भारत की विशेष घटनाएँ और उनका वर्ष
प्रारंभिक ऐतिहासिक घटनाएँ
- 11. महाजनपद काल (600 ईसा पूर्व – 321 ईसा पूर्व)
600 ईसा पूर्व – भारत में 16 महाजनपद स्थापित हुए (मगध, कौशल, वत्स, अवंती आदि)।
550 ईसा पूर्व – शिशुनाग वंश (मगध) की स्थापना।
544 ईसा पूर्व – बिम्बिसार के नेतृत्व में हर्यक वंश का उदय।
491 ईसा पूर्व – अजातशत्रु (हर्यक वंश) का शासन, जिसने मगध को शक्तिशाली बनाया।
413 ईसा पूर्व – हर्यक वंश का पतन, शिशुनाग वंश की स्थापना।
345 ईसा पूर्व – नंद वंश (महापद्मनंद) का उदय, जिसने पूरे उत्तर भारत पर शासन किया। - 326 ईसा पूर्व – हाइडस्पेस (झेलम) का युद्ध
यह युद्ध सिकंदर और भारतीय राजा पौरुषपुर (राजा पोरस) के बीच झेलम नदी के पास लड़ा गया था। राजा पोरस की बहादुरी से प्रभावित होकर सिकंदर ने उन्हें पुनः शासन करने की अनुमति दी।
2. मौर्य साम्राज्य (321 ईसा पूर्व – 185 ईसा पूर्व)
321 ईसा पूर्व – चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश को हराकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। 321 ईसा पूर्व – चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य वंश की स्थापना की चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश को पराजित कर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की, जिसका विस्तार पूरे भारत और अफगानिस्तान तक था।
273 ईसा पूर्व – अशोक महान का शासन, जिन्होंने बौद्ध धर्म को बढ़ावा दिया।
185 ईसा पूर्व – - ई.पू. 321 – 297 → चंद्रगुप्त मौर्य
- ई.पू. 297 – 273 → बिंदुसार
- ई.पू. 273 – 232 → अशोक
- ई.पू. 232 – 224 → दशरथ
- ई.पू. 224 – 215 → संप्रति
- ई.पू. 215 – 202 → शालिसुक
- ई.पू. 202 – 195 → देववर्मन
- ई.पू. 195 – 187 → शातधन्वन
- ई.पू. 187 – 185 → बृहद्रथ
- अंतिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या, शुंग वंश की स्थापना।
3. शुंग, कण्व और सातवाहन वंश (185 ईसा पूर्व – 300 ईस्वी)
73 ईसा पूर्व – कण्व वंश का उदय, जो शुंग वंश का उत्तराधिकारी था।
30 ईसा पूर्व – सातवाहन वंश (दक्षिण भारत में शक्तिशाली साम्राज्य)।
4. कुषाण और गुप्त साम्राज्य (100 ईस्वी – 550 ईस्वी)
100 ईस्वी – कुषाण वंश (कणिष्क महान) का उत्कर्ष, जिसने भारत में महायान बौद्ध धर्म फैलाया।
319 ईस्वी – गुप्त साम्राज्य (चंद्रगुप्त प्रथम) की स्थापना।
375 ईस्वी – चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का शासन, जिसे “गोल्डन एज” कहा जाता है।
550 ईस्वी – अंतिम गुप्त शासक की हार, गुप्त साम्राज्य का पतन।
5. हर्षवर्धन और मध्यकालीन राजवंश (606 – 1200 ईस्वी)
606 ईस्वी – हर्षवर्धन का उदय (पुष्यभूति वंश), जिसने उत्तर भारत में शासन किया। - 712 ईस्वी – सिंध विजय युद्ध अरब सेनापति मोहम्मद बिन कासिम ने राजा दाहिर सेन को हराकर सिंध पर कब्जा कर लिया, जिससे भारत में इस्लामिक (अरब )शासन की शुरुआत हुई।
750 ईस्वी – गुर्जर-प्रतिहार वंश का उदय।
800 ईस्वी – पाल वंश (बिहार और बंगाल में बौद्ध धर्म का पुनरुत्थान)।
850 ईस्वी – राष्ट्रकूट वंश (दक्षिण भारत में शक्तिशाली)।
900 ईस्वी – चोल वंश (राजराजा चोल प्रथम, दक्षिण भारत का महान शासक)। - 1191 – तराइन का प्रथम युद्ध
राजा पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद घोरी के बीच लड़ा गया। इसमें पृथ्वीराज चौहान की जीत हुई। - 1192 – तराइन का द्वितीय युद्ध
- फिर से पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद घोरी के बीच लड़ा गया, लेकिन इस बार पृथ्वीराज चौहान पराजित हुए और दिल्ली पर मुस्लिम शासन की स्थापना हुई।
- दिल्ली सल्तनत (1206 – 1526 ईस्वी)
- 1206 ईस्वी – गुलाम वंश (कुतुबुद्दीन ऐबक) की स्थापना।
- 1290 ईस्वी – खिलजी वंश (अलाउद्दीन खिलजी) का उदय।
- 1320 ईस्वी – तुगलक वंश (गयासुद्दीन तुगलक) की स्थापना।
- 1414 ईस्वी – सैय्यद वंश का शासन।
- 1451 ईस्वी – लोदी वंश (बाहलोल लोदी) का उदय।
- 1526 ईस्वी – इब्राहिम लोदी की हार, मुगल साम्राज्य की स्थापना।
- 7. मुगल साम्राज्य (1526 – 1857 ईस्वी)
- 1526 ईस्वी – बाबर ने पानीपत के युद्ध में इब्राहिम लोदी को हराया। 1526 – पानीपत का प्रथम युद्धयह युद्ध बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया था। इसमें बाबर की जीत हुई और मुगल साम्राज्य की नींव पड़ी।
- 1556 ईस्वी – अकबर का शासन, जिसने मुगल साम्राज्य को विस्तार दिया।
- 1556 – पानीपत का द्वितीय युद्ध
अकबर और हेमू के बीच लड़ा गया, जिसमें अकबर की जीत हुई और मुगल शासन मजबूत हुआ।
1658 ईस्वी – औरंगजेब का शासन, जिसने दक्षिण भारत तक मुगल शक्ति का विस्तार किया।
1707 ईस्वी – औरंगजेब की मृत्यु, मुगल साम्राज्य का पतन शुरू।
1857 ईस्वी – आखिरी मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर को अंग्रेजों ने हटा दिया, ब्रिटिश शासन की शुरुआत। - 1761 – पानीपत का तृतीय युद्ध
अहमद शाह अब्दाली और मराठाओं के बीच लड़ा गया। इसमें मराठों की हार हुई और भारत में मुगलों की पकड़ कमजोर होने लगी। - 1773 – रेग्युलेटिंग एक्ट
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रशासन को नियंत्रित करने के लिए यह अधिनियम लाया गया। इसके तहत बंगाल के गवर्नर को गवर्नर-जनरल का दर्जा मिला। - 1784 – पिट्स इंडिया एक्ट
ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी के कार्यों पर नियंत्रण बढ़ाने के लिए यह अधिनियम लागू किया। - 1813 – चार्टर एक्ट
इस अधिनियम के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया, जिससे अन्य ब्रिटिश व्यापारी भी भारत में व्यापार कर सके। - 1828 – ब्रह्म समाज
- राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की। इस समाज का उद्देश्य मूर्ति पूजा, जातिवाद और सती प्रथा जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करना था।
- 1833 – चार्टर एक्ट
गवर्नर-जनरल ऑफ बंगाल को गवर्नर-जनरल ऑफ इंडिया बनाया गया और भारत में विधायी शक्तियाँ बढ़ाई गईं। - 1840 – दक्कन शिक्षा समाज
- यह समाज पुणे में स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य भारतीयों को आधुनिक शिक्षा प्रदान करना था।
- 1857 – प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (सिपाही विद्रोह)
- भारतीय सैनिकों और आम जनता ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह किया, जिसे भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम कहा जाता है।
- 1858 – भारत शासन अधिनियम
1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारत शासन अधिनियम, 1858 लागू किया, जिससे ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त हुआ और भारत सीधे ब्रिटिश सरकार के अधीन आ गया। - 1861 – भारतीय परिषद अधिनियम
ब्रिटिश सरकार ने पहली बार भारतीयों को प्रशासनिक और विधायी परिषदों में सीमित प्रतिनिधित्व देना शुरू किया। - 1863 – सत्यशोधक समाज
- ज्योतिराव फुले ने सत्यशोधक समाज की स्थापना की, जिसका उद्देश्य शूद्रों और महिलाओं को सामाजिक न्याय दिलाना था।
- 1867 – प्रार्थना समाज
- आत्माराम पांडुरंग और एम.जी. रानाडे ने प्रार्थना समाज की स्थापना की, जो समाज में जातिप्रथा को समाप्त करने और महिलाओं की स्थिति सुधारने पर केंद्रित था।
- 1875 – आर्य समाज
- स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की। इसका उद्देश्य वेदों की शुद्ध शिक्षा फैलाना, मूर्ति पूजा का विरोध करना और हिंदू धर्म में सुधार लाना था।
- 1878 – थियोसोफिकल सोसायटी (भारत शाखा)
- मैडम ब्लावात्स्की और एनी बेसेंट ने इसकी स्थापना की। इसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति और वेदों को बढ़ावा देना था।
- 1885 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
28 दिसंबर 1885 को ए. ओ. ह्यूम ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना की। यह संगठन ब्रिटिश सरकार के खिलाफ राजनीतिक संघर्ष करने के लिए बना था। धीरे-धीरे यह स्वतंत्रता संग्राम का मुख्य संगठन बन गया। - 1893 में स्वामी विवकानंद शिकागो गए थे उसके बाद भारत आकर उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी ।
- 1897 – रामकृष्ण मिशन
- स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इसका उद्देश्य सेवा कार्य, शिक्षा और आध्यात्मिक उत्थान था।
20वीं शताब्दी की प्रमुख घटनाएँ
- 1905 – बंगाल विभाजन
ब्रिटिश सरकार ने “फूट डालो और राज करो” की नीति अपनाते हुए 1905 में बंगाल को दो भागों में विभाजित कर दिया। इसके खिलाफ पूरे देश में आंदोलन हुए, और 1911 में सरकार को बंगाल विभाजन रद्द करना पड़ा। - 1909 – मार्ले-मिन्टो सुधार (भारतीय परिषद अधिनियम, 1909)
पहली बार मुसलमानों को अलग निर्वाचक मंडल (Separate Electorate) की सुविधा दी गई, जिससे चुनावों में सांप्रदायिक आधार पर वोटिंग शुरू हुई। - 1915 – महात्मा गांधी का भारत आगमन
- महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया।
- 1915 – सेवासमिति आंदोलन
- डॉ. हेडगेवार और अन्य समाज सुधारकों ने इस आंदोलन की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सेवा कार्य करना था।
- 1917 – चंपारण सत्याग्रह
गांधी जी का भारत में पहला आंदोलन, जो बिहार के चंपारण जिले में नील किसानों के शोषण के खिलाफ शुरू हुआ। सत्याग्रह के कारण ब्रिटिश सरकार को नील की जबरदस्ती समाप्त करनी पड़ी। - 1918 – अहमदाबाद मिल हड़ताल
गुजरात के अहमदाबाद में कपड़ा मिल मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने की मांग को लेकर गांधी जी ने पहली बार अनशन किया, जिससे मजदूरों की मांगें पूरी हुईं। - 1918 – खेड़ा सत्याग्रह
गुजरात के खेड़ा जिले में किसानों की फसल खराब होने के बावजूद ब्रिटिश सरकार ने कर वसूली जारी रखी। गांधी जी ने किसानों को कर न देने के लिए प्रेरित किया, जिससे कुछ राहत मिली। - 1919 – रॉलेट सत्याग्रह
ब्रिटिश सरकार के दमनकारी रॉलेट एक्ट के खिलाफ गांधी जी ने राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह किया। इसी दौरान जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ा। - 1919 – भारत शासन अधिनियम (मोंटेग-चेम्सफोर्ड सुधार)
द्वैध शासन (Dyarchy) की व्यवस्था लागू की गई, जिससे प्रांतीय सरकारों में भारतीयों को कुछ सीमित अधिकार मिले। - 1919 – जलियांवाला बाग हत्याकांड
- 13 अप्रैल को अमृतसर में जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे लोगों पर गोलीबारी की गई, जिसमें हजारों लोग मारे गए।
- 1920-1922 – असहयोग आंदोलन
गांधी जी ने ब्रिटिश शासन का सहयोग न करने, सरकारी संस्थानों और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करने का आह्वान किया। यह आंदोलन चौरी-चौरा कांड में हुई हिंसा के बाद वापस ले लिया गया। - 1925 – स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)
- केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देना था।
- 1930 – सविनय अवज्ञा आंदोलन (दांडी मार्च)
नमक कानून को तोड़ने के लिए गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी तक 240 किमी लंबी यात्रा की और समुद्र से नमक बनाकर ब्रिटिश कानून का उल्लंघन किया। - 1930 – दांडी मार्च (नमक सत्याग्रह)
- महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार के नमक कानून के खिलाफ दांडी यात्रा निकाली।
- 1935 – भारत सरकार अधिनियम
ब्रिटिश सरकार ने भारत सरकार अधिनियम 1935 पारित किया, जिससे भारतीयों को पहली बार प्रांतीय स्वायत्तता दी गई। यह अधिनियम भारत की स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। - 1942 – भारत छोड़ो आंदोलन
- महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रिटिश शासन के खिलाफ यह आंदोलन शुरू हुआ।
- 1946 – संविधान सभा का गठन
9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई, जिसमें भारत के संविधान को बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माण समिति (Drafting Committee) का अध्यक्ष बनाया गया। - 15 अगस्त 1947 – भारत की स्वतंत्रता
- ब्रिटिश शासन समाप्त हुआ और भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।
- 1947 – भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947
15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ और भारत तथा पाकिस्तान दो अलग-अलग राष्ट्र बने। - 1947-1948 – पहला भारत-पाक युद्ध
भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के लिए युद्ध हुआ, जिसमें युद्धविराम के बाद कश्मीर का बड़ा हिस्सा भारत के पास और कुछ हिस्सा पाकिस्तान के नियंत्रण में रहा। - 1949 – भारतीय संविधान को अपनाया गया
26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को आधिकारिक रूप से स्वीकार (Adopt) किया। इसी कारण 26 नवंबर को “संविधान दिवस” के रूप में मनाया जाता है। - 26 जनवरी 1950 – भारत गणराज्य बना (संविधान लागू हुआ)
- भारतीय संविधान लागू हुआ और भारत एक संप्रभु गणराज्य बना।
- 1950 – नागरिकता अधिनियम
भारत में नागरिकता प्राप्त करने, छोड़ने और खोने से संबंधित नियम बनाए गए। - 1951 – पहला संविधान संशोधन
भूमि सुधार कानूनों को वैध बनाने और पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रावधानों को शामिल करने के लिए किया गया। - 1955 – भारतीय सुधार समिति
- यह समिति जाति उन्मूलन और दलित उत्थान के लिए कार्यरत रही।
- 1955 – हिंदू विवाह अधिनियम
हिंदू विवाह से जुड़े नियम बनाए गए और तलाक की प्रक्रिया तय की गई। - 1960 – हरित क्रांति (Green Revolution)
- आरंभकर्ता: एम. एस. स्वामीनाथन
- उद्देश्य: गेहूं और धान (चावल) के उत्पादन को बढ़ाना
- मुख्य प्रभाव: हाई-यील्डिंग वैरायटी (HYV) बीज, रासायनिक उर्वरकों और सिंचाई तकनीकों का उपयोग करके भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना।
- भारत में कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि हुई।
- 1962 – भारत-चीन युद्ध
- चीन ने भारत पर हमला किया और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया।
- 1965 – भारत-पाकिस्तान युद्ध
- कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ।
- 1970 – श्वेत क्रांति (White Revolution)
- आरंभकर्ता: डॉ. वर्गीस कुरियन
- उद्देश्य: दूध उत्पादन में वृद्धि
- मुख्य प्रभाव: ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम के तहत भारत में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिला।
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बना।
- 1970-80 – नीली क्रांति (Blue Revolution)
- आरंभकर्ता: डॉ. अरुण कृष्णन
- उद्देश्य: मत्स्य उत्पादन (मछली पालन) को बढ़ावा देना
- मुख्य प्रभाव: समुद्री और मीठे पानी की मछलियों के उत्पादन में तेजी आई।
- भारत में मत्स्य उद्योग को बढ़ावा मिला।
- 1971 – बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और भारत-पाक युद्ध
- भारत की मदद से बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश बना।
- 1971 – 24वां संविधान संशोधन
संविधान संशोधन की प्रक्रिया को संसद के अधिकार क्षेत्र में लाया गया। - 1971 – बैंकिंग अधिनियम
भारत सरकार ने 14 प्रमुख बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। - 1974 – भारत का पहला परमाणु परीक्षण (स्माइलिंग बुद्धा)
- भारत ने पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण किया।
- 1976 – पर्यावरण संरक्षण अधिनियम
भारत में पर्यावरण सुरक्षा को मजबूत करने के लिए यह अधिनियम पारित किया गया। - 1976 – 42वां संविधान संशोधन (मिनी संविधान)
संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी (Socialist) और धर्मनिरपेक्ष (Secular) शब्द जोड़े गए। - 1980 – पीली क्रांति (Yellow Revolution)
- आरंभकर्ता: सम पित्रोदा
- उद्देश्य: खाद्य तेलों (सरसों, सूरजमुखी, सोयाबीन, मूंगफली, ताड़ तेल) का उत्पादन बढ़ाना
- मुख्य प्रभाव:भारत की खाद्य तेल आयात पर निर्भरता कम हुई।
- खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ी।
- 1984 – ऑपरेशन ब्लू स्टार
- अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई हुई।
- 1985 – आतंकवाद विरोधी कानून (TADA)
आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए यह सख्त कानून बनाया गया, हालांकि बाद में इसे निरस्त कर दिया गया। - 1985 – 52वां संविधान संशोधन (दल-बदल विरोधी कानून)
इस कानून के तहत दल-बदल (Defection) को रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए गए। - 1990 – भूरी क्रांति (Brown Revolution)
- उद्देश्य: चमड़ा उद्योग और कोको उत्पादन को बढ़ावा देना
- मुख्य प्रभाव:भारत में चमड़ा और कोको उद्योग में विकास हुआ।
- 1991 – आर्थिक सुधार (उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण – LPG नीति)
- भारत में आर्थिक सुधारों की शुरुआत हुई, जिससे वैश्विक बाजार में भारत का प्रवेश बढ़ा।
- 1991-2003 – सुनहरी क्रांति (Golden Revolution)
- आरंभकर्ता: नरेंद्र देओलालिकर
- उद्देश्य: फल, शहद, और फूलों के उत्पादन में वृद्धि
- मुख्य प्रभाव:भारत फल और बागवानी फसलों के उत्पादन में अग्रणी देशों में शामिल हुआ।
- 1992 – 73वां और 74वां संविधान संशोधन
इस संशोधन के तहत पंचायती राज प्रणाली और नगरपालिका प्रशासन को संवैधानिक दर्जा दिया गया। - 1998 – पोखरण-2 परमाणु परीक्षण
- अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने पांच परमाणु परीक्षण किए।
- 1999 – कारगिल युद्ध
पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कारगिल में घुसपैठ की, जिसे भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक खदेड़ दिया।
21वीं शताब्दी की प्रमुख घटनाएँ
- 2000 के दशक – इंद्रधनुषी क्रांति (Rainbow Revolution)
- उद्देश्य: कृषि के सभी क्षेत्रों (हरित, श्वेत, नीली, पीली, सुनहरी) का समग्र विकास
- मुख्य प्रभाव:कृषि उत्पादन में संपूर्ण सुधार हुआ।
- 2002 – 86वां संविधान संशोधन
6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया गया। - 2005 – सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम
इस कानून के तहत नागरिकों को सरकार से किसी भी सार्वजनिक सूचना को मांगने का अधिकार दिया गया। - 2008 – 26/11 मुंबई आतंकवादी हमला
- पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने मुंबई में हमला किया, जिसमें 166 लोग मारे गए।
- 2013 – लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम
भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए यह अधिनियम लागू किया गया, जिसके तहत लोकपाल (केंद्रीय स्तर पर) और लोकायुक्त (राज्य स्तर पर) की नियुक्ति का प्रावधान किया गया। - 2014 – भारत में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की।
- 2016 – नोटबंदी
- 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद किए गए।
- 2016 – वस्तु एवं सेवा कर (GST) अधिनियम
भारत में “एक राष्ट्र, एक कर” की नीति लागू करते हुए GST प्रणाली शुरू की गई, जिससे विभिन्न करों को हटाकर एक समान कर व्यवस्था लागू हुई। - 2019 – अनुच्छेद 370 हटाया गया
- जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर इसे केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया।
- 2019 – नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA)
इस कानून के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया गया। - 2020 – कोरोना महामारी और लॉकडाउन
- भारत में कोविड-19 के कारण संपूर्ण लॉकडाउन लगाया गया।
अगर किसी आंदोलन की विस्तृत जानकारी चाहिए तो बता सकते हैं!
निष्कर्ष
2013 – लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम
भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए यह अधिनियम पारित किया गया।
2016 – वस्तु एवं सेवा कर (GST) अधिनियम
भारत में “एक राष्ट्र, एक कर” नीति लागू की गई।
2019 – नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA)
अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए यह अधिनियम लाया गया।
निष्कर्ष
भारत में समय-समय पर कई महत्वपूर्ण अधिनियम पारित किए गए, जिन्होंने सामाजिक सुधार, आर्थिक प्रगति और कानूनी प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यदि आपको किसी विशेष अधिनियम की विस्तृत जानकारी चाहिए तो बता सकते हैं!
भारत में विभिन्न क्रांतियाँ और उनके वर्ष (आरोही क्रम में)
1960 – हरित क्रांति (Green Revolution)
- आरंभकर्ता: एम. एस. स्वामीनाथन
- उद्देश्य: गेहूं और धान (चावल) के उत्पादन को बढ़ाना
- मुख्य प्रभाव:
- हाई-यील्डिंग वैरायटी (HYV) बीज, रासायनिक उर्वरकों और सिंचाई तकनीकों का उपयोग करके भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना।
- भारत में कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि हुई।
1970 – श्वेत क्रांति (White Revolution)
- आरंभकर्ता: डॉ. वर्गीस कुरियन
- उद्देश्य: दूध उत्पादन में वृद्धि
- मुख्य प्रभाव:
- ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम के तहत भारत में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिला।
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बना।
1970-80 – नीली क्रांति (Blue Revolution)
- आरंभकर्ता: डॉ. अरुण कृष्णन
- उद्देश्य: मत्स्य उत्पादन (मछली पालन) को बढ़ावा देना
- मुख्य प्रभाव:
- समुद्री और मीठे पानी की मछलियों के उत्पादन में तेजी आई।
- भारत में मत्स्य उद्योग को बढ़ावा मिला।
1980 – पीली क्रांति (Yellow Revolution)
- आरंभकर्ता: सम पित्रोदा
- उद्देश्य: खाद्य तेलों (सरसों, सूरजमुखी, सोयाबीन, मूंगफली, ताड़ तेल) का उत्पादन बढ़ाना
- मुख्य प्रभाव:
- भारत की खाद्य तेल आयात पर निर्भरता कम हुई।
- खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ी।
1991-2003 – सुनहरी क्रांति (Golden Revolution)
- आरंभकर्ता: नरेंद्र देओलालिकर
- उद्देश्य: फल, शहद, और फूलों के उत्पादन में वृद्धि
- मुख्य प्रभाव:
- भारत फल और बागवानी फसलों के उत्पादन में अग्रणी देशों में शामिल हुआ।
1990 – भूरी क्रांति (Brown Revolution)
- उद्देश्य: चमड़ा उद्योग और कोको उत्पादन को बढ़ावा देना
- मुख्य प्रभाव:
- भारत में चमड़ा और कोको उद्योग में विकास हुआ।
2000 के दशक – इंद्रधनुषी क्रांति (Rainbow Revolution)
- उद्देश्य: कृषि के सभी क्षेत्रों (हरित, श्वेत, नीली, पीली, सुनहरी) का समग्र विकास
- मुख्य प्रभाव:
- कृषि उत्पादन में संपूर्ण सुधार हुआ।
निष्कर्ष
इन क्रांतियों ने भारत को कृषि, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, खाद्य तेल उत्पादन, बागवानी और चमड़ा उद्योग में आत्मनिर्भर बनाया। यदि आपको किसी क्रांति की विस्तृत जानकारी चाहिए तो बता सकते हैं!
भारत में प्रमुख वित्तीय संस्थाएँ और उनके स्थापना वर्ष (आरोही क्रम में)
1921 – इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया
- ब्रिटिश शासन के दौरान तीन प्रेसीडेंसी बैंकों (बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे, बैंक ऑफ मद्रास) को मिलाकर इस बैंक की स्थापना की गई।
- 1955 में इसे भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में बदल दिया गया।
1935 – भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
- स्थापना: 1 अप्रैल 1935
- मुख्य उद्देश्य: भारत की मौद्रिक नीति, मुद्रा आपूर्ति, और बैंकिंग प्रणाली को नियंत्रित करना।
- 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद यह पूरी तरह सरकार के अधीन आ गया।
1955 – भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
- स्थापना: 1 जुलाई 1955
- इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण करके इसे भारतीय स्टेट बैंक (SBI) बनाया गया।
1964 – भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI)
- स्थापना: 1 जुलाई 1964
- उद्देश्य: भारत में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और बड़े उद्योगों को वित्तीय सहायता देना।
- 2004 में इसे एक वाणिज्यिक बैंक में परिवर्तित कर दिया गया।
1969 – राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)
- स्थापना: 12 जुलाई 1982 (RBI से अलग करके)
- उद्देश्य: कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़े वित्तीय कार्यों का प्रबंधन करना।
1975 – क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB)
- स्थापना: 2 अक्टूबर 1975
- उद्देश्य: ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएँ उपलब्ध कराना और किसानों, मजदूरों व छोटे उद्यमियों को ऋण प्रदान करना।
1982 – नाबार्ड (NABARD)
- स्थापना: 12 जुलाई 1982
- उद्देश्य: कृषि और ग्रामीण विकास को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
1988 – भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI)
- स्थापना: 1999 (IRDA अधिनियम के तहत)
- उद्देश्य: भारत में बीमा क्षेत्र का नियमन और विकास।
1991 – राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB)
- स्थापना: 9 जुलाई 1988
- उद्देश्य: आवासीय वित्तपोषण और हाउसिंग सेक्टर के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
1992 – भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)
- स्थापना: 1988 (एक गैर-सांविधिक संस्था के रूप में), 1992 में इसे वैधानिक दर्जा मिला।
- उद्देश्य: भारतीय शेयर बाजार और वित्तीय बाजारों का नियमन करना।
1995 – एक्सिम बैंक (EXIM Bank)
- स्थापना: 1 जनवरी 1982
- उद्देश्य: भारत के निर्यात और आयात को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
2000 – बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI)
- स्थापना: 19 अप्रैल 2000
- उद्देश्य: भारत में बीमा उद्योग का नियमन और विकास।
2002 – भारतीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (ARCIL)
- स्थापना: 2002
- उद्देश्य: बैंकिंग प्रणाली के खराब ऋणों (NPA) को प्रबंधित करना।
2005 – माइक्रोफाइनेंस संस्थाएँ (MFI)
- स्थापना: 2005
- उद्देश्य: ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्यमियों और गरीबों को छोटे ऋण प्रदान करना।
2015 – मुद्रा बैंक (MUDRA Bank)
- स्थापना: 8 अप्रैल 2015
- उद्देश्य: लघु और सूक्ष्म उद्यमों (MSME) को वित्तीय सहायता देना।
निष्कर्ष
इन वित्तीय संस्थानों ने भारत की आर्थिक और वित्तीय संरचना को मजबूत किया है। यदि आपको किसी विशेष संस्था के बारे में विस्तृत जानकारी चाहिए तो बता सकते हैं!
आजादी से पहले भारत में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को दिशा दी। नीचे मुख्य घटनाओं को वर्ष के साथ सूचीबद्ध किया गया है:
18वीं शताब्दी की घटनाएँ
- 1757 – प्लासी का युद्ध, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का बंगाल पर नियंत्रण।
- 1764 – बक्सर का युद्ध, बंगाल, बिहार और उड़ीसा पर कंपनी का शासन।
- 1773 – रेग्युलेटिंग एक्ट, भारत में ब्रिटिश शासन का पहला आधिकारिक कानून।
- 1784 – पिट्स इंडिया एक्ट, भारत में ब्रिटिश शासन को अधिक संगठित करने का प्रयास।
19वीं शताब्दी की घटनाएँ
- 1829 – सती प्रथा पर प्रतिबंध (लॉर्ड विलियम बेंटिक द्वारा)।
- 1835 – अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम लागू।
- 1853 – भारत में पहली रेलवे (मुंबई से ठाणे)।
- 1857 – प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857 की क्रांति)।
- 1861 – भारतीय पुलिस अधिनियम लागू।
- 1875 – आर्य समाज की स्थापना (स्वामी दयानंद सरस्वती)।
- 1885 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना (ए. ओ. ह्यूम द्वारा)।
- 1893 – शिकागो में स्वामी विवेकानंद का ऐतिहासिक भाषण।
- 1897 – बाल गंगाधर तिलक ने गणपति उत्सव शुरू किया।
- 1905 – बंगाल विभाजन (लॉर्ड कर्जन द्वारा)।
20वीं शताब्दी की घटनाएँ
- 1906 – मुस्लिम लीग की स्थापना।
- 1909 – मोरले-मिन्टो सुधार, जिसमें मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचन की व्यवस्था की गई।
- 1911 – बंगाल विभाजन रद्द, दिल्ली को राजधानी बनाया गया।
- 1915 – महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे।
- 1916 – होमरूल लीग आंदोलन (बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट द्वारा)।
- 1917 – चंपारण सत्याग्रह (गांधीजी का पहला आंदोलन)।
- 1919 – रोलेट एक्ट, जलियांवाला बाग हत्याकांड।
- 1920 – असहयोग आंदोलन की शुरुआत।
- 1922 – चौरी-चौरा कांड, गांधीजी ने असहयोग आंदोलन वापस लिया।
- 1927 – साइमन कमीशन भारत आया, विरोध में नारा “साइमन गो बैक”।
- 1928 – नेहरू रिपोर्ट प्रकाशित, लाला लाजपत राय की मृत्यु।
- 1929 – कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन, पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित।
- 1930 – दांडी यात्रा (नमक सत्याग्रह)।
- 1931 – गांधी-इरविन समझौता, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी।
- 1935 – भारत सरकार अधिनियम 1935 लागू।
- 1940 – मुस्लिम लीग का पाकिस्तान प्रस्ताव।
- 1942 – भारत छोड़ो आंदोलन।
- 1946 – कैबिनेट मिशन योजना, अंतरिम सरकार का गठन।
- 1947 – भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित, 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ।
निष्कर्ष
1757 से 1947 तक भारत में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, जिनमें 1857 की क्रांति, जलियांवाला बाग हत्याकांड, असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन जैसी घटनाएँ स्वतंत्रता संग्राम में निर्णायक साबित हुईं।
अगर किसी विशेष घटना की विस्तृत जानकारी चाहिए, तो बता सकते हैं!
भारत के इतिहास में कई प्रमुख वंशों का उदय हुआ, जिन्होंने शासन किया और भारतीय संस्कृति, राजनीति, और प्रशासन को प्रभावित किया। नीचे महाजनपद काल से मुगल साम्राज्य तक उभरे प्रमुख वंशों का विवरण उनके वर्षों के साथ दिया गया है:
1. महाजनपद काल (600 ईसा पूर्व – 321 ईसा पूर्व)
- 600 ईसा पूर्व – भारत में 16 महाजनपद स्थापित हुए (मगध, कौशल, वत्स, अवंती आदि)।
- 550 ईसा पूर्व – शिशुनाग वंश (मगध) की स्थापना।
- 544 ईसा पूर्व – बिम्बिसार के नेतृत्व में हर्यक वंश का उदय।
- 491 ईसा पूर्व – अजातशत्रु (हर्यक वंश) का शासन, जिसने मगध को शक्तिशाली बनाया।
- 413 ईसा पूर्व – हर्यक वंश का पतन, शिशुनाग वंश की स्थापना।
- 345 ईसा पूर्व – नंद वंश (महापद्मनंद) का उदय, जिसने पूरे उत्तर भारत पर शासन किया।
2. मौर्य साम्राज्य (321 ईसा पूर्व – 185 ईसा पूर्व)
- 321 ईसा पूर्व – चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश को हराकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की।
- 273 ईसा पूर्व – अशोक महान का शासन, जिन्होंने बौद्ध धर्म को बढ़ावा दिया।
- 185 ईसा पूर्व – अंतिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या, शुंग वंश की स्थापना।
3. शुंग, कण्व और सातवाहन वंश (185 ईसा पूर्व – 300 ईस्वी)
- 185 ईसा पूर्व – शुंग वंश (पुष्यमित्र शुंग) की स्थापना।
- 73 ईसा पूर्व – कण्व वंश का उदय, जो शुंग वंश का उत्तराधिकारी था।
- 30 ईसा पूर्व – सातवाहन वंश (दक्षिण भारत में शक्तिशाली साम्राज्य)।
4. कुषाण और गुप्त साम्राज्य (100 ईस्वी – 550 ईस्वी)
- 100 ईस्वी – कुषाण वंश (कणिष्क महान) का उत्कर्ष, जिसने भारत में महायान बौद्ध धर्म फैलाया।
- 319 ईस्वी – गुप्त साम्राज्य (चंद्रगुप्त प्रथम) की स्थापना।
- 375 ईस्वी – चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का शासन, जिसे “गोल्डन एज” कहा जाता है।
- 550 ईस्वी – अंतिम गुप्त शासक की हार, गुप्त साम्राज्य का पतन।
5. हर्षवर्धन और मध्यकालीन राजवंश (606 – 1200 ईस्वी)
- 606 ईस्वी – हर्षवर्धन का उदय (पुष्यभूति वंश), जिसने उत्तर भारत में शासन किया।
- 750 ईस्वी – गुर्जर-प्रतिहार वंश का उदय।
- 800 ईस्वी – पाल वंश (बिहार और बंगाल में बौद्ध धर्म का पुनरुत्थान)।
- 850 ईस्वी – राष्ट्रकूट वंश (दक्षिण भारत में शक्तिशाली)।
- 900 ईस्वी – चोल वंश (राजराजा चोल प्रथम, दक्षिण भारत का महान शासक)।
- 1191 ईस्वी – पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद घोरी के बीच तराइन का युद्ध, जिसमें चौहान पराजित हुए।
6. दिल्ली सल्तनत (1206 – 1526 ईस्वी)
- 1206 ईस्वी – गुलाम वंश (कुतुबुद्दीन ऐबक) की स्थापना।
- 1290 ईस्वी – खिलजी वंश (अलाउद्दीन खिलजी) का उदय।
- 1320 ईस्वी – तुगलक वंश (गयासुद्दीन तुगलक) की स्थापना।
- 1414 ईस्वी – सैय्यद वंश का शासन।
- 1451 ईस्वी – लोदी वंश (बाहलोल लोदी) का उदय।
- 1526 ईस्वी – इब्राहिम लोदी की हार, मुगल साम्राज्य की स्थापना।
7. मुगल साम्राज्य (1526 – 1857 ईस्वी)
- 1526 ईस्वी – बाबर ने पानीपत के युद्ध में इब्राहिम लोदी को हराया।
- 1556 ईस्वी – अकबर का शासन, जिसने मुगल साम्राज्य को विस्तार दिया।
- 1658 ईस्वी – औरंगजेब का शासन, जिसने दक्षिण भारत तक मुगल शक्ति का विस्तार किया।
- 1707 ईस्वी – औरंगजेब की मृत्यु, मुगल साम्राज्य का पतन शुरू।
- 1857 ईस्वी – आखिरी मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर को अंग्रेजों ने हटा दिया, ब्रिटिश शासन की शुरुआत।
निष्कर्ष
भारत में महाजनपद काल से मुगल साम्राज्य तक कई प्रमुख वंशों ने शासन किया।
- प्राचीन काल में मौर्य और गुप्त वंश शक्तिशाली थे।
- मध्यकाल में गुर्जर-प्रतिहार, चोल और पाल वंश प्रभावी रहे।
- दिल्ली सल्तनत के बाद मुगलों ने शासन किया और अंततः 1857 में ब्रिटिश शासन स्थापित हुआ।
अगर किसी विशेष वंश की विस्तृत जानकारी चाहिए, तो बता सकते हैं!