biosafety Cabinet – ब्लड सैंपल को सुरक्षित तरीके से हैंडल करने के लिए।
- Gamma Counter (RIA के लिए) – रेडियोइम्यूनोएस्से में उपयोग किया जाता है।
टेस्ट को करने के लिए कौन से रसायनों की जरूरत होती है?
- Anti-Human IgG Fluorescent Antibody – IFA टेस्ट के लिए।
- Crithidia luciliae Substrate Slides – Indirect Immunofluorescence Assay में।
- ELISA Coated Plates with dsDNA Antigen – ELISA टेस्ट में।
- Tetramethylbenzidine (TMB) Substrate – कलर डिटेक्शन के लिए।
- Stop Solution (Sulfuric Acid) – रिएक्शन रोकने के लिए।
- Phosphate Buffered Saline (PBS) – वॉशिंग और रिएक्शन को स्थिर रखने के लिए।
टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझाया और पढ़ा जाता है?
- Negative Result (Anti-dsDNA नहीं मिला)
- व्यक्ति को ल्यूपस नहीं है।
- उदाहरण: Anti-dsDNA Negative (<10 IU/mL) – No lupus detected
- Low to Moderate Positive Result (10-100 IU/mL)
- व्यक्ति में SLE होने की संभावना है, लेकिन अन्य परीक्षणों की भी जरूरत है।
- उदाहरण: Anti-dsDNA Low Positive (35 IU/mL) – Borderline lupus diagnosis
- High Positive Result (>100 IU/mL)
- SLE की पुष्टि होती है, खासकर अगर मरीज में SLE के अन्य लक्षण भी मौजूद हैं।
- गंभीर मामलों में, यह Lupus Nephritis (किडनी पर असर) का संकेत हो सकता है।
- उदाहरण: Anti-dsDNA High Positive (250 IU/mL) – Confirmed lupus with kidney involvement
उदाहरण:
केस 1:
- एक 30 वर्षीय महिला को त्वचा पर चकत्ते, जोड़ों में सूजन और बार-बार थकान हो रही थी।
- डॉक्टर ने ANA टेस्ट करवाया, जो पॉजिटिव आया।
- फिर Anti-dsDNA टेस्ट करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट 150 IU/mL थी।
- उसे Systemic Lupus Erythematosus (SLE) डायग्नोज हुआ।
केस 2:
- एक 25 वर्षीय पुरुष को बार-बार यूरिन में प्रोटीन आने की समस्या हो रही थी।
- डॉक्टर ने Anti-dsDNA टेस्ट करवाया, जिसकी रिपोर्ट 300 IU/mL थी।
- उसे Lupus Nephritis डायग्नोज हुआ और इलाज शुरू किया गया।
बीमारी के उपचार के बारे में सुझाव
- SLE (ल्यूपस) का उपचार:
- NSAIDs (Ibuprofen, Naproxen) – सूजन और दर्द को कम करने के लिए।
- Corticosteroids (Prednisone) – इम्यून प्रतिक्रिया को दबाने के लिए।
- Antimalarial Drugs (Hydroxychloroquine – Plaquenil) – ल्यूपस के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए।
- Immunosuppressants (Methotrexate, Mycophenolate, Azathioprine) – इम्यून सिस्टम की अधिक गतिविधि को कम करने के लिए।
- Biologic Drugs (Belimumab, Rituximab) – गंभीर मामलों में उपयोग किया जाता है।
- Lupus Nephritis (किडनी पर असर) का उपचार:
- High-Dose Steroids – सूजन को कम करने के लिए।
- Cyclophosphamide, Mycophenolate Mofetil (CellCept) – किडनी की सुरक्षा के लिए।
- ACE Inhibitors (Lisinopril, Enalapril) – ब्लड प्रेशर और किडनी प्रोटेक्शन के लिए।
- रोग से बचाव के उपाय:
- धूप से बचाव (सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें)।
- संतुलित आहार लें (ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट युक्त भोजन)।
- तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन और योग करें।
- नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लें।
निष्कर्ष
Anti-dsDNA टेस्ट ल्यूपस (SLE) की पुष्टि के लिए सबसे महत्वपूर्ण परीक्षणों में से एक है। अगर यह पॉजिटिव आता है, तो इसका मतलब है कि मरीज को SLE या Lupus Nephritis हो सकता है। ट्रीटमेंट में स्टेरॉयड, इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं और बायोलॉजिक्स का उपयोग किया जाता है। यदि सही समय पर इलाज न मिले, तो यह बीमारी किडनी, दिल और दिमाग को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।