भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष और राष्ट्रीय आंदोलन एक लंबी प्रक्रिया थी, जो विभिन्न चरणों में विकसित हुई। यह आंदोलन 1857 के विद्रोह से लेकर 1947 में भारत की स्वतंत्रता तक चला। इसमें कई व्यक्तियों, संगठनों और आंदोलनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का आरंभ और विकास
- प्रारंभिक चरण (1857 – 1885)
- 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहला बड़ा विद्रोह था।
- मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, नाना साहिब, बहादुर शाह जफर जैसे नेताओं ने इसमें भाग लिया।
- यह संग्राम असफल रहा, लेकिन इसने स्वतंत्रता आंदोलन की नींव रखी।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (1885)
- 28 दिसंबर 1885 को ए. ओ. ह्यूम ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना की।
- प्रारंभ में कांग्रेस का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार से संवैधानिक सुधार की मांग करना था।
- दादा भाई नौरोजी, सुरेंद्रनाथ बनर्जी, गोपाल कृष्ण गोखले, बाल गंगाधर तिलक जैसे नेता कांग्रेस से जुड़े।
- 1905 का बंगाल विभाजन और स्वदेशी आंदोलन
- 1905 में लॉर्ड कर्ज़न ने बंगाल को हिंदू और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में विभाजित किया।
- इसके विरोध में स्वदेशी आंदोलन शुरू हुआ, जिसमें विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया गया।
- इस आंदोलन में बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल, लाला लाजपत राय ने नेतृत्व किया।
- होम रूल आंदोलन (1916)
- एनी बेसेंट और बाल गंगाधर तिलक ने भारत में स्वशासन (Home Rule) की मांग को लेकर यह आंदोलन चलाया।
- इस आंदोलन ने भारतीयों में स्वतंत्रता के प्रति जागरूकता बढ़ाई।
- जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919)
- 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में जनरल डायर ने निहत्थे लोगों पर गोलियां चलवाईं।
- इस घटना के बाद गांधीजी ने असहयोग आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया।
- असहयोग आंदोलन (1920 – 1922)
- महात्मा गांधी के नेतृत्व में यह आंदोलन ब्रिटिश शासन के खिलाफ असहयोग और अहिंसा पर आधारित था।
- सरकारी नौकरियों, स्कूलों और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार किया गया।
- 1922 में चौरी-चौरा कांड के बाद गांधीजी ने यह आंदोलन वापस ले लिया।
- साइमन कमीशन का विरोध (1928)
- 1928 में भारत में आए साइमन कमीशन का विरोध हुआ क्योंकि इसमें कोई भारतीय सदस्य नहीं था।
- लाला लाजपत राय ने इसका विरोध किया और पुलिस लाठीचार्ज में घायल होकर शहीद हो गए।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930)
- महात्मा गांधी ने 1930 में दांडी मार्च कर नमक कानून तोड़ा।
- इस आंदोलन में पूरे देश में ब्रिटिश कानूनों का विरोध किया गया।
- भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
- 8 अगस्त 1942 को गांधीजी ने “भारत छोड़ो” आंदोलन की शुरुआत की।
- गांधीजी ने “करो या मरो” का नारा दिया।
- इस आंदोलन के कारण ब्रिटिश सरकार पर भारत को स्वतंत्र करने का दबाव बढ़ा।
- स्वतंत्रता और भारत विभाजन (1947)
- 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ।
- पाकिस्तान और भारत दो अलग-अलग देशों के रूप में बने।
- जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के परिणाम
- ब्रिटिश शासन समाप्त हुआ और भारत स्वतंत्र राष्ट्र बना।
- लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की स्थापना हुई।
- 26 जनवरी 1950 को भारत गणराज्य बना और संविधान लागू हुआ।
- भारत-पाकिस्तान का विभाजन हुआ, जिससे लाखों लोगों का विस्थापन और हिंसा हुई।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम केवल राजनीतिक आंदोलन नहीं था, बल्कि यह सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का भी प्रतीक था।