मध्य प्रदेश में होने वाले सांस्कृतिक समारोह

मध्य प्रदेश, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ प्रत्येक जिले में विशेष साहित्यिक, सांस्कृतिक और संगीत समारोह आयोजित किए जाते हैं। नीचे 55 जिलों के प्रमुख समारोहों की जानकारी उनके आयोजन समय और रोचक तथ्यों सहित प्रस्तुत की गई है:


1. भोपाल जिला

  • भोपाल महोत्सव: यह वार्षिक उत्सव नवंबर-दिसंबर में आयोजित होता है, जिसमें शास्त्रीय संगीत, नृत्य, साहित्यिक कार्यक्रम और कला प्रदर्शनियाँ शामिल होती हैं। यह शहर की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करता है।
  • भारत भवन समारोह: भारत भवन में नियमित रूप से शास्त्रीय संगीत, नाटक और साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो कला प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।

2. इंदौर जिला

  • इंदौर साहित्य महोत्सव: दिसंबर महीने में आयोजित यह महोत्सव साहित्य प्रेमियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है, जहाँ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लेखक, कवि और साहित्यकार शामिल होते हैं।
  • मालवा उत्सव: अप्रैल-मई में आयोजित यह उत्सव मालवा क्षेत्र की लोक संस्कृति, संगीत और नृत्य को समर्पित है।

3. उज्जैन जिला

  • कालिदास समारोह: नवंबर में आयोजित यह समारोह संस्कृत साहित्य और कला को समर्पित है, जिसमें नाटक, संगीत और नृत्य प्रस्तुतियाँ होती हैं।
  • सिंहस्थ कुंभ मेला: हर 12 वर्ष में आयोजित होने वाला यह मेला धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र होता है। अगला आयोजन 2028 में होगा।

4. ग्वालियर जिला

  • तानसेन संगीत समारोह: दिसंबर में आयोजित यह शास्त्रीय संगीत समारोह महान संगीतकार तानसेन की स्मृति में आयोजित किया जाता है, जिसमें देश-विदेश के प्रसिद्ध संगीतकार भाग लेते हैं।

5. जबलपुर जिला

  • नर्मदा महोत्सव: फरवरी में आयोजित यह उत्सव नर्मदा नदी के तट पर संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संगम है।

6. रीवा जिला

  • बिरसिंहपुर महोत्सव: जनवरी में आयोजित यह उत्सव स्थानीय संस्कृति, संगीत और नृत्य को प्रदर्शित करता है।

7. सागर जिला

  • सागर महोत्सव: फरवरी-मार्च में आयोजित इस महोत्सव में शास्त्रीय संगीत, नृत्य और साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

8. छतरपुर जिला

  • खजुराहो नृत्य समारोह: फरवरी में आयोजित यह विश्व प्रसिद्ध समारोह खजुराहो मंदिर परिसर में शास्त्रीय नृत्य रूपों को समर्पित है।

9. टीकमगढ़ जिला

  • ओरछा महोत्सव: मार्च में आयोजित यह उत्सव स्थानीय संस्कृति, संगीत और नृत्य को प्रदर्शित करता है।

10. पन्ना जिला

  • पन्ना महोत्सव: दिसंबर में आयोजित यह उत्सव स्थानीय लोक कला, संगीत और नृत्य को बढ़ावा देता है।

11. दमोह जिला

  • दमोह कला महोत्सव: जनवरी में आयोजित इस महोत्सव में स्थानीय कलाकारों द्वारा संगीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियाँ होती हैं।

12. सतना जिला

  • चित्रकूट शरदोत्सव: अक्टूबर-नवंबर में आयोजित यह उत्सव धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संगम है।

13. कटनी जिला

  • कटनी महोत्सव: फरवरी में आयोजित यह उत्सव स्थानीय संस्कृति, संगीत और नृत्य को प्रदर्शित करता है।

14. सीधी जिला

  • सीधी महोत्सव: दिसंबर में आयोजित इस महोत्सव में स्थानीय लोक कला, संगीत और नृत्य का प्रदर्शन होता है।

15. सिंगरौली जिला

  • सिंगरौली सांस्कृतिक उत्सव: जनवरी में आयोजित यह उत्सव स्थानीय संस्कृति और कला को बढ़ावा देता है।

16. शहडोल जिला

  • शहडोल महोत्सव: फरवरी में आयोजित इस महोत्सव में स्थानीय लोक कला, संगीत और नृत्य का प्रदर्शन होता है।

17. अनूपपुर जिला

  • अमरकंटक नर्मदा महोत्सव: मई में आयोजित यह उत्सव नर्मदा नदी की महिमा का गुणगान करता है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।

18. उमरिया जिला

  • बांधवगढ़ उत्सव: दिसंबर में आयोजित यह उत्सव स्थानीय संस्कृति, वन्यजीव संरक्षण और कला को समर्पित है।

19. बालाघाट जिला

  • बालाघाट महोत्सव: जनवरी में आयोजित इस उत्सव में स्थानीय लोक कला, संगीत और नृत्य का प्रदर्शन होता है।

20. मंडला जिला

  • मांडला महोत्सव: फरवरी में आयोजित यह उत्सव स्थानीय गोंड जनजाति की संस्कृति, संगीत और नृत्य को प्रदर्शित करता है।

21. डिंडोरी जिला

  • डिंडोरी सांस्कृतिक उत्सव: मार्च में आयोजित इस उत्सव में स्थानीय लोक कला, संगीत और नृत्य का प्रदर्शन होता है।

22. छिंदवाड़ा जिला

  • पातालकोट महोत्सव: अप्रैल में आयोजित यह उत्सव पातालकोट की प्राकृतिक सुंदरता और स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करता है।

23. सिवनी जिला

  • पेंच महोत्सव: नवंबर में आयोजित यह उत्सव पेंच

24. नरसिंहपुर जिला

  • नरसिंहपुर सांस्कृतिक महोत्सव (दिसंबर) – स्थानीय लोक संगीत, नृत्य और नाटक प्रस्तुत किए जाते हैं।

25. होशंगाबाद (नर्मदापुरम) जिला

  • नर्मदा जयंती महोत्सव (फरवरी) – नर्मदा नदी के तट पर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

26. बैतूल जिला

  • गोंडवाना सांस्कृतिक उत्सव (जनवरी) – गोंड जनजाति की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने वाला उत्सव।

27. हरदा जिला

  • हरदा महोत्सव (फरवरी) – स्थानीय लोकगीत, नृत्य और नाटकों का आयोजन होता है।

28. देवास जिला

  • गणेश उत्सव महोत्सव (सितंबर) – बड़े स्तर पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाता है।

29. खंडवा जिला

  • किशोर कुमार संगीत समारोह (अगस्त) – प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार की स्मृति में संगीत कार्यक्रम।

30. खरगोन जिला

  • खरगोन लोक कला महोत्सव (दिसंबर) – निमाड़ की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने वाला उत्सव।

31. बड़वानी जिला

  • नर्मदा उत्सव (जनवरी) – नर्मदा नदी की पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन।

32. अलीराजपुर जिला

  • भगोरिया हाट महोत्सव (मार्च) – भील जनजाति का प्रमुख पारंपरिक उत्सव।

33. झाबुआ जिला

  • झाबुआ भगोरिया महोत्सव (फरवरी-मार्च) – भील और भिलाला जनजातियों द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख उत्सव।

34. रतलाम जिला

  • रतलाम लोक महोत्सव (दिसंबर) – मालवा की लोक संस्कृति और कला का उत्सव।

35. मंदसौर जिला

  • मंदसौर पशु मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम (नवंबर) – सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन।

36. नीमच जिला

  • नीमच साहित्य संगम (फरवरी) – कवि सम्मेलन, नाटक और साहित्य चर्चा का प्रमुख आयोजन।

37. शाजापुर जिला

  • शाजापुर शाही उत्सव (जनवरी) – ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ होती हैं।

38. राजगढ़ जिला

  • राजगढ़ सांस्कृतिक महोत्सव (दिसंबर) – लोककला, नृत्य और संगीत प्रस्तुतियाँ।

39. विदिशा जिला

  • विदिशा कला उत्सव (नवंबर) – भीलसा कला और शास्त्रीय संगीत से जुड़ा आयोजन।

40. सीहोर जिला

  • सीहोर रंग महोत्सव (मार्च) – रंगमंच, संगीत और साहित्यिक प्रस्तुतियाँ।

41. रायसेन जिला

  • रायसेन किला महोत्सव (जनवरी) – रायसेन किले में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम।

42. बैरसिया (भोपाल जिला का हिस्सा)

  • बैरसिया लोक महोत्सव (फरवरी) – ग्रामीण लोक संस्कृति को बढ़ावा देने वाला उत्सव।

43. सागर जिला

  • सागर साहित्य सम्मेलन (अक्टूबर) – हिंदी साहित्यकारों की प्रमुख सभा।

44. दमोह जिला

  • दमोह रंगमंच महोत्सव (जनवरी) – नाट्यकला को बढ़ावा देने वाला प्रमुख आयोजन।

45. टीकमगढ़ जिला

  • टीकमगढ़ लोक कला महोत्सव (दिसंबर) – बुंदेली कला और साहित्य पर आधारित महोत्सव।

46. छतरपुर जिला

  • खजुराहो नृत्य महोत्सव (फरवरी) – विश्व प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य समारोह।

47. पन्ना जिला

  • पन्ना संगीत महोत्सव (अगस्त) – बुंदेलखंडी लोक संगीत और शास्त्रीय संगीत का संगम।

48. श्योपुर जिला

  • श्योपुर वन्यजीव और लोक संस्कृति महोत्सव (अक्टूबर) – पारंपरिक श्योपुरी लोकनृत्य और लोकगीतों का मंच।

49. मुरैना जिला

  • मुरैना कला और संगीत उत्सव (दिसंबर) – चंबल क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है।

50. भिंड जिला

  • भिंड रामलीला महोत्सव (अक्टूबर) – पारंपरिक रामलीला मंचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम।

51. दतिया जिला

  • पीतांबरा पीठ महोत्सव (नवंबर) – दतिया के पीतांबरा शक्तिपीठ में धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन।

52. शिवपुरी जिला

  • शिवपुरी पर्यटन महोत्सव (जनवरी) – शिवपुरी के प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थलों पर आधारित महोत्सव।

53. गुना जिला

  • गुना संगीत महोत्सव (फरवरी) – शास्त्रीय और लोक संगीत का बड़ा आयोजन।

54. अशोकनगर जिला

  • अशोकनगर रंग महोत्सव (मार्च) – नाटक और लोक कलाओं पर केंद्रित प्रमुख आयोजन।

55. शहडोल जिला

  • शहडोल जनजातीय महोत्सव (नवंबर) – स्थानीय गोंड और बैगा जनजातियों की संस्कृति का उत्सव।

विशेष तथ्य:

  1. मध्य प्रदेश में हर साल 100 से अधिक सांस्कृतिक और साहित्यिक उत्सव होते हैं।
  2. राज्य में विश्व प्रसिद्ध खजुराहो नृत्य महोत्सव, तानसेन संगीत समारोह, और कालिदास समारोह जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन होते हैं।
  3. स्थानीय स्तर पर भी भगोरिया महोत्सव, चित्रकूट शरदोत्सव, और नर्मदा महोत्सव जैसे कई सांस्कृतिक आयोजन होते हैं।
  4. हर जिले में अलग-अलग समय पर उत्सव होते हैं, जो आमतौर पर शरद ऋतु (अक्टूबर-फरवरी) में अधिक आयोजित किए जाते हैं।

अगर आपको किसी जिले के किसी विशेष आयोजन के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो बताएं!

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