मौर्य साम्राज्य (321 ईसा पूर्व – 185 ईसा पूर्व)
मौर्य वंश भारत का पहला व्यापक साम्राज्य था, जिसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी। यह साम्राज्य अशोक महान के शासनकाल में अपने चरम पर पहुँचा और पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन किया।
1. मौर्य साम्राज्य का इतिहास
प्रमुख शासक और घटनाएँ:
- चंद्रगुप्त मौर्य (321 ईसा पूर्व – 297 ईसा पूर्व)
- नंद वंश को पराजित कर मौर्य वंश की स्थापना।
- आचार्य चाणक्य (कौटिल्य) के मार्गदर्शन में एक संगठित प्रशासनिक तंत्र की स्थापना।
- सेल्यूकस निकेटर से युद्ध कर अफगानिस्तान, बलूचिस्तान के क्षेत्र जीते।
- अंत में जैन धर्म अपनाया और श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) में निर्वाण प्राप्त किया।
- बिंदुसार (297 ईसा पूर्व – 273 ईसा पूर्व)
- यूनानी लेखकों ने इसे “अमित्रघात” कहा।
- कई क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की लेकिन कोई बड़ा युद्ध नहीं हुआ।
- अशोक महान (273 ईसा पूर्व – 232 ईसा पूर्व)
- कलिंग युद्ध (261 ईसा पूर्व) के बाद बौद्ध धर्म अपनाया।
- शिलालेखों और स्तंभों के माध्यम से बौद्ध धर्म का प्रचार किया।
- श्रीलंका, अफगानिस्तान, मिस्र, ग्रीस आदि में बौद्ध धर्म का प्रचार करवाया।
- धम्म नीति अपनाई और सामाजिक सुधार किए।
- बृहद्रथ (अंतिम शासक, 185 ईसा पूर्व)
- मौर्य वंश के अंतिम शासक बृहद्रथ की हत्या उसके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने कर दी और शुंग वंश की स्थापना हुई।
2. प्रमुख युद्ध
- नंद वंश पर विजय (चंद्रगुप्त मौर्य vs घनानंद, 321 ईसा पूर्व)
- सेल्यूकस निकेटर से युद्ध (चंद्रगुप्त मौर्य, 305 ईसा पूर्व)
- कलिंग युद्ध (अशोक, 261 ईसा पूर्व) – इसके बाद अशोक ने युद्ध का मार्ग छोड़ दिया।
3. प्रमुख पुस्तकें
- अर्थशास्त्र – लेखक: चाणक्य (कौटिल्य)
- प्रशासन, अर्थव्यवस्था, राजस्व, सैन्य नीति, कूटनीति पर आधारित।
- इंडिका – लेखक: मेगस्थनीज (यूनानी राजदूत)
- मौर्य शासन का विवरण मिलता है।
- दिव्यावदान – बौद्ध ग्रंथ, जिसमें अशोक की धम्म नीति का उल्लेख है।
- महावंश और दीपवंश – श्रीलंका के बौद्ध ग्रंथ, जिनमें अशोक का उल्लेख है।
4. प्रमुख मंदिर और स्थापत्य
- सांची स्तूप (मध्य प्रदेश) – अशोक द्वारा निर्मित, बौद्ध धर्म से संबंधित।
- धौली स्तूप (ओडिशा) – कलिंग युद्ध के बाद अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाने के प्रमाण यहाँ मिलते हैं।
- बोधगया (बिहार) – गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति हुई, अशोक ने यहाँ बोधि वृक्ष लगवाया।
- अमरावती स्तूप (आंध्र प्रदेश) – बौद्ध कला का उत्कृष्ट उदाहरण।
- नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय – शिक्षा केंद्र, मौर्य काल में समृद्ध हुए।
5. प्रसिद्ध स्थान
- पाटलिपुत्र (पटना, बिहार) – मौर्य साम्राज्य की राजधानी।
- श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) – चंद्रगुप्त मौर्य की समाधि।
- कलिंग (ओडिशा) – अशोक का निर्णायक युद्ध स्थल।
- धौली पहाड़ी (ओडिशा) – अशोक के शिलालेख पाए गए।
- गिरनार पहाड़ी (गुजरात) – अशोक के शिलालेख मौजूद हैं।
6. विशेष कार्य एवं उपलब्धियाँ
- एकीकृत प्रशासनिक व्यवस्था – प्रांत, जिले और गाँवों में विभाजित शासन प्रणाली।
- व्यापक सड़क निर्माण – पाटलिपुत्र से तकशशिला तक ग्रैंड ट्रंक रोड।
- राजस्व प्रणाली – भूमि कर और व्यापार कर लागू।
- सार्वजनिक निर्माण – जलाशय, सड़कें, अस्पताल, धर्मशालाएँ।
- सैन्य शक्ति – विशाल सेना, नौसेना की स्थापना।
- बौद्ध धर्म का प्रचार – श्रीलंका, ग्रीस, मिस्र तक धर्म प्रचार किया।
7. धर्म और संस्कृति
धार्मिक नीति:
- चंद्रगुप्त मौर्य – जैन धर्म अपनाया।
- बिंदुसार – अजिविक संप्रदाय को समर्थन।
- अशोक – बौद्ध धर्म अपनाया और धम्म नीति लागू की।
धम्म नीति:
- अहिंसा और सत्य का प्रचार।
- पशु बलि पर रोक।
- चिकित्सालयों का निर्माण।
- धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा।
- प्रशासनिक अधिकारियों को धम्म महामात्र कहा गया।
निष्कर्ष:
मौर्य साम्राज्य भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम युग था, जिसमें प्रशासनिक दक्षता, सैन्य शक्ति, आर्थिक समृद्धि और सांस्कृतिक विस्तार हुआ। अशोक की धम्म नीति ने भारत को अहिंसा और बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार का केंद्र बना दिया।