मध्य प्रदेश में अनेक ऐतिहासिक शिलालेख पाए गए हैं, जो विभिन्न राजवंशों, शासन व्यवस्था, धार्मिक परंपराओं, युद्धों, समाज, संस्कृति और प्रशासनिक गतिविधियों की जानकारी देते हैं। ये शिलालेख मौर्य, गुप्त, शुंग, कुषाण, परमार, कलचुरी, चंदेल, तोमर, बुंदेला और मुगल काल से संबंधित हैं।
नीचे मध्य प्रदेश के सभी प्रमुख शिलालेखों की सूची, उनका काल, उन पर लिखी गई जानकारी, भाषा और लिपि दी गई है—
1. एरण शिलालेख (सागर)
- काल: गुप्त काल (5वीं शताब्दी)
- भाषा: संस्कृत
- लिपि: ब्राह्मी
- क्या लिखा गया है?
- यह भारत का सबसे पुराना सती प्रथा से जुड़ा शिलालेख है।
- इसमें गुप्त शासक भानुगुप्त द्वारा हूणों पर विजय का वर्णन है।
- यहाँ एक योद्धा की पत्नी के सती होने का उल्लेख है।
2. भानुगुप्त शिलालेख (एरण, सागर)
- काल: 484 ई. (गुप्त काल)
- भाषा: संस्कृत
- लिपि: ब्राह्मी
- क्या लिखा गया है?
- गुप्त सम्राट भानुगुप्त की हूणों पर जीत का उल्लेख।
- युद्ध में वीरगति प्राप्त सैनिकों के सम्मान में खुदवाया गया था।
3. अशोक के शिलालेख (गुजरात सीमा, मध्य प्रदेश)
- काल: 3री शताब्दी ईसा पूर्व (मौर्य काल)
- भाषा: प्राकृत
- लिपि: ब्राह्मी
- क्या लिखा गया है?
- इसमें अशोक के धम्म नीति का उल्लेख है।
- पशु बलि और हिंसा को रोकने के आदेश।
- जनकल्याण और धार्मिक सहिष्णुता का संदेश।
4. मंधाता शिलालेख (ओंकारेश्वर, खंडवा)
- काल: परमार काल
- भाषा: संस्कृत
- लिपि: देवनागरी
- क्या लिखा गया है?
- परमार वंश के शासकों के दान और मंदिर निर्माण का वर्णन।
- यहाँ विक्रमादित्य शब्द का उल्लेख।
5. बाघ गुफा शिलालेख (धार)
- काल: गुप्त काल
- भाषा: संस्कृत
- लिपि: ब्राह्मी
- क्या लिखा गया है?
- बौद्ध धर्म से संबंधित जानकारी।
- गुप्त शासकों द्वारा बौद्ध मठों के निर्माण का उल्लेख।
6. ग्वालियर किले का शिलालेख
- काल: तोमर वंश
- भाषा: संस्कृत
- लिपि: नागरी
- क्या लिखा गया है?
- तोमर राजा मानसिंह द्वारा ग्वालियर किले के निर्माण का उल्लेख।
- इसमें शून्य (0) के प्रयोग का सबसे पुराना प्रमाण मिलता है।
7. पिपरहवा शिलालेख (रीवा)
- काल: मौर्य काल
- भाषा: प्राकृत
- लिपि: ब्राह्मी
- क्या लिखा गया है?
- बुद्ध से जुड़ा सबसे पुराना शिलालेख।
- इसमें बुद्ध के अवशेष रखने का उल्लेख।
8. होशंगाबाद शिलालेख
- काल: परमार काल
- भाषा: संस्कृत
- लिपि: नागरी
- क्या लिखा गया है?
- इसमें नर्मदा तट पर गोंड शासकों द्वारा किए गए निर्माण कार्यों का उल्लेख।
9. बारहखंभा शिलालेख (विदिशा)
- काल: शुंग काल
- भाषा: संस्कृत
- लिपि: ब्राह्मी
- क्या लिखा गया है?
- इसमें यूनानी राजदूत हेलियोडोरस के आगमन का उल्लेख।
10. उदयगिरि गुफा शिलालेख (विदिशा)
- काल: गुप्त काल
- भाषा: संस्कृत
- लिपि: ब्राह्मी
- क्या लिखा गया है?
- गुप्त शासक चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) द्वारा कराए गए धार्मिक कार्यों का उल्लेख।
11. कटनी शिलालेख
- काल: मौर्य काल
- भाषा: प्राकृत
- लिपि: ब्राह्मी
- क्या लिखा गया है?
- भारत की सबसे पुरानी प्राकृत भाषा का शिलालेख।
- तत्कालीन शासन व्यवस्था का उल्लेख।
12. करनवास शिलालेख (अशोकनगर)
- काल: मौर्य काल
- भाषा: प्राकृत
- लिपि: ब्राह्मी
- क्या लिखा गया है?
- अशोक के धम्म से जुड़े आदेश।
13. ग्यारसपुर शिलालेख (विदिशा)
- काल: गुप्त काल
- भाषा: संस्कृत
- लिपि: ब्राह्मी
- क्या लिखा गया है?
- हिंदू धर्म के विभिन्न संप्रदायों का उल्लेख।
14. सोनागिरि शिलालेख (दतिया)
- काल: जैन तीर्थकाल
- भाषा: संस्कृत
- लिपि: नागरी
- क्या लिखा गया है?
- जैन धर्म के प्रमुख तीर्थंकरों का उल्लेख।
15. रीवा किला शिलालेख
- काल: बघेल वंश
- भाषा: संस्कृत
- लिपि: नागरी
- क्या लिखा गया है?
- रीवा के शासकों की वंशावली और युद्ध अभियानों का उल्लेख।
विशेष तथ्य
- सबसे पुराना शिलालेख: अशोक का शिलालेख (मौर्य काल)।
- सबसे पुराना सती प्रथा से जुड़ा शिलालेख: एरण शिलालेख (सागर)।
- सबसे पुराना गणितीय प्रमाण: ग्वालियर किले के शिलालेख में ‘0’ का प्रयोग।
- सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध धर्म से जुड़ा शिलालेख: पिपरहवा शिलालेख (रीवा)।
- सबसे पुराना यूनानी प्रभाव वाला शिलालेख: हेलियोडोरस स्तंभ (विदिशा)।
यह सभी MPPSC, UPSC और अन्य परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।