वेद

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वेद: भारतीय ज्ञान परंपरा का मूल स्रोत

परिचय

वेद भारतीय संस्कृति और सभ्यता के सबसे प्राचीन और पवित्र ग्रंथ हैं। इन्हें “अपौरुषेय” (अमानव-रचित) माना जाता है, जिसका अर्थ है कि वेद किसी व्यक्ति विशेष द्वारा नहीं लिखे गए बल्कि ऋषियों ने गहन ध्यान और साधना द्वारा इनका ज्ञान प्राप्त किया। वेदों को श्रुति कहा जाता है, क्योंकि यह ज्ञान गुरु-शिष्य परंपरा के माध्यम से मौखिक रूप से पीढ़ी-दर-पीढ़ी संकलित हुआ। इनकी भाषा संस्कृत है और इन्हें संपूर्ण विश्व में प्राचीनतम साहित्य के रूप में मान्यता प्राप्त है।

वेदों को चार भागों में विभाजित किया गया है:

  1. ऋग्वेद – ज्ञान का वेद
  2. यजुर्वेद – यज्ञ और अनुष्ठान का वेद
  3. सामवेद – संगीत और भक्ति का वेद
  4. अथर्ववेद – चिकित्सा, जादू-टोना और रहस्यवाद का वेद

वेदों का वर्गीकरण

1. ऋग्वेद – (ज्ञान का वेद)

  • यह सबसे प्राचीन वेद है और इसे भारतीय संस्कृति का आधार माना जाता है।
  • इसमें कुल 1028 सूक्त (मंत्रों का समूह) हैं, जो 10 मंडलों में विभाजित हैं।
  • इसमें देवताओं की स्तुति की गई है, जैसे – अग्नि, इंद्र, वरुण, सोम, सूर्य, उषा आदि।
  • इसमें ब्रह्मांड की उत्पत्ति, प्राकृतिक घटनाओं और जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला गया है।
  • गायत्री मंत्र (ॐ भूर्भुवः स्वः…) इसी वेद में मिलता है, जिसे सर्वश्रेष्ठ मंत्रों में से एक माना जाता है।
  • इसमें राजाओं, समाज व्यवस्था, युद्ध और कृषि से जुड़ी जानकारी भी मिलती है।

2. यजुर्वेद – (कर्मकांड और यज्ञों का वेद)

  • इसमें यज्ञों, अनुष्ठानों और धार्मिक कर्मकांडों की विधियाँ बताई गई हैं।
  • दो भागों में विभाजित है –
    1. कृष्ण यजुर्वेद – इसमें गद्य और पद्य दोनों का मिश्रण है।
    2. शुक्ल यजुर्वेद – इसमें गद्य (प्रोज़) रूप में स्पष्ट और व्यवस्थित मंत्र दिए गए हैं।
  • इस वेद का उपयोग यज्ञ-हवन में किया जाता है और इसमें ब्राह्मणों, क्षत्रियों और समाज के अन्य वर्गों के कर्तव्यों का भी उल्लेख है।
  • इसमें दान, तपस्या, धर्म, सत्य और अहिंसा के महत्व को भी दर्शाया गया है।

3. सामवेद – (संगीत और भक्ति का वेद)

  • इसे “गान वेद” कहा जाता है क्योंकि इसमें संगीतबद्ध मंत्रों का संकलन है।
  • इसमें 1875 मंत्र हैं, जिनमें से अधिकांश ऋग्वेद से लिए गए हैं।
  • यह भारतीय संगीत और भक्ति परंपरा का आधार माना जाता है।
  • इस वेद का प्रयोग विशेष रूप से सोम यज्ञ में किया जाता था।
  • भारतीय शास्त्रीय संगीत की उत्पत्ति और इसकी प्राचीन राग प्रणालियों की जानकारी इस वेद से मिलती है।

4. अथर्ववेद – (चिकित्सा, तंत्र-मंत्र और रहस्यवाद का वेद)

  • इसमें जादू-टोना, औषधि, रोग निवारण, तंत्र-मंत्र, समाज-व्यवस्था और नीति की बातें बताई गई हैं।
  • इसे “लोक वेद” भी कहा जाता है, क्योंकि यह आम लोगों के जीवन से संबंधित विषयों को दर्शाता है।
  • इसमें भूत-प्रेत, जादू-टोना, श्राप-मुक्ति, स्वास्थ्य और घरेलू उपचारों का वर्णन है।
  • इसमें धर्म, नीति, प्रशासन, विवाह, कृषि, व्यापार और राजनैतिक जीवन की भी जानकारी मिलती है।
  • इस वेद में आयुर्वेद की उत्पत्ति मानी जाती है, जो प्राचीन चिकित्सा विज्ञान का आधार है।

वेदों के छह अंग (षड्वेदांग) क्यों दिए गए हैं?

वेदों को समझने और सही तरीके से उनके अध्ययन, उच्चारण, एवं अनुष्ठानों में उपयोग करने के लिए षड्वेदांग (वेदों के छह अंग) दिए गए हैं। ये वेदों के सहायक ग्रंथ माने जाते हैं, जो वेदों के अर्थ और प्रयोग को स्पष्ट करते हैं।

षड्वेदांग (वेदों के छह अंग) और उनका उद्देश्य:

  1. शिक्षा (Phonetics – उच्चारण विज्ञान)
    • वेद मंत्रों के सही उच्चारण और स्वरों की शुद्धता सिखाने के लिए।
    • प्रमुख ग्रंथ: पाणिनीय शिक्षा, याज्ञवल्क्य शिक्षा
  2. कल्प (Rituals – विधि-विधान)
    • यज्ञ, अनुष्ठान और धार्मिक कर्मकांडों के नियमों की जानकारी के लिए।
    • प्रमुख ग्रंथ: श्रौतसूत्र, गृह्यसूत्र, धर्मसूत्र, शुल्बसूत्र
  3. व्याकरण (Grammar – भाषा विज्ञान)
    • वेदों की भाषा को सही ढंग से समझने और शुद्ध प्रयोग के लिए।
    • प्रमुख ग्रंथ: पाणिनि का अष्टाध्यायी, कात्यायन वार्तिक, पतंजलि का महाभाष्य
  4. निरुक्त (Etymology – शब्द व्युत्पत्ति)
    • वेदों में प्रयुक्त शब्दों के मूल अर्थ और व्याख्या के लिए।
    • प्रमुख ग्रंथ: यास्क का निरुक्त
  5. छंद (Meter – छंदशास्त्र)
    • वेदों के मंत्रों की लयबद्धता, छंद और ताल को समझने के लिए।
    • प्रमुख ग्रंथ: पिंगलाचार्य का छंदशास्त्र
  6. ज्योतिष (Astronomy – वेदांग ज्योतिष)
    • वेदों में वर्णित कालगणना, ग्रह-नक्षत्रों की गणना, शुभ मुहूर्त आदि को समझने के लिए।
    • प्रमुख ग्रंथ: लगध मुनि का वेदांग ज्योतिष

वेदांग क्यों महत्वपूर्ण हैं?

  • वेदों के अध्ययन, अनुष्ठान, और सही उच्चारण को सुनिश्चित करने के लिए।
  • धार्मिक और सामाजिक अनुष्ठानों के नियमों को स्पष्ट करने के लिए।
  • वैदिक भाषा, शब्दों की उत्पत्ति और छंदों की शुद्धता को बनाए रखने के लिए।

रोचक तथ्य:

  • वेदांगों का विकास वैदिक काल (1500-500 ईसा पूर्व) में हुआ।
  • पाणिनि का व्याकरण (अष्टाध्यायी) दुनिया का पहला पूर्ण विकसित व्याकरण ग्रंथ माना जाता है।
  • यास्क का निरुक्त भारत का पहला शब्दकोश है।

ये सभी तथ्य MPPSC परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।


वेदों का महत्व

1. धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

  • वेदों में ब्रह्म, आत्मा, मोक्ष और धर्म के गूढ़ रहस्यों की व्याख्या की गई है।
  • वेदांत दर्शन, उपनिषद और गीता का आधार वेद ही हैं।
  • यज्ञ और मंत्रों के माध्यम से आत्मिक और सामाजिक शुद्धता को बढ़ावा दिया जाता है।

2. वैज्ञानिक दृष्टिकोण

  • वेदों में गणित, खगोलशास्त्र, ज्योतिष, रसायन, औषधि विज्ञान और भौतिकी का उल्लेख मिलता है।
  • ऋग्वेद में ग्रहों और नक्षत्रों की गति का विवरण मिलता है।
  • अथर्ववेद में चिकित्सा और जड़ी-बूटियों का गहरा ज्ञान है।

3. सामाजिक व्यवस्था

  • वेदों में वर्ण व्यवस्था, विवाह, दान, शिक्षा और जीवनशैली का उल्लेख है।
  • स्त्रियों की स्थिति, गुरुकुल शिक्षा प्रणाली और समाज में धर्म का स्थान बताया गया है।

4. राजनीतिक और प्रशासनिक महत्व

  • ऋग्वेद में राजा, सभा और समिति जैसे प्रशासनिक संस्थानों का वर्णन है।
  • राजाओं के कर्तव्य, युद्ध नीति और न्याय व्यवस्था का उल्लेख किया गया है।

वेदों का संरक्षण और अध्ययन

वेदों का संरक्षण आज भी गुरुकुल और पारंपरिक शिक्षण संस्थानों में मौखिक रूप से किया जाता है। आधुनिक समय में विभिन्न शोध संस्थान और विश्वविद्यालय भी वेदों का अध्ययन और अनुवाद कर रहे हैं।


  1. वेद कितने हैं? – चार (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद)।
  2. सबसे प्राचीन वेद कौन सा है? – ऋग्वेद।
  3. ऋग्वेद में कुल कितने सूक्त हैं? – 1028 सूक्त।
  4. ऋग्वेद के कितने मंडल हैं? – 10 मंडल।
  5. गायत्री मंत्र किस वेद में मिलता है? – ऋग्वेद।
  6. यजुर्वेद मुख्य रूप से किससे संबंधित है? – यज्ञ और कर्मकांड।
  7. यजुर्वेद के कितने प्रकार हैं? – दो (शुक्ल यजुर्वेद और कृष्ण यजुर्वेद)।
  8. सामवेद को किसका मूल माना जाता है? – भारतीय संगीत का।
  9. अथर्ववेद में मुख्य रूप से क्या बताया गया है? – चिकित्सा, जादू-टोना, तंत्र-मंत्र।
  10. अथर्ववेद को अन्य क्या नाम दिया जाता है? – “भैषज्य वेद” या “लोक वेद”। भैषज्य” का अर्थ है औषधि या चिकित्सा।
  11. वेदों को किस नाम से भी जाना जाता है? – श्रुति।
  12. वेदों की रचना किस भाषा में हुई? – संस्कृत।
  13. वेदों की व्याख्या को क्या कहते हैं? – ब्राह्मण ग्रंथ।
  14. ऋग्वेद का सबसे बड़ा मंडल कौन सा है? – पहला मंडल।
  15. ऋग्वेद में सबसे छोटे मंडल का नाम क्या है? – दूसरा मंडल।
  16. यजुर्वेद के दो प्रमुख शाखाएँ कौन सी हैं? – माध्यंदिन और काण्व। माध्यंदिन शाखा मुख्यतः उत्तर भारत (मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार) में प्रचलित है, जबकि काण्व शाखा दक्षिण भारत (तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र) में पाई जाती है। माध्यंदिन शाखा अधिक प्रचलित और व्यापक रूप से स्वीकृत है, जबकि काण्व शाखा अपेक्षाकृत कम प्रचलित है। दोनों शाखाओं में कुछ मंत्रों के पाठ और संख्या में अंतर होता है।
  17. सामवेद में कुल कितने मंत्र हैं? – 1875 मंत्र।
  18. सामवेद के कितने शाखाएँ हैं? – दो (कौथुमी और जैमिनी)। कौथुमी और जैमिनी सामवेद की दो प्रमुख शाखाएँ हैं, जिनमें कौथुमी शाखा अधिक प्रचलित है और उत्तर भारत में प्रचलित है, जबकि जैमिनी शाखा मुख्यतः दक्षिण भारत में पाई जाती है। दोनों शाखाओं में मंत्रों के उच्चारण, संख्याओं और पाठ संरचना में कुछ भिन्नताएँ होती हैं।
  19. ऋग्वेद का सबसे बड़ा देवता कौन माना जाता है? – इंद्र।
  20. ऋग्वेद में अग्नि देवता को कितने सूक्त समर्पित हैं? – 200 से अधिक।
  21. अथर्ववेद में कुल कितने सूक्त हैं? – 731 सूक्त।
  22. ऋग्वेद के किस मंडल में सृष्टि के निर्माण का वर्णन है? – दसवें मंडल (नासदीय सूक्त)।
  23. चारों वेदों की शिक्षाओं को संक्षेप में क्या कहा जाता है? – वेदांत।
  24. चारों वेदों का संकलन किसने किया? – महर्षि वेदव्यास।
  25. वेदों की शिक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए कौन से ग्रंथ लिखे गए? – उपनिषद।
  26. भारतीय संगीत का आधार कौन सा वेद माना जाता है? – सामवेद।
  27. अथर्ववेद में किस चिकित्सा पद्धति का उल्लेख है? – आयुर्वेद।
  28. ऋग्वेद में किस नदी को सबसे पवित्र माना गया है? – सरस्वती नदी।
  29. वेदों के संरक्षण के लिए कौन सी प्रणाली अपनाई गई थी? – मौखिक परंपरा (गुरु-शिष्य परंपरा)।
  30. ऋग्वेद के दसवें मंडल में कौन सा प्रसिद्ध मंत्र मिलता है? – पुरुष सूक्त।
  31. ऋग्वेद के किस मंडल में वरुण देवता की स्तुति की गई है? – सातवें मंडल।
  32. अथर्ववेद में किस प्रकार के अनुष्ठानों का उल्लेख है? – विवाह, श्राद्ध, वशीकरण और औषधीय प्रयोग।
  33. गायत्री मंत्र किस ऋषि ने प्रकट किया था? – महर्षि विश्वामित्र।
  34. ऋग्वेद में किस प्रकार के देवताओं की स्तुति की गई है? – प्राकृतिक देवता (अग्नि, इंद्र, सोम, वरुण, आदि)।
  35. वेदों की ऋचाओं को पढ़ने की शैली को क्या कहा जाता है? – पदपाठ और संहितापाठ।
  36. वेदों में लिखित ज्ञान को समझने के लिए कौन से ग्रंथ लिखे गए? – ब्राह्मण ग्रंथ, आरण्यक और उपनिषद।
  37. यजुर्वेद का प्रमुख उद्देश्य क्या है? – यज्ञ-हवन की विधियों का ज्ञान देना।
  38. ऋग्वेद में वर्णित सबसे महत्वपूर्ण नदी कौन सी है? – सरस्वती नदी।
  39. ऋग्वेद में कुल कितने मंत्र हैं? – लगभग 10,600 मंत्र। ऋग्वेद में कुल 1,028 सूक्तियां (हYMNS) और लगभग 10,600 मंत्र (VERSES) हैं, जो 10 मंडलों में विभाजित हैं। यह सबसे प्राचीन वेद है और इसमें देवताओं की स्तुति संबंधी मंत्र संकलित हैं।
  40. अथर्ववेद में प्रमुख रूप से किस विषय पर जोर दिया गया है? – रोग निवारण और जादू-टोना।
  41. ऋग्वेद का सबसे छोटा मंडल कौन सा है? – दूसरा मंडल।
  42. महर्षि वेदव्यास का मूल नाम क्या था? – कृष्ण द्वैपायन।
  43. अथर्ववेद का उपयोग प्राचीन काल में किस उद्देश्य के लिए किया जाता था? – चिकित्सा और तंत्र-मंत्र।
  44. यजुर्वेद का उपयोग मुख्य रूप से किसके लिए होता था? – यज्ञ और अनुष्ठानों में।
  45. सामवेद के मंत्रों को किस प्रकार गाया जाता था? – संगीतबद्ध रूप में।
  46. ऋग्वेद में कुल कितने श्लोक हैं? – लगभग 10,600।
  47. ऋग्वेद के किस मंडल में उषा देवी का वर्णन है? – सातवें मंडल।
  48. ऋग्वेद के किस मंडल में विवाह संबंधी मंत्र मिलते हैं? – दसवें मंडल।
  49. ऋग्वेद में वर्णित सबसे प्रमुख देवता कौन हैं? – इंद्र, अग्नि, वरुण, सोम।
  50. चारों वेदों की भाषा कौन सी है? – वैदिक संस्कृत।
  51. वेदों को किसने लिखा? – वेद लिखे नहीं गए, बल्कि महर्षियों ने उन्हें सुना और स्मरण किया (श्रुति परंपरा)।
  52. ऋग्वेद में कुल कितने अध्याय हैं? – 10 मंडल, 85 अनुवाक, 1028 सूक्त।
  53. ऋग्वेद में सबसे अधिक मंत्र किस देवता के लिए हैं? – इंद्र (लगभग 250 मंत्र)।
  54. अथर्ववेद में किस विषय पर विशेष ध्यान दिया गया है? – रोग, तंत्र-मंत्र, श्राप, और औषधि।
  55. ऋग्वेद में ‘नासदीय सूक्त’ क्या बताता है? – सृष्टि की उत्पत्ति का रहस्य।
  56. गायत्री मंत्र कितने अक्षरों का होता है? – 24 अक्षर।
  57. गायत्री मंत्र में किस देवी की स्तुति की गई है? – सावित्री देवी।
  58. यजुर्वेद में किस प्रकार के यज्ञों का वर्णन किया गया है? – अश्वमेध यज्ञ, राजसूय यज्ञ, सोमयज्ञ।
  59. सामवेद को वैदिक संगीत का जनक क्यों कहा जाता है? – इसमें ऋग्वेद के मंत्रों को सुर में गाने की परंपरा थी।
  60. ऋग्वेद में ‘सोम’ क्या है? – एक पवित्र पौधा, जिससे एक विशेष पेय तैयार किया जाता था।
  61. ऋग्वेद के किस मंडल में विवाह संबंधी विधियों का वर्णन है? – दसवें मंडल में।
  62. ‘पुरुष सूक्त’ में क्या वर्णन किया गया है? – वर्ण व्यवस्था का उल्लेख।
  63. यजुर्वेद में कुल कितने मंत्र हैं? – लगभग 2000 मंत्र।
  64. ऋग्वेद में कितनी ऋषिकाओं (महिला ऋषि) के नाम आते हैं? – 30 से अधिक।
  65. ऋग्वेद में अग्नि को किस रूप में वर्णित किया गया है? – देवताओं के पुरोहित के रूप में।
  66. ऋग्वेद का भाषा-शैली कैसी है? – काव्यात्मक और मंत्रबद्ध।
  67. वेदों की रचना किस काल में हुई थी? – लगभग 1500-1200 ईसा पूर्व।
  68. ऋग्वेद का सबसे पुराना भाग कौन सा माना जाता है? – छठा मंडल।
  69. ऋग्वेद में सबसे कम मंत्र किस देवता को समर्पित हैं? – उषा देवी को।
  70. अथर्ववेद में किस प्रकार के उपचारों का वर्णन है? – जड़ी-बूटी आधारित चिकित्सा।
  71. सामवेद के कितने उपवेद हैं? – गंधर्व वेद (संगीत से संबंधित)।
  72. यजुर्वेद का कौन सा भाग मंत्रों के अर्थों की व्याख्या करता है? – ब्राह्मण ग्रंथ।
  73. वेदों में पशुबलि का उल्लेख किस वेद में मिलता है? – यजुर्वेद में।
  74. ऋग्वेद का कौन सा मंडल ‘परिवार मंडल’ कहलाता है? – दूसरा से सातवां मंडल।
  75. अथर्ववेद का उपयोग प्राचीन भारत में कौन करता था? – आयुर्वेदाचार्य और तांत्रिक।
  76. यजुर्वेद के प्रमुख ऋषि कौन हैं? – वाजसनेयी, काण्व, माध्यंदिन।
  77. ऋग्वेद में कितनी बार ‘अग्नि’ देवता का उल्लेख है? – लगभग 200 बार।
  78. ऋग्वेद के किस मंडल में सरस्वती नदी का महत्व बताया गया है? – तीसरे मंडल में।
  79. ऋग्वेद में सोम रस का क्या महत्व है? – यह यज्ञों में प्रयोग किया जाने वाला दिव्य पेय था।
  80. यजुर्वेद में कर्मकांड की विधियों को क्या कहा जाता है? – श्रौत और गृह्यसूत्र।
  81. ऋग्वेद के देवताओं को कितने भागों में बांटा गया है? – तीन (पृथ्वी, अंतरिक्ष, स्वर्ग)।
  82. ऋग्वेद में सर्वाधिक उल्लेखित नदी कौन सी है? – सरस्वती।
  83. सामवेद में संगीत के कितने प्रकार बताए गए हैं? – तीन (गान, सामगान, ऋचागान)।
  84. ऋग्वेद में ‘विश्वकर्मा’ का क्या उल्लेख है? – सृष्टि निर्माता के रूप में।
  85. अथर्ववेद में ‘मृत्युंजय मंत्र’ किसके लिए प्रसिद्ध है? – दीर्घायु और रोग निवारण के लिए।
  86. वेदों की शिक्षा देने वाले शिक्षकों को क्या कहा जाता था? – आचार्य या गुरु।
  87. ऋग्वेद में कौन सा ‘सप्त सिंधु’ क्षेत्र वर्णित है? – पंजाब का क्षेत्र।
  88. ऋग्वेद में ‘शुनःशेप’ की कथा किससे संबंधित है? – मानव बलि के विरोध में।
  89. यजुर्वेद में मुख्यतः किस प्रकार के देवताओं की पूजा का उल्लेख है? – यज्ञीय देवता।
  90. वेदों का ज्ञान प्राप्त करने के लिए क्या आवश्यक था? – गुरु-शिष्य परंपरा।
  91. अथर्ववेद में ‘भैषज्य सूक्त’ का क्या महत्व है? – चिकित्सा से संबंधित ज्ञान।
  92. ऋग्वेद में ‘मरुत’ देवता कौन थे? – वायुदेवता के सहायक देवता।
  93. ऋग्वेद में ‘अश्विनीकुमार’ किसके देवता हैं? – चिकित्सा और उपचार के।
  94. ऋग्वेद में ‘नदी सूक्त’ में कितनी नदियों का वर्णन किया गया है? – 10 प्रमुख नदियाँ।
  95. सामवेद के पाठकों को क्या कहा जाता था? – उद्गाता।
  96. अथर्ववेद में ‘ब्राह्मण ग्रंथ’ का क्या कार्य था? – कर्मकांड और अनुष्ठान की व्याख्या।
  97. ऋग्वेद के अनुसार इंद्र ने किस राक्षस का वध किया था? – वृत्रासुर।
  98. वेदों का संग्रह और संकलन किसने किया? – महर्षि वेदव्यास।
  99. वेदों के अध्ययन को क्या कहा जाता था? – स्वाध्याय।
  100. वेदों का संपूर्ण सार किस ग्रंथ में मिलता है? – उपनिषदों में।
  101. वेदों को किस नाम से भी जाना जाता है? – श्रुति।
  102. चारों वेदों की संरचना में कितने भाग होते हैं? – संहिता, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद।
  103. ऋग्वेद में कुल कितने मंत्र हैं? – 10,552 मंत्र।
  104. अथर्ववेद को किस नाम से भी जाना जाता है? – ब्रह्मवेद।
  105. ऋग्वेद में ‘दशराज्ञ युद्ध’ का वर्णन किस मंडल में है? – सातवें मंडल में।
  106. ‘गायत्री मंत्र’ ऋग्वेद के किस मंडल में मिलता है? – तीसरे मंडल में।
  107. ‘यजुर्वेद’ के कितने प्रकार हैं? – दो (कृष्ण यजुर्वेद और शुक्ल यजुर्वेद)।
  108. ‘सामवेद’ में कितने सूक्त हैं? – 1549 सूक्त।
  109. वेदों का संकलन करने वाले महर्षि का नाम क्या था? – वेदव्यास।
  110. ऋग्वेद में ‘अष्टक प्रणाली’ कितने अष्टकों में विभाजित है? – आठ।
  111. ऋग्वेद के सबसे छोटे मंडल का नाम क्या है? – दूसरा मंडल।
  112. ऋग्वेद के अंतिम मंडल में क्या वर्णित है? – दर्शन, ब्रह्मज्ञान और सामाजिक व्यवस्थाएँ।
  113. यजुर्वेद के प्रमुख पाठ कौन-कौन से हैं? – माध्यंदिन और काण्व संहिता।
  114. अथर्ववेद में ‘पैippलाद संहिता’ का क्या महत्व है? – यह अथर्ववेद की एक शाखा है।
  115. ऋग्वेद में ‘वरुण’ देवता को किस रूप में जाना जाता है? – जल और नैतिकता के देवता।
  116. अग्नि देवता को वेदों में किसका प्रतीक माना गया है? – पवित्रता और यज्ञ।
  117. सामवेद को किस वेद का ‘संगीत रूप’ कहा जाता है? – ऋग्वेद।
  118. ऋग्वेद में ‘अष्टक, अध्याय, वर्ग’ प्रणाली किसने विकसित की? – शौनक ऋषि।
  119. यजुर्वेद का कौन सा भाग गद्य और पद्य दोनों रूप में उपलब्ध है? – कृष्ण यजुर्वेद।
  120. सामवेद का सबसे प्राचीन संकलन कौन सा है? – तालवकार संहिता।
  121. वेदों के पाठ का उच्चारण कैसे किया जाता था? – सात स्वर पद्धतियों में।
  122. ऋग्वेद में ‘सप्तर्षियों’ का वर्णन किस संदर्भ में है? – ज्ञान और तपस्या के प्रतीक।
  123. ऋग्वेद के अनुसार सबसे बड़ा यज्ञ कौन सा था? – अश्वमेध यज्ञ।
  124. यजुर्वेद में ‘अग्निहोत्र’ का क्या महत्व है? – यह एक दैनिक यज्ञ था।
  125. ऋग्वेद में कितनी बार सोम देवता का उल्लेख किया गया है? – लगभग 120 बार।
  126. सामवेद में किस संगीत वाद्य यंत्र का उल्लेख मिलता है? – वीणा।
  127. अथर्ववेद में ‘आयुर्वेद’ का ज्ञान किससे संबंधित है? – रोगों के उपचार और औषधियों से।
  128. ऋग्वेद में ‘वृत्र’ किसका प्रतीक है? – अराजकता और बुराई।
  129. ऋग्वेद में ‘उषा’ देवी का क्या महत्व है? – वह सुबह की देवी मानी जाती हैं।
  130. ऋग्वेद में समुद्र को क्या कहा गया है? – रत्नाकर।
  131. अथर्ववेद में ‘संजीवनी विद्या’ किससे संबंधित है? – मृत व्यक्ति को जीवित करने की विद्या।
  132. ऋग्वेद में कितनी नदियों का वर्णन मिलता है? – 10 प्रमुख नदियाँ।
  133. ऋग्वेद में ‘अयोध्या’ का उल्लेख किस नाम से हुआ है? – ‘साकेत’।
  134. ऋग्वेद में गाय को क्या कहा गया है? – ‘अघन्या’ (जिसे मारा नहीं जाना चाहिए)।
  135. अथर्ववेद में ‘अश्विनी कुमारों’ को किसका चिकित्सक माना गया है? – देवताओं का।
  136. सामवेद में कितने प्रमुख रागों का वर्णन है? – सात राग।
  137. यजुर्वेद के अनुसार ‘दक्षिणा’ का क्या महत्व है? – यज्ञ के दौरान दी जाने वाली भेंट।
  138. ऋग्वेद में ‘स्वर्ग’ और ‘नरक’ की संकल्पना किस रूप में दी गई है? – कर्म के फलस्वरूप प्राप्त होने वाले स्थान।
  139. ऋग्वेद में इंद्र को ‘पुरंदर’ क्यों कहा गया है? – क्योंकि उन्होंने असुरों के किले (पुर) नष्ट किए थे।
  140. ऋग्वेद में ‘सरस्वती नदी’ को किस रूप में वर्णित किया गया है? – ज्ञान और पवित्रता की देवी।
  141. अथर्ववेद में ‘रक्षोघ्न मंत्र’ का क्या उपयोग था? – बुरी आत्माओं से रक्षा के लिए।
  142. ऋग्वेद में ‘यम’ को क्या कहा गया है? – मृत्यु के देवता।
  143. यजुर्वेद में ‘स्रौतसूत्र’ किससे संबंधित है? – बड़े यज्ञों की विधियाँ।
  144. ऋग्वेद के किस मंडल में पर्यावरण संरक्षण का उल्लेख मिलता है? – 10वें मंडल में।
  145. ऋग्वेद में ‘कवि’ शब्द का अर्थ क्या है? – ऋषि या ज्ञानी।
  146. अथर्ववेद में किस प्रकार की चिकित्सा पद्धति का उल्लेख है? – जड़ी-बूटी आधारित चिकित्सा।
  147. यजुर्वेद में ‘पंचमहायज्ञ’ का क्या अर्थ है? – पांच प्रमुख यज्ञ – ब्रह्मयज्ञ, देवयज्ञ, पितृयज्ञ, भूतयज्ञ, और अतिथियज्ञ।
  148. ऋग्वेद में सूर्य को क्या कहा गया है? – ‘सविता’ और ‘मित्र’।
  149. ऋग्वेद में ‘नदी सूक्त’ में कौन-कौन सी नदियाँ हैं? – सरस्वती, सिंधु, गंगा, यमुना आदि।
  150. सामवेद में ‘उद्गाता’ किसे कहा जाता है? – जो वेदों को सुर में गाता है।
  151. ये सभी तथ्य वेदों से संबंधित महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान के रूप में उपयोगी हैं, खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं और धार्मिक अध्ययन के लिए।

ये सभी प्रश्न विभिन्न परीक्षाओं और सामान्य ज्ञान के लिए उपयोगी हैं।

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