वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण: विस्तृत जानकारी, घटनाएँ, रोचक तथ्य और सामान्य ज्ञान

वायु प्रदूषण क्या है?

वायु प्रदूषण वह स्थिति है जब वायुमंडल में हानिकारक गैसें, धूल, धुआं और विषैले रासायनिक तत्व सामान्य मात्रा से अधिक हो जाते हैं। यह पर्यावरण और जीवों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है। वायु प्रदूषण प्राकृतिक और मानव-जनित दोनों कारणों से हो सकता है।


वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण

  1. वाहनों से निकलने वाला धुआं – पेट्रोल और डीजल के दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसें निकलती हैं।
  2. औद्योगिक प्रदूषण – कारखानों से सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड और विषैले रसायन उत्सर्जित होते हैं।
  3. ज्वालामुखी विस्फोट – प्राकृतिक रूप से सल्फर डाइऑक्साइड, राख और धूल वायुमंडल में पहुंचती है।
  4. पराली जलाना – धुएं और सूक्ष्म कणों (PM2.5 और PM10) के कारण वायु गुणवत्ता खराब होती है।
  5. शहरीकरण और निर्माण कार्य – धूल, सीमेंट और अन्य कण हवा में घुलकर प्रदूषण को बढ़ाते हैं।
  6. एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर से CFC गैसें – ये ओजोन परत को नुकसान पहुँचाती हैं।
  7. परमाणु परीक्षण और रासायनिक गैसों का रिसाव – हवा में रेडियोधर्मी तत्व मिलकर दीर्घकालिक प्रदूषण पैदा करते हैं।

वायु प्रदूषण से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएँ

1. लंदन स्मॉग (1952)

लंदन में दिसम्बर 1952 में भयंकर धूम्रकोहरा (Smog) छा गया, जो औद्योगिक धुएं और कोयले के जलने से बना था। इस घटना में लगभग 12,000 लोगों की मृत्यु हुई।

2. भोपाल गैस त्रासदी (1984)

भारत के मध्य प्रदेश में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव हुआ। इस त्रासदी में हजारों लोग मारे गए और लाखों लोग प्रभावित हुए।

3. चीन का स्मॉग संकट (2013)

बीजिंग और शंघाई जैसे शहरों में औद्योगिक उत्सर्जन और वाहनों के धुएं के कारण घना स्मॉग बन गया, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हुई।

4. दिल्ली प्रदूषण संकट (हर साल दिवाली के बाद)

भारत की राजधानी दिल्ली हर साल दिवाली के बाद गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करती है। पराली जलाने, पटाखों और वाहनों के धुएं से AQI (Air Quality Index) खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है।


वायु प्रदूषण के प्रभाव

  1. मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव – फेफड़ों की बीमारियाँ, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, हृदय रोग और कैंसर का खतरा बढ़ता है।
  2. पर्यावरण पर प्रभाव – अम्लीय वर्षा (Acid Rain), ओजोन परत क्षरण और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
  3. जैव विविधता पर प्रभाव – प्रदूषण से कई जीवों की प्रजातियाँ संकट में आ जाती हैं।
  4. दृश्यता में कमी – धूल और धुएं के कारण कोहरे जैसी स्थिति बनती है, जिससे सड़क और हवाई यातायात प्रभावित होता है।

वायु प्रदूषण से जुड़े रोचक तथ्य

  1. विश्व में सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली और कानपुर का नाम आता है
  2. वायु प्रदूषण के कारण हर साल 70 लाख लोगों की असमय मृत्यु होती है
  3. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 91% लोग ऐसे स्थानों पर रहते हैं जहाँ वायु गुणवत्ता मानकों से खराब है
  4. चीन में हवा को साफ करने के लिए विशाल एयर प्यूरिफाइंग टावर बनाए गए हैं।
  5. पेड़-पौधे, विशेषकर नीम, तुलसी और पीपल, प्राकृतिक वायु शोधक (Air Purifiers) होते हैं
  6. भारत में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) 2019 में शुरू किया गया था, जिसका लक्ष्य 2024 तक वायु प्रदूषण को 20-30% तक कम करना है।
  7. दुनिया में सबसे साफ हवा फिनलैंड में पाई जाती है

वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय

  1. सार्वजनिक परिवहन (बस, मेट्रो) का अधिक उपयोग करें और निजी वाहनों का कम।
  2. हरित पट्टियों (Green Belts) और अधिक पौधारोपण को बढ़ावा दें।
  3. उद्योगों और कारखानों में फ़िल्टर और आधुनिक तकनीक का उपयोग करें।
  4. CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाएं।
  5. खुले में कचरा जलाने से बचें और पराली जलाने के समाधान खोजें।
  6. घरों में एयर प्यूरिफायर और मास्क का प्रयोग करें।
  7. सरकारी नीतियों और स्वच्छ वायु अभियानों का पालन करें।

MPPSC परीक्षा में संभावित प्रश्न

  1. वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत कौन-कौन से हैं?
  2. लंदन स्मॉग और भोपाल गैस त्रासदी से संबंधित जानकारी दें।
  3. वायु प्रदूषण से संबंधित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नीतियाँ कौन-कौन सी हैं?
  4. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) क्या होता है?
  5. वायु प्रदूषण से बचाव के लिए भारत सरकार की कौन-कौन सी योजनाएँ हैं?

यह जानकारी MPPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में आपकी मदद करेगी!

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