मध्य प्रदेश के विश्व धरोहर स्थल

मध्य प्रदेश में यूनेस्को द्वारा घोषित तीन विश्व धरोहर स्थल हैं। ये स्थल अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वास्तुशिल्पीय महत्व के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं।


1. खजुराहो के मंदिर (Khajuraho Group of Monuments)

  • घोषणा: 1986 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
  • स्थान: छतरपुर जिला, मध्य प्रदेश।
  • निर्माणकाल: 950-1050 ईस्वी (चंदेल वंश के शासनकाल में)।
  • मुख्य आकर्षण:
    • खजुराहो के मंदिर अपनी उत्कृष्ट नागर शैली की वास्तुकला और कामुक मूर्तियों (कामशास्त्र आधारित शिल्प) के लिए प्रसिद्ध हैं।
    • ये मंदिर हिंदू और जैन धर्म से जुड़े हुए हैं।
    • मंदिरों को मुख्य रूप से तीन समूहों में विभाजित किया गया है – पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी समूह
    • प्रमुख मंदिर – कंदरिया महादेव मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर।

2. सांची स्तूप (Buddhist Monuments at Sanchi)

  • घोषणा: 1989 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
  • स्थान: रायसेन जिला, मध्य प्रदेश।
  • निर्माणकाल: तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व (मौर्य सम्राट अशोक द्वारा निर्मित)।
  • मुख्य आकर्षण:
    • यह भारत का सबसे पुराना बौद्ध स्मारक स्थल है।
    • सांची स्तूप भगवान बुद्ध के अवशेषों को संरक्षित करने के लिए बनाया गया था।
    • यहाँ पर कई छोटे-बड़े स्तूप, बौद्ध विहार, तोरण द्वार और अशोक स्तंभ स्थित हैं।
    • तोरण द्वारों (गेटवे) पर भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित सुंदर नक्काशी की गई है।

3. भीमबेटका की गुफाएँ (Rock Shelters of Bhimbetka)

  • घोषणा: 2003 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
  • स्थान: रायसेन जिला, मध्य प्रदेश।
  • महत्व:
    • भीमबेटका गुफाएँ भारत की सबसे पुरानी मानव सभ्यता के प्रमाण प्रस्तुत करती हैं।
    • यहाँ की गुफाओं में 30,000 साल पुरानी चित्रकला है, जो पाषाण युग (Stone Age) से संबंधित है।
    • यह स्थल मानव जीवन के प्रारंभिक विकास और उनकी सांस्कृतिक गतिविधियों को दर्शाता है।
    • यहाँ शिकार, नृत्य, संगीत और पशुपालन से संबंधित चित्र उकेरे गए हैं।

संक्षेप में

  • खजुराहो के मंदिर: नागर शैली की वास्तुकला और कामशास्त्र पर आधारित मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध।
  • सांची स्तूप: बौद्ध धर्म से जुड़ा विश्व का सबसे पुराना स्तूप स्थल।
  • भीमबेटका गुफाएँ: प्राचीन मानव सभ्यता और शैल चित्रों का केंद्र।

ये सभी धरोहर स्थल मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संपदा को दर्शाते हैं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं।

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