विदेशी यात्री

भारत के प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास में कई विदेशी यात्री आए, जिन्होंने यहाँ की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और राजनीतिक व्यवस्था का विस्तृत वर्णन किया। ये यात्राएँ व्यापार, धर्म, राजनीति और अन्वेषण के उद्देश्य से की गई थीं।


प्राचीन भारत में आने वाले विदेशी यात्री:

1. मेगस्थनीज (Megasthenes) (350-290 ई.पू.)

  • मूल देश: ग्रीस
  • भारत आने का समय: चंद्रगुप्त मौर्य (321-297 ई.पू.) के शासनकाल में
  • पुस्तक: “इंडिका”
  • वर्णन:
    • मौर्यकालीन प्रशासन, समाज, सैन्य व्यवस्था, और अर्थव्यवस्था।
    • चंद्रगुप्त मौर्य की राजधानी पाटलिपुत्र का विस्तृत वर्णन।
    • भारतीय जाति व्यवस्था, कृषि, शहरीकरण और जीवनशैली।

2. फ़ाह्यान (Faxian) (337-422 ई.)

  • मूल देश: चीन
  • भारत आने का समय: गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय (375-415 ई.) के शासनकाल में
  • पुस्तक: “फो गुओ जी” (A Record of Buddhist Kingdoms)
  • वर्णन:
    • बौद्ध धर्म का प्रचार और बौद्ध मठों का विवरण।
    • सामाजिक व्यवस्था, न्याय प्रणाली और शिक्षा पद्धति।
    • भारतीय लोगों की धार्मिक सहिष्णुता और नैतिकता।

3. ह्वेनसांग (Xuanzang) (602-664 ई.)

  • मूल देश: चीन
  • भारत आने का समय: हर्षवर्धन (606-647 ई.) के शासनकाल में
  • पुस्तक: “सी-यू-की” (Records of the Western World)
  • वर्णन:
    • नालंदा विश्वविद्यालय और बौद्ध शिक्षा व्यवस्था।
    • हर्षवर्धन के प्रशासन और सैन्य नीति का वर्णन।
    • भारतीय समाज, धर्म और अर्थव्यवस्था की जानकारी।

4. इत्सिंग (Yijing) (635-713 ई.)

  • मूल देश: चीन
  • भारत आने का समय: 7वीं शताब्दी
  • पुस्तक: “A Record of Buddhist Practices”
  • वर्णन:
    • बौद्ध धर्म और भारतीय शिक्षा व्यवस्था।
    • भारतीय तीर्थ स्थलों और बौद्ध मठों का वर्णन।
    • भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के धार्मिक संबंध।

मध्यकालीन भारत में आने वाले विदेशी यात्री:

5. अलबरूनी (Al-Biruni) (973-1048 ई.)

  • मूल देश: ख्वारिज्म (उज्बेकिस्तान)
  • भारत आने का समय: महमूद ग़ज़नी (1010-1030 ई.) के शासनकाल में
  • पुस्तक: “किताब-उल-हिंद”
  • वर्णन:
    • भारतीय समाज, धर्म, विज्ञान, गणित और दर्शन।
    • जाति व्यवस्था, वेद, पुराण और महाभारत का अध्ययन।
    • भारतीय खगोलशास्त्र और गणितीय ज्ञान।

6. इब्न बतूता (Ibn Battuta) (1304-1369 ई.)

  • मूल देश: मोरक्को
  • भारत आने का समय: मुहम्मद बिन तुगलक (1325-1351 ई.) के शासनकाल में
  • पुस्तक: “रिहला” (Safarnama)
  • वर्णन:
    • तुगलक शासन, न्यायिक व्यवस्था और राजधानी परिवर्तन।
    • भारत की व्यापारिक समृद्धि और सामाजिक जीवन।
    • दिल्ली सल्तनत की सैन्य शक्ति और प्रशासन।

7. मार्को पोलो (Marco Polo) (1254-1324 ई.)

  • मूल देश: इटली (वेनिस)
  • भारत आने का समय: 1292-1294 ई.
  • पुस्तक: “द ट्रेवल्स ऑफ मार्को पोलो”
  • वर्णन:
    • पांड्य वंश के शासनकाल का विवरण।
    • दक्षिण भारत के व्यापारिक केंद्र (कांचीपुरम, कालीकट) का वर्णन।
    • भारतीय मसालों और समुद्री व्यापार का उल्लेख।

8. अब्दुर रज़्ज़ाक (Abdur Razzak) (1413-1482 ई.)

  • मूल देश: फारस (ईरान)
  • भारत आने का समय: विजयनगर साम्राज्य (1443-1447 ई.)
  • पुस्तक: “मतला-उस-सादैन वा मजमा-उल-बहरैन”
  • वर्णन:
    • विजयनगर साम्राज्य की आर्थिक और सांस्कृतिक समृद्धि।
    • राजा देवराय द्वितीय के शासनकाल की महानता।
    • विजयनगर शहर की भव्यता और व्यापारिक संपन्नता।

9. निकोलो कंटी (Niccolò de’ Conti) (1395-1469 ई.)

  • मूल देश: इटली
  • भारत आने का समय: 1420-1444 ई.
  • पुस्तक: “नर्रेटिव ऑफ ट्रैवल्स”
  • वर्णन:
    • दक्षिण भारत के व्यापारिक केंद्रों का वर्णन।
    • भारतीय समाज और शाही दरबार का उल्लेख।
    • विजयनगर साम्राज्य की सैन्य शक्ति।

10. डोमिंगो पाइज़ (Domingo Paes) (16वीं शताब्दी)

  • मूल देश: पुर्तगाल
  • भारत आने का समय: 1520-1522 ई.
  • पुस्तक: “डोमिंगो पाइज़ की रिपोर्ट”
  • वर्णन:
    • विजयनगर साम्राज्य के कृष्णदेवराय का शासन।
    • भारतीय मंदिरों और उत्सवों का विवरण।
    • दक्षिण भारत की व्यापारिक व्यवस्था।

11. फर्नाओ नून्स (Fernão Nunes) (16वीं शताब्दी)

  • मूल देश: पुर्तगाल
  • भारत आने का समय: 1535-1537 ई.
  • पुस्तक: “फर्नाओ नून्स की रिपोर्ट”
  • वर्णन:
    • विजयनगर साम्राज्य की सैन्य और व्यापारिक शक्ति।
    • शाही दरबार की समृद्धि।
    • भारतीय समाज और आर्थिक व्यवस्था।

12. हेन्साग फायाग (Hyecho) (8वीं शताब्दी)

  • मूल देश: कोरिया
  • भारत आने का समय: 723-727 ई.
  • पुस्तक: “पिलग्रिमेज टू द फाइव इंडियन किंगडम्स”
  • वर्णन:
    • भारत के बौद्ध स्थलों का भ्रमण।
    • बौद्ध धर्म और शिक्षा व्यवस्था।
    • भारतीय समाज और धार्मिक परंपराएँ।

निष्कर्ष

विदेशी यात्रियों के वृत्तांत भारत के इतिहास के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इन यात्रियों ने विभिन्न युगों में भारत की सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक व्यवस्था का गहराई से अध्ययन किया।

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