हड़प्पा सभ्यता: संपूर्ण जानकारी
परिचय:
हड़प्पा सभ्यता, जिसे सिंधु घाटी सभ्यता भी कहा जाता है, विश्व की सबसे प्राचीन नगर सभ्यताओं में से एक थी। यह सभ्यता 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व के बीच अपने चरम पर थी और इसे कांस्य युग की सभ्यता कहा जाता है।
1. हड़प्पा सभ्यता की खोज और खोजकर्ता
इस सभ्यता की खोज 1921 ई. में भारतीय पुरातत्वविद दयाराम साहनी ने की थी। हड़प्पा स्थल की खोज के एक साल बाद, 1922 ई. में राखालदास बनर्जी ने मोहनजोदड़ो की खोज की। यह सभ्यता 1856 में ब्रिटिश इंजीनियरों को तब पहली बार ज्ञात हुई, जब वे लाहौर और कराची के बीच रेलवे लाइन बिछा रहे थे और पुरानी ईंटों का उपयोग कर रहे थे।
2. हड़प्पा सभ्यता का भौगोलिक विस्तार
यह सभ्यता पश्चिम में बलूचिस्तान (पाकिस्तान) से लेकर पूर्व में उत्तर प्रदेश के आलमगीरपुर तक फैली थी।
उत्तर में जम्मू-कश्मीर के मांडा से लेकर दक्षिण में गुजरात के रंगपुर तक इसका विस्तार था।
इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 13 लाख वर्ग किमी था, जो आधुनिक भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में फैला हुआ था।
3. हड़प्पा सभ्यता के महत्वपूर्ण स्थल और खोजकर्ता
- हड़प्पा (पंजाब, पाकिस्तान) – खोजकर्ता दयाराम साहनी (1921)
- मोहनजोदड़ो (सिंध, पाकिस्तान) – खोजकर्ता राखालदास बनर्जी (1922)
- चन्हुदड़ो (सिंध, पाकिस्तान) – खोजकर्ता नॉरमन गार्डन
- कालीबंगा (राजस्थान, भारत) – खोजकर्ता अमलानंद घोष
- लोथल (गुजरात, भारत) – खोजकर्ता एस.आर. राव
- धोलावीरा (गुजरात, भारत) – खोजकर्ता जे.पी. जोशी
- राखीगढ़ी (हरियाणा, भारत) – खोजकर्ता एस.एन. राजगुरु
4. हड़प्पा सभ्यता से जुड़े महत्वपूर्ण शब्द और उनकी व्याख्या
- मोहनजोदड़ो: इसका अर्थ है “मृतकों का टीला”, यह हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा शहर था।
- विशाल स्नानागार: मोहनजोदड़ो में मिला, जिसे धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग किया जाता था।
- नगर नियोजन: यह सभ्यता ग्रिड प्रणाली पर आधारित थी, जहाँ सड़कों को सीधा बनाया गया था।
- द्वारहीन घर: घरों के दरवाजे मुख्य सड़कों के बजाय गलियों की ओर खुलते थे।
- सिंधु लिपि: यह सभ्यता अपनी चित्रात्मक लिपि का उपयोग करती थी, जिसे आज तक पढ़ा नहीं जा सका है।
- मृण्मूर्ति कला: टेराकोटा की मूर्तियाँ, विशेषकर मातृदेवी की मूर्तियाँ पाई गईं।
5. हड़प्पा सभ्यता से संबंधित प्रमुख ग्रंथ और लेखक
- The Indus Civilization – जॉन मार्शल
- The Indus Valley Civilization – मोर्टिमर व्हीलर
- Ancient Cities of the Indus Valley Civilization – ग्रेगरी पॉस्सेल
- The Lost River: On the Trail of the Sarasvati – माइकल डैनिनो
6. हड़प्पा सभ्यता की खुदाई में प्राप्त प्रमुख वस्तुएँ और सामान्य ज्ञान
- नगर नियोजन और निर्माण:
- हड़प्पा और मोहनजोदड़ो नगर गणितीय ग्रिड प्रणाली पर बने थे।
- सड़कों की चौड़ाई और सीधी बनावट उन्नत नगर नियोजन को दर्शाती है।
- ईंटों का निर्माण 1:2:4 अनुपात में किया गया था।
- विशाल स्नानागार:
- यह मोहनजोदड़ो में मिला और 27.4 मीटर लंबा तथा 7 मीटर चौड़ा था।
- इसे धार्मिक अनुष्ठानों और स्नान के लिए उपयोग किया जाता था।
- अनाज भंडार (Granary):
- यह हड़प्पा और मोहनजोदड़ो में मिला, जिससे पता चलता है कि यहाँ संगठित खाद्य भंडारण प्रणाली थी।
- मूर्ति कला:
- नर्तकी की कांस्य मूर्ति: यह मोहनजोदड़ो से मिली, जो खोखली ढलाई विधि से बनी थी।
- राजा की मूर्ति: यह एक पुरुष की मूर्ति है, जो दाढ़ी वाला और राजसी परिधान में है।
- मातृदेवी की मूर्तियाँ: टेराकोटा से बनी ये मूर्तियाँ मातृसत्ता समाज की ओर संकेत करती हैं।
- मुद्राएँ:
- हड़प्पा की मुद्राएँ मुख्यतः स्टियेटाइट (Soapstone) से बनी थीं।
- पशुपति महादेव की मुद्रा: इसमें तीन मुख और चार पशुओं (गाय, हाथी, गैंडा, भैंस) के साथ एक योगी जैसी आकृति बनी है।
- यूनिकॉर्न मुद्रा: एक सींग वाले जानवर की आकृति दर्शाती है।
- धातु कला:
- यहाँ के लोग तांबा, कांसा, सोना और चांदी का उपयोग करते थे।
- लोहा इस सभ्यता में प्रयोग नहीं किया जाता था।
- खेती और पशुपालन:
- प्रमुख फसलें गेहूँ, जौ, सरसों, मटर और कपास थीं।
- भारत में सबसे पहले कपास की खेती हड़प्पा सभ्यता में हुई थी।
- लोग बैल, भेड़, बकरी, कुत्ते और हाथी पालते थे।
- जल निकासी प्रणाली:
- घरों में नालियाँ थीं, जिनका पानी मुख्य नालियों में बहाया जाता था।
- हड़प्पा सभ्यता की जल निकासी प्रणाली विश्व की सबसे उन्नत प्रणालियों में से एक थी।
7. हड़प्पा सभ्यता से जुड़े महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान तथ्य (प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी)
- हड़प्पा सभ्यता विश्व की पहली शहरी सभ्यता थी।
- हड़प्पा सभ्यता में लोहा अनुपस्थित था।
- खोखली ढलाई विधि (Lost-wax method) से नर्तकी की मूर्ति बनाई गई थी।
- मोहनजोदड़ो का विशाल स्नानागार जल प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण था।
- लोथल में एक डॉकयार्ड मिला है, जो यह दर्शाता है कि हड़प्पा सभ्यता समुद्री व्यापार करती थी।
- कालीबंगा में जले हुए खेतों के प्रमाण मिले हैं, जिससे कृषि जलने की प्रक्रिया का संकेत मिलता है।
- सिंधु लिपि को अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है।
- राखीगढ़ी हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल है, जो हरियाणा में स्थित है।
निष्कर्ष
हड़प्पा सभ्यता एक विकसित नगर सभ्यता थी, जो अपनी नगर योजना, जल निकासी प्रणाली, व्यापारिक संबंधों, कला और धर्म के लिए प्रसिद्ध थी। इस सभ्यता की खुदाई से प्राप्त अवशेष यह दर्शाते हैं कि यह सभ्यता अत्यधिक संगठित और वैज्ञानिक थी। हालाँकि, इसका पतन अचानक हुआ, जिसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं, जैसे जलवायु परिवर्तन, बाढ़, आक्रमण या नदियों का मार्ग परिवर्तन।
प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से हड़प्पा सभ्यता से जुड़े प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं, इसलिए इसके स्थलों, खोजकर्ताओं, प्राप्त अवशेषों और उनके महत्त्व को ध्यान में रखना आवश्यक है।